चीन ने खरीदे हुए ट्रिलियन डॉलर्स के अमरिकी बाँड रद करें – अमरिकी सिनेटर्स ने रखी माँग

चीन ने खरीदे हुए ट्रिलियन डॉलर्स के अमरिकी बाँड रद करें – अमरिकी सिनेटर्स ने रखी माँग

वॉशिंग्टन – चीन ने अमरीका से खरीदे बाँड़ की रकम चुकाने से अमरिकी सरकार इन्कार करें, यह माँग अमरिकी सिनेटर्स ने रखी है। अमरिकी संसद के वरिष्ठ सांसद मार्शा ब्लॅकबर्न और लिंडसे ग्रॅहम ने यह माँग रखी है। कोरोना वायरस की महामारी के लिए चीन ही ज़िम्मेदार है और इसकी वजह से अमरीका के हुए नुकसान का हर्जाना चीन से ही वसूल करें, ऐसी तीव्र भावना अमरिकी जनता एवं सियासी दायरे में व्यक्त की जा रही है। बाँड़ की जिम्मेदारी से इन्कार करने के संदर्भ में सामने आ रही यह माँग, इसी का हिस्सा है।

अमेरिकी कर्जरोखे, ट्रिलियन डॉलर्स, ट्रिलियन डॉलर्स के अमरिकी बाँड

अमरिकी सरकार पर करीबन २४ ट्रिलियन (लाख करोड़) डॉलर्स का कर्ज़ है और इनमें से १.०८ ट्रिलियन डॉलर्स का कर्ज़ चीन ने बाँड़ के माध्यम से अमरिकी सरकार को प्रदान किया है। यह कर्ज़ा अमरिकी डॉलर्स के स्वरूप में दिया गया है और चीन के पास होनेवाले, तीन ट्रिलियन डॉलर्स से भी अधिक विदेश मुद्रा भंड़ार का हिस्सा है। अपनी मुद्रा ‘युआन’ का मूल्य, अमरिकी डॉलर्स की तुलना में स्थिर रखने के लिए चीन की सरकार इसी डॉलर्स के भंड़ार का इस्तेमाल करती है। चीन ने प्राप्त किए बाँड़ का ब्याज प्रतिवर्ष अदा करना अमरिकी सरकार के लिए जरूरी है।

लेकिन, अमरीका-चीन व्यापार युद्ध और कोरोना की महामारी, इन मुद्दों पर अमरीका ने चीन के विरोध में शुरू किए आक्रामक राजनीतिक संघर्ष की पृष्ठभूमि पर, चीन के बाँड़ का मुद्दा लगातार उपस्थित हो रहा है। इससे पहले अमरीका स्थित कुछ अभ्यासगुट और विश्‍लेषक, चीन को सबक सिखाने के लिए ‘न्यूक्लिअर ऑप्शन’ के तौर पर बाँड़ का इस्तेमाल करने की सलाह दे रहे थे। लेकिन, अब सीधे अमरिकी सिनेटर्स द्वारा यह माँग होना शुरू होने से, इस ओर ध्यान आकर्षित हो रहा है।

अमेरिकी कर्जरोखे, ट्रिलियन डॉलर्स

अमरीका के टेनेसी प्रांत की वरिष्ठ सिनेटर मार्शा ब्लॅकबर्न ने, चीन को बेचे हुए बाँड़ अमरिकी सरकार रद्द करें, यह माँग की है। ब्लॅकबर्न की माँग को, अमरिकी संसद के रिपब्लिकन दल के वरिष्ठ सिनेटर लिंडसे ग्रॅहम ने समर्थन दिया है। चीन को ही अमरीका को पैसे देने होंगे, अमरीका अब चीन को पैसे नहीं देगी, इन शब्दों में सिनेटर ग्रॅहम ने बाँड़ की जिम्मेदारी झटकने की माँग उठाकर रखी हैं। अमरिकी सिनेटर्स के इस प्रस्ताव को अब कैलिफोर्निया युनिव्हर्सिटी के प्राध्यापक जॉन यु ने भी समर्थन दिया है। चीन से फैलीं कोरोना की महामारी का हर्जाना वसूल करने के लिए अमरिकी सरकार इस विकल्प का इस्तेमाल कर सकती है, यह बयान प्राध्यापक यु ने किया है।

अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प और विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने पहले ही, चीन की सत्ताधारी हुकूमत को कोरोना की महामारी की क़ीमत चुकानी होगी, यह चेतावनी दी थी। जर्मनी ने भी चीन के सामने १६५ अरब डॉलर्स हर्जाना देने की माँग रखी है। लेकिन, अमरीका इससे भी अधिक हर्जाना चीन से वसूल करेगी और इसकी रक़म काफ़ी ज़्यादा होगी, ऐसा अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने जताया था। वहीं, ‘कोरोना वायरस की जानकारी छिपाकर चीन ने अमरिका को काफ़ी बड़ा जीवित और आर्थिक नुकसान पहुँचाया है। इस नुकसान की किमत चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को चुकानी ही होगी’, यह चेतावनी अमरिकी विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने दी थी। यह क़ीमत आर्थिक और व्यापारी स्तर पर वसूल होगी, ऐसे स्पष्ट संकेत भी विदेशमंत्री पोम्पिओ ने दिए थे।

इसी बीच, चीन ने इस वर्ष के पहले तीमाही के दौरान अमरिकी बाँड़ में से ३६ अरब डॉलर्स के बाँड़ की बिक्री आंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में की थी, यह जानकारी सामने आयी है।

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