नाटो और यूरोपीय महासंघ की सदस्यता प्राप्त करने के लिए युक्रैन ने संविधान में किया सुधार – रशिया को प्रत्युत्तर देने की कोशिश

नाटो और यूरोपीय महासंघ की सदस्यता प्राप्त करने के लिए युक्रैन ने संविधान में किया सुधार – रशिया को प्रत्युत्तर देने की कोशिश

किव्ह – यूरोपीय महासंघ एवं नाटो में शामिल होना, यही अपना आगे से सबसे अहम उद्देश्य रहेगा, इन शब्दों में युक्रैन के राष्ट्राध्यक्ष पेट्रो पोरोशेन्को इन्होंने कहा है। नाटो एवं यूरोपीय महासंघ में शामिल होने के लिए ही देश की संविधान में सुधार किया है, यह ऐलान उन्होंने किया। इस दौरान योजित कार्यक्रम पर यूरोपियन काऊंसिल के प्रमुख डोनाल्ड टस्क भी उपस्थित थे। युक्रैन की संसद एवं राष्ट्राध्यक्ष पोरोशेन्को इन्होंने संविधान में सुधार करने संबंधी की घोषणा रशिया से हो रहे विरोध को प्रत्युत्तर देने की कोशिश का हिस्सा होने की बात मानी जा रही है।

वर्ष २०१४ में युक्रैन के उस समय के राष्ट्राध्यक्ष व्हिक्टर यानुकोविच इन्होंने अपना देश ‘तटस्थ’ भूमिका अपनाएगा, यह ऐलान किया था। साथ ही उन्होंने नाटो में शामिल होने से इन्कार भी किया था। यूरोपीय महासंघ के साथ ‘असोसिएशन एग्रिमेंट’ पर हस्ताक्षर करने से भी वह दूर रहे थे। उसके बाद युक्रैन में हुए प्रदर्शनों में युनकोविच इनकी सरकार पलट कर रशिया के कडे विरोधक के तौर पर जाने जा रहे पेट्रो पोरोशेन्को नए राष्ट्राध्यक्ष बने थे। उसके बाद रशिया ने युक्रैन पर हमला करके क्रिमिया पर कब्जा किया था।

रशिया की बढती आक्रामकता की वजह से राष्ट्राध्यक्ष पोरोशेन्को इन्होंने यूरोपीय महासंघ के साथ हुए समझौते पर हस्ताक्षर करने के साथ ही नाटो की सदस्यता प्राप्त करने की कोशिश तेज करने के लिए स्वतंत्र कानून भी पारीत किया था। उसके बाद वर्ष २०१८ में संविधान में सुधार करने के लिए प्रस्ताव पेश किया गया था।

इस प्रस्ताव में नाटो के साथ ही यूरोपीय महासंघ की सदस्यता का भी जिक्र है और ७ फरवरी के दिन संसद ने संविधान में सुधार करने के लिए मंजूरी दी। उसके बाद मंगलवार के दिन युक्रैन की संसद में इस संबंधी ऐलान करने के साथ वर्ष २०२३ में महासंघ की सदस्यता प्राप्त करने के लिए जरूरी अर्जी दाखिल करने का ऐलान भी राष्ट्राध्यक्ष पोरोशेन्को इन्होंने किया।

पिछले वर्ष नवंबर महीने में ‘सी ऑफ एझोव्ह’ की समुद्री क्षेत्र में रशिया ने युक्रैन की तीन गश्ती नौका एवं २४ नौसैनिकों की गिरफ्तारी की थी। उसके बाद दोनों देशों में बना विवाद और भी बढा है। इस पृष्ठभूमि पर क्रिमीआ का निवाला लेने के बाद रशिया युक्रैन के और भी टुकडे करने की तैयारी में होने का आरोप युक्रैन से हो रहा है। इसके लिए, युक्रैन की पूर्वी हिस्से में तैनात लष्कर एवं परमाणु बैलेस्टिक मिसाइल की तैनाती की ध्यान आकर्षित किया गया है।

इसी वजह से युक्रैन ने संविधान में किया सुधार रशिया की आक्रामकता को जवाब देने की कोशिश हो सकती है, ऐसा कहा जा रहा है। इसी दौरान यूरोपियन काऊंसिल के प्रमुख डोनाल्ड टस्क इनकी संसद में दिखाई दी हुई उपस्थिति इस मुद्दे पर यूरोपीय देश युक्रैन के साथ होने की बात दिखा रही है। इस दौरान टस्क इन्होंने किए भाषण में भी, ‘युक्रैन के अलावा यूरोप पूरा नही होगा’, यह कहकर युक्रैन के महासंघ में शामिल होने की कोशिश को समर्थन घोषित किया।

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