रशिया के सायबरहमले में अमरीका का ‘न्यूक्लिअर वेपन्स नेटवर्क’ हॅक – अमरीका की अग्रसर वेबसाईट का दावा

रशिया के सायबरहमले में अमरीका का ‘न्यूक्लिअर वेपन्स नेटवर्क’ हॅक – अमरीका की अग्रसर वेबसाईट का दावा

वॉशिंग्टन/मॉस्को – रशिया द्वारा किये गए सायबरहमले में, अमरीका के परमाणु अस्त्रों की ज़िम्मेदारी रहनेवाला ‘नेटवर्क’ हॅक हुआ होने का दावा किया गया है। अमरीका की ‘पॉलिटिको’ इस अग्रसर वेबसाईट ने यह दावा किया होकर, ऊर्जा विभाग एवं ‘नॅशनल न्यूक्लिअर सिक्युरिटी ऍडमिनिस्ट्रेशन’ (एनएनएसए) के कॉम्प्युटर नेटवर्क्स पर सायबरहमला हुआ होने की जानकारी अधिकारियों ने दी, ऐसा कहा है। इन विभागों से संबंधित संसदीय समितियों को इस मामले में एहसास करा दिया है, ऐसा भी ख़बर में कहा गया है। पिछले ही हफ़्ते में अमरीका के वित्त और व्यापार विभाग के कॉम्प्युटर नेटवर्क पर बड़ा सायबरहमला होने की बात सामने आयी थी।

nuclear weapons stockpilenuclear weapons stockpileकुछ दिन पहले अमरीका की अग्रसर सायबरसुरक्षा कंपनी होनेवाली ‘फायर आय’ पर बड़ा सायबरहमला हुआ था। इस सायबरहमले के लिए ‘सोलरविंड्स’ इस ‘सर्व्हर सॉफ्टवेअर’ का इस्तेमाल किया गया होने की बात सामने आयी थी। ‘फायर आय’ यह कंपनी अमरीका के कई सरकारी विभागों में सायबर सुरक्षा तथा कॉम्प्युटर नेटवर्क से जुड़ीं परियोजनाओं में सहभागी है। इन विभागों में ‘सोलरविंड्स’ का भी बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है। इस कारण अमरीका की गुप्तचर तथा जाँचयंत्रणाओं ने इन दोनों का इस्तेमाल करनेवाले सभी सरकारी विभागों को सावधानी बरतने का इशारा दिया था।

nuclear weapons stockpile, ‘न्यूक्लिअर वेपन्स नेटवर्क’, सायबरहल्ला, पॉलिटिको, कॉम्प्युटर नेटवर्क, हॅक, रशिया, अमेरिका, अण्वस्त्र, TWW, Third World Warइस पृष्ठभूमि पर, अमरीका के परमाणुकार्यक्रम से संबंधित कॉम्प्युटर नेटवर्क हॅक होने की खबर सनसनी मचानेवाली साबित हुई है। ‘पॉलिटिको’ ने दी जानकारी के अनुसार, ‘फेडरल एनर्जी रेग्युलेटरी कमिशन’, ‘सँडिया नॅशनल लॅबोरेटरिज’, ‘लॉस अलामोस नॅशनल लॅबोरेटरी’, ‘द ऑफिस ऑफ सिक्युअर ट्रान्सपोर्टेशन, एनएनएसए’ और ‘रिचलँड फिल्ड ऑफिस’ इन विभागों के नेटवर्क पर हमला हुआ होने की जानकारी सामने आयी है। फिलहाल तो इन नेटवर्क्स में होनेवाली महत्त्वपूर्ण एवं संवेदनशील जानकारी हॅकर्स के हाथ नहीं लगी, ऐसा प्राथमिक तहकिक़ात में सामने आया है, ऐसा ऊर्जा विभाग के प्रवक्ता ने बताया।

लेकिन ऊर्जा विभाग और परमाणु अस्त्रों से संबंधित ‘एनएनएसए’ के नेटवर्क्स पर हुआ सायबरहमला यह संकेत देनेवाला साबित होता है कि अमरीका की सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील यंत्रणा सुरक्षित नहीं है। ‘एनएनएसए’ के पास अमरीका के सभी परमाणु अस्त्रों के भांड़ार की ज़िम्मेदारी होकर, परमाणु घटकों की यातायात तथा आपत्कालिन स्थिति में प्रतिसाद देने का कार्य भी सौंपा गया है। उसी समय, पिछले हफ़्ते में सामने आये सायबर हमले की व्याप्ति अभी भी ध्यान में न आना, यह भी बहुत गंभीर बात साबित होती है, ऐसा इस क्षेत्र के विश्‍लेषक तथा तज्ञों ने जताया है।

अमरीका की ‘सायबरसिक्युरिटी ऍण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर सिक्युरिटी एजन्सी’ (सीआयएसए) समेत ‘होमलँड सिक्युरिटी’, ‘एफबीआय’ और ‘नॅशनल सिक्युरिटी एजन्सी’ हमले की तहकिक़ात कर रहे हैं। इन सायबरहमलों के मुद्दे को लेकर अमरीका की ‘नॅशनल सिक्युरिटी कौन्सिल’ की बैठक भी ली गई है। लेकिन राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प अथवा व्हाईट हाऊस द्वारा इस हमले के बारे में अभी भी प्रतिक्रिया नहीं दी गयी है। इसी बीच, ‘सीआयएसए’ ने यह चेतावनी दी है कि यह सायबरहमला सरकारी विभागों समेत निजी कंपनियों के कॉम्प्युटर नेटवर्क्स के लिए भी बहुत गंभीर ख़तरा है।

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