अफगानिस्तान में हुए आत्मघाती हमलें में ६३ लोग मारे गए;  १८० से भी अधिक जख्मी

अफगानिस्तान में हुए आत्मघाती हमलें में ६३ लोग मारे गए;  १८० से भी अधिक जख्मी

काबुल – अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में आतंकियों ने एक शादी के समारोह में किए आत्मघाती हमलें में ६३ लोगों की बलि गई है| पिछले कुछ महीनों में अफगानिस्तान में हुआ यह सबसे बडा आतंकी हमला साबित होता है| ‘आईएस’ ने इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी स्वीकारी है| लेकिन, आतंकियों की सहायता करनेवाली तालिबान भी इस हमले के लिए उतनी ही जिम्मेदार होने का आरोप अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी ने किया है| वही, इस हमले की वजह से तालिबान के साथ शांतिवार्ता करने में कुछ मतलब नही है, यह आलोचना अफगानिस्तान में शुरू हुई है|

आत्मघाती हमलें, शांतिवार्ता, अश्रफ गनी, आईएस, आलोचना, अफगानिस्तान, तालिबान, अमरिका राजधानी काबुल के पश्‍चिमी हिस्से में शनिवार रात एक शादी के समारोह के लिए बडी संख्या में भीड हुई थी| इसी बीच यह हमला हुआ| हमले के दौरान हुए विस्फोट के समय घटनास्थल पर एक हजार से भी अधिक लोग मौजूद थे| इस हमले में ६३ लोग मारे गए है और १८२ जख्मी हुए है| मृतक एवं जख्मी लोगों में महीला और बच्चों की संख्या ज्यादा होने की जानकारी अफगानिस्तान के अंतर्गत रक्षा मंत्रालय ने दी है| इससे पहले शादी के समारोह में हमलें करनेवाली तालिबान ही इस हमले के लिए जिम्मेदार होने की बात कही जा रही थी| लेकिन, तालिबान ने इस हमले से अपना संबंध ना होने की बात कहकर इस हमले का निषेध किया|

रविवार के दिन आतंकी ‘आईएस’ संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी स्वीकारी| लेकिन, अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष गनी ने इस विस्फोट के लिए तालिबान ही जिम्मेदार होने का दावा किया| अफगानिस्तान का आतंकवाद तालिबान से प्रेरित है और ‘आईएस’ को भी इसी संगठन ने सहायता दी है, यह आरोप राष्ट्राध्यक्ष गनी ने किया| तालिबान की वजह से अफगानिस्तान में अस्थिरता बनी है और इस जिम्मेदारी से तालिबान अपनी रिहाई कर नही सकती, यह गनी बात गनी ने डटकर रखी|

अफगानिस्तान की शांति और स्थिरता के लिए तालिबान के साथ हो रही शांतिवार्ता सही राह पर आगे बढने का ऐलान अमरिका ने हाल ही में किया था| लेकिन, इसके बाद भी अफगानिस्तान में हो रहे आतंकी हमलें बंद नही हुए है, यह तक्रार राष्ट्राध्यक्ष गनी और अफगान जनता कर रही है| इस वजह से तालिबान के साथ हो रही शांतिवार्ता का कुछ मतलब रहा नही है, यह आलोचना अफगान जनता सोशल मीडिया पर कर रही है| अफगान माध्यमों ने भी तालिबान की इस भूमिका पर सवाल किया है| आतंकवाद की राह छोडने संबंधी दिया अपना वादा तालिबान निभा सकेगी क्या, यह सवाल भी इस अवसर पर पुछा जा रहा है|

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