अपनी मौजूदगी के लिए इस्रायल ईरान पर भी हमले करेगा – प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू की चेतावनी

अपनी मौजूदगी के लिए इस्रायल ईरान पर भी हमले करेगा – प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू की चेतावनी

जेरूसलेम – ‘इस्रायल की सुरक्षा यहीं हमारी ‘रेड लाईन’ है। सीरिया और लेबेनॉन में ईरान एवं ईरान समर्थकों ने इस्रायल पर हमले चढाकर इस रेड लाईन को लॉंघने की कोशिश की थी। इस्रायली सेना ने हमले कर उन्हें सही जवाब दिया। लेकिन आगे चल कर ईरान द्वारा इस्रायल के मौजूदगी को खतरा हुआ तो इस्रायल सीधा ईरान पर भी हमले कर सकता है’, ऐसी कडी चेतावनी इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने दी। विदेश पत्रकारों से बात करते हुए इस्रायली प्रधानमंत्री ने ईरान को धमकाया।

ईरान खाडी में अपना प्रभाव बढ़ा रहा है। ईरान से सिर्फ इस्रायल ही नहीं खाडी के अरब साथही यूरोपीय देशों को भी खतरा है, ऐसा प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने कहा। बुधवार विदेशी पत्रकारों की बैठक में बोलते हुए इस्रायल के प्रधानमंत्री ने ईरान और ‘आयएस’ के बढ़ते प्रभाव पर चिंता जताई। इस सयम एक आंतर्राष्ट्रीय पत्रकार ने इस्रायली सेना के सीरिया में की गई कार्रवाई के बारे में प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू से सवाल पुछा गया। प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने इस्रायली सेना ने सीरिया पर किए हवाई हमले का समर्थन किया। साथही सीरिया में इस्रायल की कार्रवाई सीरियन सेना या जनता के खिलाफ नही है, ऐसा नेत्यान्याहू ने कहा।

इस्रायल की मौजूदगी यहीं इस्रायल के रेड लाईन है, ऐसा नेत्यान्याहू ने कहा। ‘सीरिया में ईरान के जवान और हिजबुल्लाह के आतंकियों की खतरनाक गतिविधियॉं इस्रायल की मौजूदगी को खतरा पैदा हुआ था। इसलिए इस्रायली सेना ने सीरिया में ईरान और हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमले किए’, ऐसा नेत्यान्याहू ने कहा। साथही ईरान ने हमेशा दुनिया के नक्शे से इस्रायल को मिटाने की धमकी दी थी, इसकी याद इस्रायली प्रधानमंत्री ने कराई।

इस्रायल के मौजूदगी को सीधा ईरान से खतरा हुआ तो? पत्रकार द्वारा पुछे गए इस सवाल को जवाब देते हुए नेत्यान्याहू ने इस्रायली सुरक्षा के लिए किसी भी सैनिकी विकल्पों का इस्तमाल करने की तैयारी है, ऐसा नेत्यान्याहू ने कहा। यदी ईरान पर हमला करने की संभावना भी नहीं ठूकरा सकते, ऐसा इस्रायली प्रधानमंत्री ने खबरदार किया।

खाडी में ईरान की आक्रामक नीतियॉं, वही इस्रायल की आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई और उन्नत प्रोद्योगिकी के कारण एक समय इस्रायल के विरोध में रहनेवाले अरब देश अब इस्रायल से दोस्ती कर रहे है, इसका जिक्र नेत्यान्याहू ने किया। इसके लिए इस्रायली प्रधानमंत्री ने अपने ओमान यात्रा का जिक्र किया। इस्रायल और अरब देसों में नया सहयोग प्रस्थापित हो रहा है, ऐसा दावा नेत्यान्याहू ने किया।

दौरान, सीरिया में ईरान और हिजबुलल्लाह की गतिविधियों पर बातचित करने के लिए इस्रायल के रक्षा मंत्रालय के नेता और सेना अधिकारीयों ने हालही में रशिया की यात्रा की। सीरिया के बारे में अपनी नीति रशिया ने स्वीकारी, ऐसा इस्रायल ने इस मुलाकात के बाद घोषित किया।

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