कोरोना की महामारी के कारण अमरीका-चीन व्यापारयुद्ध फिर से भड़क उठा

कोरोना की महामारी के कारण अमरीका-चीन व्यापारयुद्ध फिर से भड़क उठा

वॉशिंग्टन – कोरोनावायरस की महामारी का फैलाव बढ़ रहा है; ऐसे में, अमरीका और चीन में जारी व्यापारयुद्ध और भड़कने के संकेत मिल रहे हैं। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन पर नये व्यापारी कर थोंपने की धमकी दी होकर, चीन के साथ नया समझौता मुमक़िन ही नहीं है, ऐसा डटकर कहा है। ट्रम्प के वरिष्ठ सलाहकारों ने भी कर थोंपने के प्रस्ताव की पुष्टि की है।

चीन में से शुरू हुए कोरोनावायरस के संक्रमण से अमरीका को ज़बरदस्त आर्थिक झटका लगा है। गिनेचुने उद्योग और कंपनियों को छोड़कर अमरीका की अधिकांश औद्योगिक गतिविधि ठप पड़ गयी होकर, बेरोज़गारी विक्रमी स्तर पर जा पहुँची है। अर्थव्यवस्था का विकास भी पूरी तरह रुका होकर वह पहले जैसी होने के लिए कम से कम एक से डेढ़ साल लगने का अंडाज़ा व्यक्त किया गया है। इस बड़े पैमाने पर हुई आर्थिक तथा जीवितहानि के लिए चीन ही ज़िम्मेदार होने के कारण, राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प तथा अमरिकी नेतृत्व चीन के ख़िलाफ़ आक्रमक बना है।

ट्रम्प और प्रशासन के अन्य नेता पिछले कुछ हफ़्तों से लगातार चीन की आलोचना कर रहे हैं। कुछ दिन पहले, कोरोनावायरस की जानकारी छिपाकर चीन ने अमरीका की ज़बरदस्त जीवित एवं आर्थिक हानि की है। इस हानि की क़ीमत चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को चुक़ानी ही होगी, ऐसी चेतावनी अमरीका के विदेशमंत्री माईक पॉम्पिओ ने दी थी। यह क़ीमत आर्थिक और व्यापारी स्तर पर होगी, ऐसे स्पष्ट संकेत विदेशमंत्री पॉम्पिओ ने दिए थे। उससे आगे जाकर, अब चीन पर कार्रवाई करने की गतिविधियाँ शुरू हुईं होकर, अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष और उनके वरिष्ठ सलाहकारों ने किए बयान उसकी पुष्टी करनेवाले साबित हो रहे हैं।

अमरीका और चीन में गत दो सालों से जारी व्यापारयुद्ध को अस्थायी रूप में अल्पविराम देने के समझौते की चर्चा अंतिम चरण में थी। लेकिन कोरोना महामारी के चलते वह चर्चा रुकी होकर, चीन उसे पुन: शुरू करने की कोशिशें कर रहा है। लेकिन अमरीका उसके लिए उत्सुक ना होकर, उल्टे नये कर थोंपने की तैयारी कर रही है। राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने सोमवार को एक इंटरव्यू में, समझौते की संभावना पूरी तरह ठुकराकर चीन को नये व्यापारी करों की धमकी दी।

ट्रम्प के व्यापार सलाहकार पीटर नॅव्हॅरो ने इस मामले में और थोड़ा आगे जाकर, अमरीका की भूमिका स्पष्ट की। उन्होंने खुले आम यह कड़ी चेतावनी दी कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने जो जानकारी छिपाई, उसकी क़ीमत चुकाने का समय आया है। यह मुद्दा केवल चीन को सज़ा देने से संबंधित नहीं है, बल्कि उन्हें ज़िम्मेदारी का एहसास कराना आवश्यक ही बन गया है, ऐसे शब्दों में नॅव्हॅरो ने चीनविरोधी कार्रवाई के संकेत दिये।

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