आखिरकार ब्रिटेन की यूरोपिय महासंघ से ‘एक्जिट’ हुई – स्कॉटलैंड से प्राप्त हुए अलग संकेत

आखिरकार ब्रिटेन की यूरोपिय महासंघ से ‘एक्जिट’ हुई – स्कॉटलैंड से प्राप्त हुए अलग संकेत

लंदन – करीबन ४७ वषों तक यूरोपिय महासंघ का सदस्य रहा ब्रिटेन ने शुक्रवार की रात यूरोपिय महासंघ से ‘एक्जिट’ की| इस घटना ने पिछले ४० महिनों से भी अधिक समस से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनी अनिश्चितता खतम हुई है, यही समझा जा रहा है|

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने ‘ब्रेक्जिट’ की यह घटना ब्रिटीश जनता के लिए आशा की किरण होने की उम्मीद जताई| इसी दौरान ब्रिटेन का हिस्सा होनेवाले स्कॉटलैंड ने अलग संकेत देकर महासंघ का हिस्सा होने में रुचि दिखाई है|

जून २०१६ में यूरोपिय महासंघ की सदस्यता को लेकर ब्रिटेन में सार्वमत किया गया था| इस दौरान ब्रिटीश जनता यूरोपिय महासंघ से बाहर निकलने के पक्ष में खडी हुई थी| ब्रिटीश जनता के इस निर्णय की संमिश्र गुंज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुनाई पडी थी| इस सार्वमत के बाद ब्रिटेन में दो गुट बने थे| एक गुट यूरोपिय महासंघ के साथ रहने के लिए गतिविधिया करता दिख रहा था| तभी दूसरा गूट ब्रिटेन के भविष्य के लिए ‘बेक्जिट’ आवश्यक है, यह बात आक्रामकता के साथ रख रहा था|

सार्वमत के बाद मात्र तीन वर्षों में ब्रिटेन के दो प्रधानमंत्री ‘ब्रेक्जिट’ करने में असफल होने से इस्तीफा देने के लिए मजबूर हुए थे| पर, बोरिस जॉन्सन ने ‘ब्रेक्जिट होगी ही’, इस भूमिका पर बरकरार रहकर बहुमत प्राप्त किया और ब्रिटीश जनता ने किए निर्णय का सम्मान करने में भी सफल हुए| ‘ब्रिटेन की जनता को सियासी जटिलता के कारण ‘ब्रेक्जिट’ कभी मुमकिन ही नही होगा, यह भरोसा हो रहा था| पर, मेरा काम देश को आगे ले जाना है’, इन शब्दों में प्रधानमंत्री जॉन्सन ने ब्रेक्जिट कामयाब होगी, यह उम्मीद जताई|

शुक्रवार के दिन यूरोपिय महासंघ से ब्रिटेन अलग हो रहा था तभी ब्रिटेन समेत यूरोपिय महासंघ मे भी संमिश्र प्रतिक्रिया प्राप्त होती दिखाई दे रही थी| राजधानी लंदन के साथ ब्रिटेन के कई हिस्सों में ब्रिटेन का राष्ट्रध्वज फहराकर और गाने लगाकर जल्लोष हो रहा था| इसी दौरान ब्रिटेन का हिस्सा होनेवाले स्कॉटलैंड में अलग ही स्वर सुनाई दिए| स्कॉटलैंड की नेता निकोला स्टर्जन ने फिर एक बार स्कॉटलैंड की आजादी का जिक्र करके आजाद स्कॉटलैंड का भविष्य यूरोपिय महासंघ के साथ जुडा रहेगा, इन शब्दों में महासंघ से बनी नजदिकियां दिखाई|

महासंघ के प्रमुख देश फ्रान्स ने ब्रेक्जिट की घटना एक ऐतिहासिक संदेशा है और इसके आगे महासंघ में बडे बदलाव होना जरूरी होने की बात कही| तभी, जर्मनी ने अफसोस जताकर ब्रिटेन का निर्णय स्वीकार ने की बात भी स्पष्ट की| शुक्रवार के रोज ब्रिटेन महासंघ से बाहर निकला हो, फिर भी ३१ दिसंबर, २०२० तक का समय ‘ट्रान्झिशन’ का समय रहेगा, यह भी तय किया गया है|

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