कोरोना की महामारी पर चीन का प्रतिसाद सोवियत रशिया की चेर्नोबिल आपदा के समान – अमरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का दावा

कोरोना की महामारी पर चीन का प्रतिसाद सोवियत रशिया की चेर्नोबिल आपदा के समान  – अमरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का दावा

वॉशिंग्टन  – कोरोना की महामारी शुरू होने पर चीन ने इसपर दिया प्रतिसाद, सन १९८६ में सोवियत रशिया के चेर्नोबिल एटमी दुर्घटना की तरह है, ऐसा दावा अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओब्रायन ने किया। ओब्रायन ने एक प्राइवेट समाचार चैनल को दिये हुए इंटरव्यू के दौरान यह बयान किया। अप्रैल १९८६ में तत्कालीन सोवियत रशिया के चेर्नोबिल परमाणु केंद्र में हुई दुर्घटना में १० हज़ार से भी अधिक लोगों की मृत्यु हुई, ऐसा माना जाता है।

कोरोना वायरस की महामारी की शुरुआत चीन से ही हुई। इसके बाद चीन ने यह महामारी छिपाने की काफ़ी कोशिशें कीं। सन १९८६ में हुई चेर्नोबिल दुर्घटना की सच्चाई छुपाने की सोवियत रशिया ने भी कोशिश की थी। पिछले वर्ष प्रसारण शुरू हुए एक धारावाहिक में, सोवियत रशिया की इन कोशिशों की जानकारी पेश की गई थी। कुछ समय बाद कोरोना महामारी के मुद्दे पर के चीन के प्रतिसाद के संदर्भ की जानकारी भी इसी तरह से दुनिया के सामने आएगी, यह दावा अमरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ओब्रायन ने किय। इस दौरान ओब्रायन ने, अमरीका यक़ीनन ही चीन ने जानकारी छिपाने के लिए कीं हुईं कोशिशों की ज़ड़ो तक जाएगी, यह बयान भी किया है।

कोरोना वायरस का फैलाव निश्चित रूप से किसने किया, इसकी जानकारी फिलहाल अमरीका को नहीं हैं। इस महामारी का फैलाव शुरू होने के बाद चीन ने पत्रकारों को निकाल बाहर किया था। साथ ही, अमरिकी यंत्रणाओं को भी प्रवेश नहीं दिया था। इस महामारी के फैलाव के पीछे स्थानीय अफ़सर हैं या चीन की शासक कम्युनिस्ट पार्टी, इन बातों से विशेष फ़र्क नहीं होगा। महामारी की सच्चाई छिपाने की कोशिश हुई और अमरीका इसकी खोज करेगी हीइसका यक़ीन सुरक्षा सलाहकार ओब्रायन ने दिलाया है। इस दौरान उन्होंने, कोरोना की महामारी पर टीका एवं इलाज़ से संबंधित खोजकार्य की जानकारी की चोरी करने के लिए चीन की कोशिश जारी है, ऐसा का आरोप भी किया।

चीन में कोरोना की महामारी फैलने की शुरूआत पिछले वर्ष के नवंबर महीने में ही हुई थी। लेकिन, चीन ने दुनिया से यह सच्चाई जनवरी महीने के अन्त तक छिपाई थी। इसके बाद भी चीन इस महामारी के संक्रमण की सच्ची जानकारी प्रदान करने को लगातार टाल रहा है। इस महामारी के बारे में बात कर रहे पत्रकार एवं डॉक्टर्स को गायब किया गया और कुछ लोगों की संदिग्ध मौत भी हुई। उसी समय, विदेशी वैद्यक विशेषज्ञों को भी चीन ने इस महामारी के नमूने नहीं दिए। इस तरह से जानकारी को छिपाने के लिए चीन नेडब्ल्यूएचओयानीवर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनायझेशनसे भी हाथ मिलाया था।

आज की तारीख़ में विश्‍व के अधिकांश देशों में कोरोना की महामारी का फैलाव हुआ है और इस महामारी से करीबन ३.५ लाख लोगों की मृत्यु हुई है। इतनी बड़ी मात्रा में हुई मौत के लिए चीन ने की हुई, जानकारी छिपाने की हरकत ज़िम्मेदार है, यह आरोप अब आंतर्राष्ट्रीय समुदाय कर रहा है। इस पृष्ठभूमि पर अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ओब्रायन ने, इसकी तुलना सोवियत रशिया में हुई चेर्नोबिल एटमी दुर्घटना से करके, इस महामारी का दायरा काफ़ी ज्यादा ड़रावना होने के संकेत दिए हैं।

२६ अप्रैल, १९८६ के दिन सोवियत रशिया के चेर्नोबिल परमाणु केंद्र में हुई दुर्घटना में केवल चन्द कुछ लोगों की मौत हुई हैं, यह दिखाकर इस दुर्घटना की सच्चाई छिपाने की कोशिश हुई थी। लेकिन कुछ समय बाद इस दुर्घटना का दायरा काफ़ी बढ़ने की बात स्पष्ट हुई थी। यह दुर्घटना में हुए किरणों के प्रसार के कारण, रशिया अपना हज़ारों किलोमीटर का क्षेत्र खाली करने पर मज़बूर हुआ था। इसके बाद कुछ वर्षों में, इस परमाणु केंद्र में हुई दुर्घटना के मृतकों का आँकड़ा हज़ारों की तादाद में होने की बात सामने आयी थी। चेर्नोबिल का हादसा विश्‍व का सबसे बड़ान्युक्लियर डिझास्टरके तौर पर जाना जाता है।

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