केवल ३० सेकंद में तीसरे विश्‍वयुद्ध का विस्फोट हो सकता है – द मिरर

केवल ३० सेकंद में तीसरे विश्‍वयुद्ध का विस्फोट हो सकता है –  द मिरर

सिरिया में रशिया और अमरिकी लडाकू विमानों के हमले के कारण केवल ३० सेकंद में तीसरे विश्‍वयुद्ध का विस्फोट हो सकता है, ऐसी चेतावनी विशेषज्ञों ने दी है| रशिया और अमेरिकी लडाकू विमानों के बीच की गलतफहमी तिसरे विश्‍वयुद्ध का कारण बन सकती है, ऐसा इशारा ‘द मिरर’ नामक ब्रिटन के अखबार ने दिया है| जर्मनी के विदेश मंत्री ने भी रशिया और अमेरिका को इस मामले में सावधानी बरतने की सलाह दी है|

syria warरशिया ने सिरिया में बसे ‘आय एस’ के ठिकानों पर भारी बमबारी शुरू कर दी है| इससे ‘आय एस’ को भारी नुकसान झेलना पड रहा है| अमेरिका, फ्रान्स और ब्रिटन के लडाकू हवाई जहाज भी सिरिया के क्षेत्र में ‘आय एस’ पर हवाई हमले कर रहे है| इसलिए इस हवाई क्षेत्र में रशिया और अमेरिका के लडाकू विमान एक दुसरे के सामने आ रहे हैं| अपने हमले के दौरान अगर रशिया के लडाकू विमान सामने आए, तो उन्हें उडा देने के आदेश ब्रिटन ने अपने लडाकू विमानों को दिए हैं| वहीं, अमेरिका ने अपेनी कार्रवाई में दखल अंदाजी न करने की चेतावनी रशिया को पहले ही दे रखी है| रशिया ने भी अमेरिका, तथा ब्रिटन और फ्रान्स के लडाकू विमानों को अपने हवाई हमलों से दूर रहने की सूचना दे दी है|

सिरिया में हमले के दौरान यदि किसी एक देश का लडाकू विमान गिर गया, तो इस से हडकंप मच सकता है| रशिया और अमेरिका भी सिरिया में प्रक्षेपास्त्र हमले कर रहे हैं| इसलिए लडाकू विमानों के गिरने के आसार बढ गये हैं| ‘द मिरर’ने एक विशेषज्ञ का हवाला देते हुए कहा है कि अगर इन में से किसी भी देश का लडाकू विमान गिर गया, तो गलतफहमी की वजह से भी तीसरा विश्‍वयुद्ध शुरू हो सकता है|

इसी दौरान जर्मनी के विदेश मंत्री ‘फ्रँकवॉल्टर स्टेईनमेर’ ने रशिया और अमेरिका को इस बारे में सावधानी बरतने की सलाह दी है| सिरिया में कारवाई के दौरान अब तक चार बार अमेरिका और रशिया के लडाकू विमान एक दूसरे के सामने आये थे| इसलिए सावधानी बरताना बहुत ही जरूरी बन गया है, ऐसा जर्मनी के विदेश मंत्री का मानना है| इस दबाव के चलते रशिया और अमेरिका द्वारा सिरिया में चल रही कार्रवाई पर चर्चा करने का निर्णय लिया था| दोनों देश जल्द ही इस बारे में समन्वय स्थापित कर तीसरे विश्‍वयुद्ध की भयंकर संभावना को टालने की कोशिश करेंगे, ऐसा माना जा रहा है|

लेकिन इस चर्चा के दौरान भी रशिया और अमेरिका एक दूसरे की कडी आलोचना कर रहे हैं| सिरिया में रशियन लडाकू विमानों के हमले भयंकर साबित हो सकते हैं, ऐसा अमेरिका ने कहा है| ‘आय एस’ के बजाय रशिया सिरियन विद्रोहियों को लक्ष्य कर रहा है| इसके पीछे सिरियाई राष्ट्रपति अस्साद का शासन मजबूत करने का रशिया का उद्दे्श्य है, ऐसा आरोप अमेरिका लगा रहा है| रशिया ने इसका करारा जबाब दिया है|

रशिया के राष्ट्रपति पुतिन ने कहा है कि भारी मात्रा में अमेरिका द्वारा किये गये हमलों के बावजूद भी ‘आय एस’ का नुकसान नहीं हुआ है, यह बात अमेरिका के हमले विफल रहे हैं, यह साबित करने के लिए काफी है| रशिया ये हमले सिरियाई सरकार के कहने पे कर रहा है| इसलिए रशिया के इन हमलों को वैधता मिली है| अब अगर सिरिया में आय एस के खिलाफ अमेरिका को कुछ करना है, तो उसे सिरिया सरकार और रशिया के साथ मिलकर कार्रवाई करनी होगी| अन्यथा अमेरिका को रशिया की कारवाई पर आपत्ति जताने का अधिकार नहीं बनता, ऐसा राष्ट्रपति पुतिन का कहना है|

सिरिया में शुरू इस संघर्ष से क्षेत्रीय राजनीति प्रभावित हो रही है| ईरान के सैनिक सिरिया के अलेप्पो शहर में घुसकर सिरियाई सेना के साथ ‘आय एस’ के खिलाफ कारवाई कर रहे हैं| वहीं, सौदी अरेबिया के धर्मगुरुओं द्वारा रशिया तथा सिरियाई राष्ट्रपति अस्साद के खिलाफ धर्मयुद्ध का नारा देकर अपने समर्थकों को उनके खिलाफ युद्ध करने का आदेश दिया गया है| सौदी अरेबिया ने खुले आम सिरियाई विद्रोहियों को हथियार और पैसे की सहायता करने की घोषणा कर, उनपर हमला बोलनेवाले रशिया को धमकाया था| इसलिए सिरिया में अब ईरान और सौदी जैसे ताकतवर देशों के बीच में भी लडाई छिड गयी है|

(Courtesy: www.newscast-pratyaksha.com)

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