‘हुवेई’ और ‘ज़ेडटीई’ समेत पांच चीनी कंपनियां अमरीका की सुरक्षा के लिए खतरा – ‘फेडरल कम्युनिकेशन्स कमिशन’ का ऐलान

‘हुवेई’ और ‘ज़ेडटीई’ समेत पांच चीनी कंपनियां अमरीका की सुरक्षा के लिए खतरा – ‘फेडरल कम्युनिकेशन्स कमिशन’ का ऐलान

वॉशिंग्टन/बीजिंग – चीन की हुकूमत और सेना से नज़दीकी ताल्लुकात रखनेवाली ‘हुवेई’ और ‘ज़ेडटीई’ समेत पांच चीनी कंपनियां अमरीका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा होने का ऐलान फेडरल कम्युनिकेशन्स कमिशन ने किया है। यह निर्णय अमरीका के नए बायडेन प्रशासन ने पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प की तकनीक से संबंधित क्षेत्र को लेकर अपनाई नीति कायम रखने के संकेत दे रहा है। राष्ट्राध्यक्ष बायडेन के इस निर्णय पर चीन ने तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ की है और इस वजह से दोनों देशों के व्यापारी संबंध बिगड़ेंगे, यह इशारा चीन के प्रवक्ता ने दिया है।

फेडरल कम्युनिकेशन्स कमिशन की कार्यकारी प्रमुख जेसिका रोज़नवॉर्सेल ने चीनी कंपनियों पर हो रही इस कार्रवाई की जानकारी प्रदान की। ‘नई सूचि अमरीका में निर्माण हो रहे प्रगत नेटवर्क्स के लिए अहम मार्गदर्शक साबित हो सकती है। इससे इस नेटवर्क का निर्माण कर रही कंपनियां विगतकाल की गलतियाँ नहीं दोहराएगी। नए निर्णय की वजह से अमरीका की राष्ट्रीय सुरक्षा और जनता के भविष्य के लिए खतरा निर्माण करनेवाले उपकरण एवं सेवाओं का इस्तेमाल अमरिकी कंपनियाँ नहीं कर सकेंगी’, यह बात रोज़नवॉर्सेल ने स्पष्ट की।

अमरीका की फेडरल कम्युनिकेशन्स कमिशन ने सार्वजनिक की हुई इस सूचि में हुवेई और ज़ेडटीई के अलावा ‘हाईकविजन डिजिटल टेक्नॉलॉजी’, ‘हायटेरा कम्युनिकेशन’ और ‘दाहुआ टेक्नॉलॉजी’ कंपनियों का भी समावेश है। हुवेई और ज़ेडटीई के साथ अन्य कंपनियों के चीन की शासक कम्युनिस्ट पार्टी और सेना से करीबी ताल्लुकात हैं। चीनी कानून के अनुसार इन कंपनियों को उन्हें प्राप्त जानकारी चीन की गुप्तचर यंत्रणाओं को प्रदान करना अनिवार्य है। इसी के बल पर चीन की हुकूमत अमरीका के कम्युनिकेशन नेटवर्क के साथ संवेदनशील बुनियादी सुविधाओं से छेड़खानी कर सकती है, यह ड़र अमरीका के अलावा विश्‍व के प्रमुख देशों ने जताया है।

‘५ जी’ तकनीक की अग्रिम हुवेई कंपनी पर हुई कार्रवाई अमरीका-चीन संघर्ष में बड़ा अहम चरण समझा जा रहा है। पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने बीते तीन वर्षों में चीन के खिलाफ आक्रामक मुहिम चलाई थी। इस मुहिम के तहत अमरीका की सुरक्षा से संबंधित संवेदनशील क्षेत्र में कार्यरत चीनी कंपनियों के विरोध में कार्रवाई शुरू की गई थी। वर्ष २०१९ में उस समय के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने दूरसंचार क्षेत्र की चीनी कंपनियों को लक्ष्य करने के साथ ही ‘नैशनल इमर्जन्सी’ का ऐलान भी किया था। इसके बाद चायना मोबाईल नामक कंपनी पर पाबंदी लगाई गई थी।

राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने जनवरी में जिम्मा संभालने के बाद चीन के खिलाफ जारी कार्रवाई की तीव्रता कम होगी, यह संकेत दिए गए थे। बायडेन ने सरकार बनाने के बाद चीन की शुरू हुई आक्रामक गतिविधियाँ इसकी पुष्टि करनेवाली साबित हुई थी। हुवेई कंपनी के प्रमुख रेन ज़ेंगफेई ने भी बायडेन के कार्यकाल में संबंध सामान्य होंगे, यह बयान किया था। इस पृष्ठभूमि पर प्रौद्योगिकी क्षेत्र की पांच शीर्ष चीनी कंपनियों के विरोध में हुई कार्रवाई ध्यान आकर्षित कर रही है।

अमरीका के इस नए निर्णय के साथ ही ट्रम्प ने चीन के विरोध में अपनाया आक्रामक रवैया उचित होने के संकेत भी प्राप्त हो रहे हैं।

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