चीन के बाँधों के कारण ‘मेकाँग रिव्हर’ क्षेत्र के देशों को सूखे का झटका – अभ्यासगुटों का आरोप

चीन के बाँधों के कारण ‘मेकाँग रिव्हर’ क्षेत्र के देशों को सूखे का झटका  – अभ्यासगुटों का आरोप

बीजिंग – चीन द्वारा निर्माण किये गएँ ११ बाँधों के कारण ‘मेकाँग रिव्हर’ क्षेत्र के एशियाई देशों को सूखे का झटका लग रहा है, ऐसा आरोप कुछ अभ्यासगुटों ने किया है। चीन हालाँकि पहले से ही पड़ोसी देशों पर दबाव डाल रहा है, फिर भी अब कोरोना महामारी की पृष्ठभूमि पर, इन देशों में चीनविरोधी भावनाएँ तीव्र बन सकती हैं, ऐसा दावा भी इन अभ्यासगुटों ने किया। चीन ने उसपर होनेवाले आरोप ठुकराये हैं।

चीन के तिब्बत में से उद्गमित होनेवाली ‘लँकांग’ यह नदी दक्षिण एशियाई देशों में ‘मेकाँग’ नाम से जानी जाती है। तिब्ब्त से वियतनाम तक, लगभग चार हज़ार तीनसौ किलोमीटर की लम्बाई होनेवाली यह नदी चार देशों के लिए जीवनवाहिनी का काम करती है। इनमें लाओस, कंबोडिया, थायलंड तथा वियतनाम इन देशों का समावेश है।

इन चारों दक्षिण एशियाई देशों में ख़ेती, मच्छिमारी और बिजलीनिर्माण ये क्षेत्र ‘मेकाँग’ नदी पर निर्भर करते हैं। लेकिन पिछले दो सालों से इन देशों को सूखे का सामना करना पड़ रहा है। वियतनाम को पिछले वर्ष के जुलाई महीने में इस सूखे के कारण आपातस्थिति घोषित करनी पड़ी थी।

अमरीका से ‘स्टीमसन सेंटर’ इस अभ्यासगुट ने, इस सूखे के पीछे चीन के बाँध होने का आरोप किया। चीन द्वारा निर्माण किये गए इन बाँधों ने मेकाँग नदी के पानी की धारा बंद कर दी, ऐसा ‘स्टीमसन सेंटर’ के संचालक ब्रायन आयलर ने कहा है। पिछले महीने ‘आईज ऑन अर्थ इंक.’ इस गुट ने जारी की रिपोर्ट में भी, चीन ने अधिक बारिश होने के बाद पानी रोककर रखा, ऐसा बताया गया था। इस गुट ने, सैटेलाईट्स् के ज़रिये खींचीं हुईं तस्वीरें भी प्रकाशित की थीं।

दक्षिण एशिया की ‘मेकाँग कम्युनिटी इन्स्टिट्यूट’, ‘३एस रिव्हर्स प्रोटेक्शन नेटवर्क’ इन स्वयंसेवी संस्थाओं ने भी चीन के विरोध में होनेवाले आरोपों की पुष्टि की है। ‘ख़ेती से मिलनेवाला उत्पन्न घट रहा है, नदी में मछलियों की मात्रा कम हुई है और मवेशी तथा अन्य प्राणी भी मर रहे हैं। इसका सबसे बड़ा झटका ‘मेकाँग’ क्षेत्र की जनता को लगा है’, ऐसी जानकारी ‘३एस रिव्हर्स प्रोटेक्शन नेटवर्क’ के लिआंग ने दी।

मलेशिया के ‘इन्स्टिट्यूट ऑफ स्ट्रॅटेजिक अँड इंटरनॅशनल स्टडीज’ इस अभ्यासगुट ने, कोरोना महामारी के कारण मेकाँग क्षेत्र में चीनविरोधी भावनाएँ अधिक तीव्र होंगी, ऐसी चेतावनी दी। महामारी के कारण मेकाँग क्षेत्र के देशों की अर्थव्यवस्थाओं को झटके लगने लगे हैं, जिससे स्थानीय जनता नाराज़ है। इस पृष्ठभूमि पर, नदी का पानी कम होकर, ख़ेती और मच्छिमारी को नुकसान हुआ, तो उसका ग़ुस्सा चीन पर बरस सकता है, ऐसा दावा मलेशिया के विश्लेषकों ने किया।

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