अफगानिस्तान में तालिबान की हंगामी सरकार खून से लथपथ हिंसाचार का कारण बनेगी – राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी की आलोचना

अफगानिस्तान में तालिबान की हंगामी सरकार खून से लथपथ हिंसाचार का कारण बनेगी – राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी की आलोचना

काबुल – तालिबान की अस्थाई सरकार अफगानिस्तान में रक्तपात का कारण बनेगी, ऐसी आलोचना राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी ने की है। उसी समय, अमरीका सेना वापसी की जल्दबाजी न करें, बल्कि अमरीका और नाटो, तालिबान द्वारा जारी हिंसाचार के विरोध में अधिक सख़्त भूमिका अपनाएँ, ऐसी माँग भी राष्ट्राध्यक्ष गनी ने की। अमरीका और तालिबान के बीच का शांति समझौता अगले महीने खत्म हो रहा होकर, अमरीका के नए राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने उस पर पुनर्विचार के संकेत दिए हैं। उसी समय तालिबान, इरान और अल कायदा की सहायता से अफगानिस्तान में फिर से हिंसक संघर्ष की तैयारी कर रहा होने की खबर सामने आई है।

अमरीका की ‘ऍस्पेन इन्स्टिट्यूट’ ने आयोजित किए एक कार्यक्रम में राष्ट्राध्यक्ष गनी ने कमा तालिबान द्वारा जारी हिंसाचार पर तीव्र नाराजगी ज़ाहिर की । ‘ पिछले साल अमरीका और तालिबान के बीच समझौता होने के बाद अफगानिस्तान में संघर्ष कम होगा, ऐसा आश्वासन अमरीका ने दिया था। लेकिन वास्तव में हिंसाचार की तीव्रता अधिक ही बढ़ी दिखाई दे रही है। शांति चर्चा को आगे ले जाने के लिए तालिबान कुछ भी प्रयास नहीं कर रहा है, उल्टे उसे टालने के लिए नए नए बहाने बनाये जा रहे हैं। तालिबान ने अफगानी लष्कर पर किए हमले और राजनीतिक नेताओं की हत्या, इनकी जिम्मेदारी का स्वीकार करना ही होगा’, इन शब्दों में राष्ट्राध्यक्ष गनी ने तालिबान को लक्ष्य किया।

अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प की पहल से पिछले साल अमरीका और तालिबान के बीच स्थाई रूप में शांति समझौता हुआ था। इस समझौते के अनुसार, अमरीका अफ़ग़ानिस्तान में तैनात सेना वापस बुला लेने वाली होकर, तालिबान हिंसाचार को रोककर अफगान सरकार के साथ शांति प्रक्रिया में सहभागी होगा, ऐसा तय हुआ था। अमेरिका ने हालांकि अपनी सेना वापस बुलाई है, फिर भी तालिबान ने अपने हमले रोके नहीं है। उल्टे तालिबान ने अमेरिका और नाटो को परास्त किया होने की दर्पोक्ति कर, तालिबान ने फिर एक बार आक्रामक पैंतरा अपनाया है।

पिछले कुछ दिनों में अलकायदा इस आतंकवादी संगठन समेत, ईरान के साथ तालिबान के संबंध अधिक मजबूत हुए होने की जानकारी सामने आई है। तालिबान का भाग होने वाला ‘हक्कानी नेटवर्क’ अल कायदा की सहायता से नया गुट स्थापन करने की कोशिश कर रहा है, ऐसा बताया जाता है । उसी समय अफगान तालिबान की ईरान के साथ चर्चा शुरू होकर, अमरीका के खिलाफ फिर एक बार संघर्ष छेड़ने की तैयारी शुरू होने की बात सामने आयी है। इस कारण आने वाले कुछ दिनों में अफगानिस्तान में फिर एक बार खून से लथपथ हिंसाचार की पुनरावृत्ति होने की संभावना होकर, राष्ट्राध्यक्ष गनी का बयान उसी के संकेत दे रहा है।

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