रशिया ने शुरू किया परमाणु वाहक ‘पोसायडन’ का परीक्षण

रशिया ने शुरू किया परमाणु वाहक ‘पोसायडन’ का परीक्षण

मास्को – दुश्मन के विमान वाहक युद्धपोतों का बेडा और किनारे पर बने नौसेना एवं लष्करी अड्डा ध्वस्त करने की क्षमता से लैस ‘पोसायडन’ इस परमाणु वाहक सागरी ड्रोन का परीक्षण रशिया ने शुरू किया है। रशिया के इस सागरी ड्रोन से किसी भी देश का किनारा सुरक्षित रह नही सकता, यह चेतावनी रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन इन्होंने कुछ महीनों पहले दिया था। इस पृष्ठभुमि पर रशिया के इस ड्रोन परीक्षण की ओर गंभीरता से देखा जा रहा है।

रशिया के रक्षा सामग्री निर्माण क्षेत्र से जुडे सूत्रों ने रशियन वृत्तसंस्था को दी जानकारी में कहा है की, ‘स्टेटस-६’ या ‘पोसायडन’ इस सागरी ड्रोन का परीक्षण शुरू हुआ है। यह परीक्षण अगले कुछ हफ्तें शुरू रहेगा। रशियन नौसेना की एक परमाणु पनडुब्बी की सहायता से यह परीक्षण हो रहा है। इस परीक्षण के लिए रशियन नौसेना और वायु सेना ने संबंधीत क्षेत्र की सुरक्षा बढाई है, यह भी सूत्रों ने कहा है। फिलहाल ‘पोसायडन’ के प्रायोगिक मॉडल का परीक्षण शुरू है। यह परीक्षण सफल होने पर अगले चरण में परमाणु रिएक्टर और उसके बाद परमाणु अस्त्र तैनात करके इस सागरी ड्रोन का परीक्षण किया जाएगा, यह दावा हो रहा है।

‘पोसायडन’ सागरी ड्रोन परमाणु मिसाइल से लैस होगा। साथ ही इस ड्रोन पर छोटे आकार का परमाणु रिऍक्टर होने की वजह से यह ड्रोन लंबी दूरी का सफर करने में सक्षम है। परमाणु रिएक्टर और हथियारों से लैस रशिया का यह ‘पोसायडन’ शत्रू के लिए सबसे बडा धोका साबित होगा, यह दावा किया जा रहा है। ‘पोसायडन’ का परीक्षण कम से कम पांच वर्ष शुरू रहेगा और २०२७ में यह सागरी ड्रोन रशिया की नौसेना में शामिल होगा, यह दावा है।

इस वर्ष मार्च महीने में रशियन राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने संसद की दोनों हाऊस के सामने रशियन हथियारों की तैयारी के साथ आनेवाले समय में मुमकिन युद्ध के विषय में बात करते समय कई मिसाइल, लडाकू विमान, पनडुब्बी और ड्रोन्स की जानकारी दी थी। इस में ‘पोसायडन’ का भी समावेश रहा। परमाणु रिएक्टर और अस्त्रों से लैस पोसायडन ड्रोन का दुश्मन के किनारी क्षेत्र में विस्फोट करना संभव है। इस विस्फोट के बाद समुंदर में बडी उथल पुथल होगी और सुनामी भी उठेगी और सुनामी के लहरें किनारी क्षेत्र के नौसेना या लष्करी अड्डे ध्वस्त करने की क्षमता रखेगी, यह जानकारी रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने दी थी। लेकिन ‘पोसायडन’ का निर्माण कब पूरा होगा इस बारे में रशियन रक्षा मंत्रालय ने कोई भी जानकारी प्रसिद्ध नही की थी।

मंगलवार के दिन रशिया की वृत्तसंस्था ने इस संबंधी जानकारी प्रसिद्ध की है। फिलहाल युक्रेन के मामले में रशिया के अमरिका और नाटो के साथ बने संबंधों में तनाव निर्माण हुआ है। ‘सी ऑफ एझोव’ और ‘कर्च’ खाडी इन दोनों सागरी क्षेत्र में रशिया के साथ ही अमरिका, ब्रिटेन की युद्धपोतों की गतिविधियों में बढोतरी हुई है। इस परिस्थिति में रशियन रक्षा मंत्रालय ने ‘पोसायडन’ के परीक्षण शुरू करने का वृत्त प्रसिद्ध हुआ है।

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