व्हेनेझुएला में सत्तांतर की साज़िश नाक़ाम – तानाशाह निकोलस मदुरो का दावा

व्हेनेझुएला में सत्तांतर की साज़िश नाक़ाम – तानाशाह निकोलस मदुरो का दावा

कॅराकस/वॉशिंग्टनव्हेनेझुएला के तानाशाह निकोलस मदुरो के ख़िलाफ़ बग़ावत कर उनकी हुक़ूमत का तख़्ता पलटने की साज़िश नाक़ाम कर दी गयी है। निकोलस मदुरो ने सरकारी न्यूज़चॅनल पर संबोधित की पत्रकार परिषद में यह जानकारी दी होकर, दो अमरिकी सैनिकों को गिरफ़्तार किया, ऐसा भी घोषित किया। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने मदुरो का दावा ठुकराया है। लेकिन अमरीका की एक कंपनी ने, व्हेनेझुएला के नेता जुआन गैदो ने उसे मदुरो को पकड़ने का काँट्रॅक्ट दिया था, ऐसा कहकर खलबली मचायी है।

सोमवार को व्हेनेझुएला के तानाशाह मदुरो ने, उनके ख़िलाफ़ अमरीका ने रची साज़िश नाक़ाम हुई होने का दावा किया। व्हेनेझुएला की यंत्रणाओं ने आठ आतंकियों को मार गिराया और १३ लोगों को हिरासत में लिया है, ऐसा भी उन्होंने बताया। इस समय मदुरो ने दो अमरिकी पासपोर्ट दिखाकर, अमरिकी सैनिकों को गिरफ़्तार किया होने की भी जानकारी दी। तब अमरिकी सैनिकों के नाम भी घोषित किये गये होकर, ‘ल्यूक डेन्मानऔरऐरन बेरीऐसे उनके नाम हैं।

व्हेनेझुएला के तानाशाह ने किये दावों के अनुसार, रविवार की भोर को सुरक्षा यंत्रणाओं ने गुएरा बंदरगाह में कार्रवाई की। इस समय आठ आतंकियों को मार गिराकर, दो संदिग्धों को हिरासत में लिया गया। कार्रवाई के दौरान स्पीडबोटस् तथा हथियारों की राशि ज़ब्त की गयी, ऐसा भी मदुरो ने कहा। अपने ख़िलाफ़ की इस साज़िश में अमरीका के साथ कोलंबिया का भी हाथ होने का आरोप उन्होंने किया।

लेकिन अमरीका ने मदुरो के सभी दावें ठुकराये हैं। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने, व्हेनेझुएला की घटनाओं से अमरिकी  सरकार का कुछ भी संबंध नहीं है, ऐसा स्पष्ट किया। अमरीका के विदेश विभाग ने, मदुरो की पत्रकार परिषद यानीमेलोड्रामाहै, ऐसा बताकर, क्युबन गुप्तचर यंत्रणा की सहायता से यह सब कराया गया, ऐसा कहा है। यह जनता का ध्यान देश की समस्याओं से दूसरी ओर मोड़ने की कोशिश है, ऐसी आलोचना की।

इसी बीच, अमरीका की एक सुरक्षा कंपनीसिल्व्हरकॉर्प यूएसएने, व्हेनेझुएला में गिरफ़्तार किये गए सैनिक उनके होने ला दावा करके खलबली मचायी। कंपनी के प्रमुख जॉर्डन गोद्रेऊ ने यह जानकारी देते समय ही, व्हेनेझुएला के नेता जुआन गैदो ने मदुरो को पकड़ने का काँट्रॅक्ट दिया था, ऐसा दावा भी किया। गैदो के कार्यालय से इस दावे का इन्कार किया गया है।

व्हेनेझुएला में पिछले दो सालों से अराजकसदृश हालात होकर, ४० लाख से अधिक नागरिकों ने देश से बाहर स्थलांतर किया है। देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त होने की कग़ार पर होकर, जनता को बड़े पैमाने पर भूख़मरी और बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन रशिया, चीन और क्युबा इन देशों से प्राप्त समर्थन के बलबूते पर मदुरो ने अपनी सत्ता बरक़रार रखने में क़ामयाबी पायी है।

मदुरो की तानाशाही के ख़िलाफ़ विरोधी गुटों ने आंदोलन शुरू किया होकर, उसका नेतृत्व जुआन गैदो कर रहे हैं। गैदो को अमरीका तथा युरोपीय देशों के साथ दुनिया के ५० से अधिक देशों ने समर्थन दिया है। लेकिन इन देशों से सहायता मिलती होने के बावजूद भी, मदुरो की हुक़ूमत का तख़्ता पलटने में उन्हें अब तक क़ामयाबी नहीं मिली है।

अमरीका ने मदुरो के ख़िलाफ़ब्लॉकेडलागू कर, उनकी घेराबंदी करने की कोशिशें चलायीं हैं। उसी समय, राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने, अमरीका के पास अन्य विकल्प उपलब्ध हैं, ऐसा भी बार बार स्पष्ट रूप से कहा है।

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