तैवान अमरीका से हार्पून क्षेपणास्त्र की खरीद करेगा

तैवान अमरीका से हार्पून क्षेपणास्त्र की खरीद करेगा

तैपेई – चीन की कम्युनिस्ट हुक़ूमत के नेता और लष्करी अधिकारी, राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग को तैवान पर हमलें करने की सलाह दे रहे हैं। चीन का लष्कर तैवान की राष्ट्राध्यक्षा के निवासस्थान पर हमले का अभ्यास कर रहा होकर, चीन की नौसेना ने तैवान की खाड़ी के पास अपनी विनाशिकाओं की गश्ती बढ़ायी है। ऐसी परिस्थिति में अपने तटवर्ती क्षेत्र की सुरक्षा के लिए तैवान अमरीका से विनाशिकाभेदी हार्पून क्षेपणास्त्र की खरीद करनेवाला है। हफ़्ते भर पहले ही अमरीका ने तैवान को पनडुब्बीभेदी टॉर्पेडो की सप्लाई करने की घोषणा की थी। 

बदलतीं जागतिक गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर, तैवान के तटवर्ती इलाक़े को शत्रुदेश से ख़तरा होने की संभावना है, ऐसी चेतावनी तैवान के रक्षा मंत्रालय ने पिछले हफ़्ते दी थी। अपने तटवर्ती क्षेत्र की सुरक्षा के लिए समय पर ही कदम उठाना आवश्यक है, ऐसा बताकर तैवान के रक्षा मंत्रालय ने, अमरीका से विनाशिकाभेदी हार्पून क्षेपणास्त्र की खरीद कर का सुझाव दिया था। हालाँकि तैवान ने अभी तक अमरीका के पास इसकी अधिकृत रूप में माँग नहीं की है, लेकिन तैवान आनेवाले समय में, हार्पून का निर्माण करनेवाली अमेरिकन कंपनी बोईंग से इन क्षेपणास्त्रों की ख़रीद के संदर्भ में पूछताछ करेगा, ऐसी जानकारी तैवान के उपरक्षामंत्री ‘चँग चे पिंग’ ने वृत्तसंस्था से बात करते समय कहा।

पिछले हफ़्ते ही अमरीका ने, तैवान को १८ करोड़ डॉलर्स के समझौते के तहत, प्रगत तंत्रज्ञान पर आधारित ‘एमके-४८’ टॉर्पेडो की सप्लाई करने की घोषणा की थी। इस समझौते के अंतर्गत अमरीका तैवान को पनडुब्बीभेदी अठारह टॉर्पेडो की सप्लाई करनेवाली है। अगले कुछ महीनों में ये टॉर्पेडो तैवान की नौसेना में दाख़िल होंगे, ऐसा दावा किया जाता है। तैवान यह अपना ही भाग होने का दावा करनेवाले चीन ने, अमरीका और तैवान के बीच के इस रक्षा व्यवहार पर तीव्र ऐतराज़ जताया था। उसके दो ही दिन बाद, चीन की कम्युनिस्ट हुक़ूमत के बड़े नेताओं ने तैवान पर कब्ज़ा करने के लिए हमला करने की सलाह राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग को दी। इसके लिए अपना लष्कर सिद्ध होने का दावा चीन के वरिष्ठ लष्करी अधिकारियों ने किया था। महज़ महीने भर में दूसरी बार चीन के नेताओं ने तैवान पर कब्ज़ा करने की चेतावनी दी होने के कारण इस क्षेत्र में तनाव अधिक ही बढ़ा है।

इस पृष्ठभूमि पर, तैवान ने अमरीका के पास विनाशिकाभेदी हार्पून क्षेपणास्त्रों की माँग करके चीन को जवाब दिया दिख रहा है। इसके अलावा, तैवान ने अपने सागरी क्षेत्र में तथा ‘साऊथ चायना सी’ के क्षेत्र में विनाशिकाओं की गश्त बढ़ाने का फ़ैसला किया है।

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