चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत एक करोड युवाओं को ‘ग्रामीण’ क्षेत्र में भेजने की तैयारी में – माओ की ‘सांस्कृतिक क्रांती’ दोहराने के संकेत

चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत एक करोड युवाओं को ‘ग्रामीण’ क्षेत्र में भेजने की तैयारी में – माओ की ‘सांस्कृतिक क्रांती’ दोहराने के संकेत chinese-communist-party-plans-to-send-ten-million-youth-to-the-rural-areas

बीजिंग – चीन की शासक कम्युनिस्त पार्टी ने ‘ग्रामीण’ क्षेत्र के विकास के लिए देश के करीबन एक करोड से अधिक युवकों को गावों में भेजने का महत्वाकांक्षी प्लैन तैयार किया है| चीन के सांस्कृतिक, तकनीकी एवं वैद्यकिय विकास का प्रसार ग्रामीण क्षेत्र में भी हो, इस उद्देश्य से इस प्लैन पर अमल होगा, यह दावा किया जा रहा है| लेकिन, चीन में चोटी के विश्‍लेषकों ने इस प्लैन के पीछे चीन की वित्तीय गतिविधियां कारण है और बेरोजगारी जैसी कडी समस्या छिपाने के लिए इस नए प्लैन का इस्तेमाल किया जाएगा, यह चेतावनी दी है|

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पिछले कुछ वर्षों में चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग लगातार चीन के राष्ट्रपिता एवं सर्वोच्च नेता ‘माओ त्से-तुंग’ के बराबरी का या उनसे श्रेष्ठ स्थान प्राप्त करने की कोशिश कर रहे है| इसके लिए जिनपिंग इन्होंने अपने पार्टीसे खुद को ‘कोअर लीडर’ के तौर पर घोषित करवाया था| उसके बाद अपने विचार पार्टी की संविधान में शामिल कराने की एवं अपना स्थान मजबूत करने के लिए देशभर में शुरू मुहीमों से पक्ष और देश के सुप्रीमो होने की प्रतिमा तैयार करने की कोशिश भी उन्होंने की थी| फिलहाल पक्ष, सरकार एवं सुरक्षादल इन तिनों के प्रमुख के तौर पर जिनपिंग बने है और माओ इनके तानाशाही के समान उनका एकाधिकार बना है, यह कहा जा रहा है|

लेकिन, साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन की मजबूत प्रतिमा तैयार करने में जिनपिंग ज्यादा सफल हुए नही है| अमरिका के साथ व्यापारयुद्ध एवं ‘वन बेल्ट वन रोड’ परियोजना से प्राप्त झटकों की वजह से चीन की वित्तव्यवस्था में जोरों से उथल पुथल शुरू है| अंतर्गत स्तर पर कर्जे का पहाड खडा हुआ है और ऐसे में ही चीन के अंतरराष्ट्रीय व्यापार में गिरावट हो रही है| इस स्थिति के कारण चीन में कई बडे उद्योग खतरे का इशारा दे रहे है| पिछले दो वर्षों में चीन में कुछ बडी कंपनीयों ने दिवालिया घोषित किया था |

इस पृष्ठभूमि पर ध्यान दे तो चीन की शासक कम्युनिस्ट पाटी ने शहरों से एक करोड से अधिक युवाओं को गांव भेजने की बनाई परियोजना ध्यान आकर्षित कर रही है| पिछले वर्ष जनवरी महीने में गरिबी हटाने की मुहिम के तहेत देश के करीबन एक करोड लोगों को दुसरे स्थान पर स्थलांतर करने का प्रयोग किया गया| चीन के सभी २२ प्रांतो में शुरू की गई इस मुहिम की ज्यादातर जानकारी सामने नही आ सकी है| लेकिन, फिर भी करीबन २५ लाख से अधिक लोगों का स्थलांतरण हुआ होगा, यह समझा जा रहा है|

चीन के ‘ग्लोबल टाईम्स’ समाचार पत्र ने युवकों को गांव भेजने के प्लैन की जानकारी देते समय साम्यवादी क्रांती के प्रणेता ‘माओ त्से-तुंग’ इनकी सांस्कृतिक क्रांती का जिक्र किया है| वर्ष १९६०-७० के दशक में अमल हुई इस परियोजना के तहेत करोडों युवकों को ग्रामीण इलाके में भेजकर विकास के प्लैन पर अमल करने की जिम्मेदारी दी गई थी| चीन के वर्तमान के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग इन्हें भी उम्र के १६ वे वर्ष में ‘शांक्सी’ प्रांत में?भेजा गया था और उनसे गाव में सात वर्ष काम करवाया गया था|

नई परियोजना के नुसार युवकों को भेजने के लिए साम्यवादी क्रांती की नींव रहे हिस्से एवं वांशिक अल्पसंख्यांकों का निवास होनेवाले इलाकों का चयन किया गया है| वर्ष २०२० तक इस परियोजना पर अमल होगा यह जानकारी ‘कम्युनिस्ट यूथ लीग’ ने प्रसिद्ध किए पत्र से जारी की है|

चीन के चोटी के विश्‍लेषक ‘झँग लिफन’ इन्होंने जिनपिंग इनकी इस विशेष प्लैन के पीछे आर्थिक उथल पुथल ही कारण है, यह दावा किया है| इस वर्ष करीबन ८६ लाख पदवी प्राप्त युवक बेरोजगार रहे है और नजदिकी समय में यह संख्या बढने की आशंका है| यह बढती बेरोजगारी चीन की शासक हुकूमत के लिए सिरदर्द साबित होगी, यह ध्यान में रखकर इन युवकों को ग्रामीण हिस्से में भेजने की कल्पना की गई है, ऐसा लिफन इन्होंने अपने दावे में कहा है|

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