रशिया के विरोध में अमरीका गुप्त सायबर हमलें करेगी – अमरिकी अखबार का दावा

रशिया के विरोध में अमरीका गुप्त सायबर हमलें करेगी – अमरिकी अखबार का दावा

वॉशिंग्टन – अमरिकी सरकारी विभागों पर बीते वर्ष हुए बड़े सायबर हमलों के पीछे रशिया का हाथ होने की बात स्पष्ट हुई थी। रशिया के इस हमले पर प्रत्युत्तर देने की तैयारी अमरिकी प्रशासन ने जुटाई है और रशियन नेटवर्क्स पर गुप्त सायबर हमलें किए जाएँगे, ऐसें संकेत अमरिकी अधिकारियों ने दिए हैं। अमरीका के अग्रीम अखबार ने इससे संबंधित दावा करनेवाला वृत्त प्रकाशित किया है।

अमरीका की ‘मायक्रोसॉफ्ट’, ‘फायर आय’ और ‘सोलरविंडस्‌’ जैसी निजी कंपनियाँ, रशियन सायबर हमलों का लक्ष्य होने की बात बीते वर्ष सामने आयी थी। इन कंपनियों के माध्यम से रशियन हैकर्स ने अमरीका में अहम सरकारी विभागों के नेटवर्क्स पर सायबर हमलें किए थे। इस दौरान रक्षा, ऊर्जा, अर्थ और व्यापार विभाग को लक्ष्य किया गया था। अमरीका के ‘न्युक्लिअर नेटवर्क्स’ को भी इन हमलों ने नुकसान पहुँचाने की सनसनीखेज़ जानकारी सामने आयी थी।

‘यह एक काफी बड़ा हमला है और जो जानकारी हाथ लगी है, उसके अनुसार इन हमलों के पीछे रशिया का हाथ होने की बात पुख्ता तौर पर कही जा सकती है’, इन शब्दों में, अमरीका के तत्कालीन विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने, अमरीका पर हुए सायबर हमलों के पीछे रशिया का हाथ होने की स्पष्ट कबुली दी थी। अमरीका की प्रमुख गुप्तचर एवं जाँच यंत्रणा ने भी इसकी पुष्टि की थी। इसके बाद जनवरी महीने में राष्ट्राध्यक्षपद का भार स्वीकारने पर ज्यो बायडेन ने प्रशासन को प्रत्युत्तर देने की योजना पेश करने के आदेश दिए थे।

अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिव्हन और राष्ट्रीय सुरक्षा उप-सलाकार ऐन न्यूबर्गर के हाथों इससे संबंधित ज़िम्मेदारी दी गई है। न्यूबर्गर को ‘सायबर ॲण्ड इमर्जिंग टेक्नॉलॉजीज्‌’ विभाग के सुरक्षा उप-सलाहकार नियुक्त किया गया है और उन्होंने इससे पहले ‘नैशनल सिक्युरिटी एजन्सी’ में अधिकारी के तौर पर ज़िम्मा संभाला है। वे अपने तजुर्बे का इस्तेमाल करके रशिया के अहम नेटवर्क्स को लक्ष्य करेंगे। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन एवं गुप्तचर यंत्रणा और सेना से संबंधित यंत्रणाओं का भी इसमें समावेश होगा, ऐसा कहा जा रहा है।

इस कार्रवाई को अगले तीन हफ्तों में अंजाम देने के संकेत दिए गए हैं। खुफिया सायबर हमलों के साथ ही आक्रामक प्रतिबंध लगाने का विचार भी होने की बात कही जा रही है। अमरीका ने कुछ दिन पहले ही नैव्हेल्नी के मामले को लेकर, रशिया पर सख्त प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया था। इसमें राष्ट्राध्यक्ष पुतिन के करीबियों का भी समावेश था।

रशिया के सायबर हमलों के बाद चीन से भी बड़ा सायबर हमलें होने की बात सामने आयी है। ये सायबर हमलें ‘ऐक्टिव्ह थ्रेट’ होने की चेतावनी बायडेन प्रशासन ने दी है, फिर भी अबतक इसके विरोध में कार्रवाई करने के संकेत नहीं दिए गए हैं।