बायडेन प्रशासन चीन की ‘रेड लाईन’ पार ना करे – कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता यांग जिएची का इशारा

बायडेन प्रशासन चीन की ‘रेड लाईन’ पार ना करे – कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता यांग जिएची का इशारा

बीजिंग/वॉशिंग्टन – हाँगकाँग, तिब्बत एवं झिंजिआंग के कारोबार चीन की हुकूमत के लिए ‘रेड लाईन’ है, इस बात का अहसास रखकर अमरीका इस ‘रेड लाईन’ को पार करने का साहस ना करे, ऐसी सख्त चेतावनी कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता यांग जिएची ने दी है। इसके साथ ही अमरीका का प्रशासन चीनी कंपनियां, प्रसार माध्यम, शिक्षा संस्थाएं एवं छात्रों को परेशान करना बंद करें, यह इशारा भी जिएची ने दिया है। बायडेन प्रशासन को चीन से इशारे प्राप्त हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग यह जनतांत्रिक विश्‍व के सामने की सबसे गंभीर समस्या है और अमरीका का नया प्रशासन उन्हें ही लक्ष्य करे, ऐसी सलाह एक शीर्ष अभ्यासगुट ने प्रदान की है।

ज्यो बायडेन ने बीते महीने में अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष पद का ज़िम्मा स्वीकारा था। बायडेन और डेमोक्रैटिक पार्टी की चीन से संबंधित भूमिका राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प की तुलना में नरम रहेगी, ऐसे दावे किए जा रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर चीन फिर से आक्रामक भूमिका अपनाने की तैयारी कर रहा है, यह बात जिएची की चेतावनी से दिख रही है। अमरीका के नए राष्ट्राध्यक्ष को सुनाने के साथ ही चीनी नेता ने पूर्व राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प की भी आलोचना की। ट्रम्प की गलत नीति की वजह से हुआ नुकसान मिटाने की ज़िम्मेदारी नए प्रशासन पर रहेगी, यह इशारा भी चीनी नेता ने दिया है।

‘महासत्ता का बैर और दूसरे का नुकसान करके अपना लाभ होगा, इस पुरानी मानसिकता से अमरीका बाहर निकले। इसके आगे के दौर में अमरीका चीन के साथ अपने संबंध सुधारने की कोशिश करेगी, ऐसी उम्मीद चीन को है। अमरीका का प्रशासन चीन के छात्रों को तंग करना बंद करे। चीन के प्रसार माध्यम, शिक्षा संस्थाएं और कंपनियों पर दबाव बनाना बंद करे। साथ ही हाँगकाँग, तिब्बत और झिंजिआंग का कारोबार यह ‘रेड लाईन’ है और इसे पार करने का साहस ना करे’, इन शब्दों में जिएची ने बायडेन प्रशासन को सुनाया है।

जिएची चीन के पूर्व विदेशमंत्री हैं और शासक कम्युनिस्ट पार्टी की सबसे अधिक ताकतवर यंत्रणा वाले ‘पॉलिटब्युरो’ के वरिष्ठ सदस्य हैं। इस वजह से उनका बयान ध्यान आकर्षित करनेवाला साबित हुआ है। बीते महीने में चीन के विदेशमंत्री वैंग यी ने भी अमरीका की नीति पर आलोचना की थी। ‘अमरीका ने चीन को दबाने की एवं नया शीतयुद्ध शुरू करने की कोशिश की। इस वजह से दोनों ओर के संबंधों को ठेंस पहुँचने के साथ ही विश्‍व में भी बड़ी उथल पुथल हुई है’, ऐसा आरोप यी ने किया था।

इसी बीच, अमरीका के शीर्ष अभ्यासगुट ‘अटलांटिक कौन्सिल’ ने चीन से संबंधित नई रपट प्रसिद्ध की है और इसमें कम्युनिस्ट पार्टी और चीन के सर्वेसर्वा शी जिनपिंग को लक्ष्य किया गया है। ‘द लाँगर टेलिग्राम’ नामक यह रपट प्रसिद्ध की गई है और इसमें जिनपिंग मात्र अमरीका के सामने खड़ी प्राथमिकता नहीं है बल्कि पूरे जनतांत्रिक विश्‍व के सामने खड़ी हुई सबसे बड़ी गंभीर समस्या है, यह इशारा भी दिया गया है। अमरीका का नया प्रशासन चीन से संबंधित नीति अपनाते समय जिनपिंग और उनके करीबी लोगों पर कार्रवाई करने को प्राथमिकता दे, यह सलाह भी इस रपट में दी गई है।

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