अमरीका ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में किया बड़ा युद्धाभ्यास

अमरीका ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में किया बड़ा युद्धाभ्यास

वॉशिंग्टन – अमरीका के दो विशाल विमानवाहक युद्धपोत, १० से अधिक विध्वंसक, ४०० पैराट्रूपर्स समेत गश्‍ती विमानों के साथ अमरीका ने हाल ही में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में बड़ा युद्धाभ्यास किया। गुआम द्विप, तैवान की खाड़ी और फिलिपाईन्स की समुद्री सीमा में यह युद्धाभ्यास हो रहा था। आनेवाले दिनों में यदि युद्ध की शुरूआत हुई, तो इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के द्विपों पर कब्ज़ा करने के उद्देश्‍य से इस युद्धाभ्यास का आयोजन हुआ था, ऐसी जानकारी अमरिकी यंत्रणाओं ने साझा की। चीन के साथ तनाव में बढ़ोतरी हो रही है और तभी अमरीका ने गुआम द्विपों से लेकर फिलिपाईन्स की समुद्री सीमा तक आयोजित किए हुए ये युद्धाभ्यास, चीन के लिए चेतावनी साबित होते हैं।

अमरिकी सेना के पाँच ‘सी-१७ ग्लोबमास्टर’ विमानों से ४०० पैराट्रूपर्स बुधवार के दिन गुआम द्विप पर उतरें। गुआम द्विप पर स्थित अँडरसन एअरबेस पर कब्ज़ा करना और वहाँ का ‘रनवे’ सुरक्षित करने का अभ्यास इस दौरान किया गया। ‘इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के किसी भी अड्डे पर, कम से कम समय में अमरिकी सैनिकों की तैनाती की जा सकती हैं और ये सैनिक संबंधित क्षेत्र पर कब्ज़ा कर सकते हैं, यही उद्देश्‍य इस युद्धाभ्यास के ज़रिये प्राप्त करना संभव हुआ’, ऐसी जानकारी वरिष्ठ अमरिकी सेना अधिकारियों ने साझा की। पिछले कई दशकों में गुआम द्विपों पर हुआ यह अबतक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास था, यह जानकारी स्थानिय माध्यम प्रदान कर रहें हैं।

पिछले कुछ दिनों से गुआम द्विप अलग अलग कारणों से चर्चा में रहा है। जापान से ढ़ाई हज़ार किलोमीटर दूरी पर स्थित गुआम द्विप पर अमरीका ‘बी-२१ स्टेल्थ बॉम्बर्स’ विमानों की तैनाती करेगी। पिछले महीने ही अमरीका ने इस द्विप पर विध्वंसक विरोधी मिसाइलों से लैस ‘बी१-बी सुपरसोनिक बॉम्बर’ विमानों का एक और बेड़ा तैनात किया था। इसी बीच, जर्मनी से हटाए जा रहे ९,५०० सैनिक इसी समुद्री क्षेत्र में तैनात करने की तैयारी में अमरीका है, ऐसी जानकारी भी सामने आ रही है। इसके अलावा अमरीका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान इन ‘क्वाड’ देशों के पायलटों के लिए गुआम द्विप पर ही विशेष प्रशिक्षण दिया जाना है। इसी बीच, कुछ दिन पहले तैवान के वरिष्ठ लष्करी अधिकारियों ने गुआम द्विप पहुँचकर अमरीकी अधिकारियों से चर्चा की थी। इन सभी गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर, अमरिकी पैराट्रूपर्स ने गुआम द्विप पर किया हुआ युद्धाभ्यास अलग ही संकेत दे रहा है।

गुआम द्विप पर हुए इस युद्धाभ्यास के अलावा तैवान की खाड़ी और फिलिपाईन्स के समुद्री क्षेत्र में भी अमरिकी नौसेना ने बड़ा युद्धाभ्यास किया है। अमरिकी नौसेना की ‘युएसएस निमित्झ’ और ‘युएसएस रोनाल्ड रिगन’ इन दो विशाल विमानवाहक युद्धपोतों ने अपने विध्वंसकों और पनडुब्बियों के बेड़े के साथ युद्धाभ्यास किया है। यहाँ के समुद्री क्षेत्र में किसी भी हरकत का मुकाबला करने के लिए अमरिकी विमानवाहक युद्धपोतों का बेड़ा तैयार होने के स्पष्ट संकेत इस युद्धाभ्यास के ज़रिये दिए गए हैं, ऐसा बयान अमरिकी नौसेना के वरिष्ठ अफ़सरों ने किया है। रात के अंधेरे में हुए इस युद्धाभ्यास में अमरिकी नौसेना के १० हज़ार सैनिक इस युद्धाभ्यास में शामिल हुए थे। पिछले हफ्ते में ही ‘युएसएस निमित्झ’ और ‘युएसएस थियोडोर रुझवेल्ट’ इन अमरिकी युद्धपोतों ने युद्धाभ्यास किया था।

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अमरिकी वायुसेना और नौसेना के इस युद्धाभ्यास की शुरुआत होने से पहले, कुछ दिनों से अमरिकी विमान इस क्षेत्र में गश्‍त कर रहे हैं। पिछले दस दिनों में अमरीका के तीस विमानों ने ‘साउथ चायना सी’ और फिलिपाईन्स के समुद्री क्षेत्र के करीबी इलाके में गश्‍त करने की जानकारी सामने आ रही है। अमरिकी नौसेना का युद्धाभ्यास शुरू होने से कुछ घंटे पहले कम से कम छः विमानों ने इस क्षेत्र में गश्‍त करने की जानकारी एक वेबसाईट ने प्रदान की है। इसमें ‘इलेक्ट्रॉनिक्स ॲण्ड सिग्नल्स इंटेलिजन्स’ के विमान के साथ, लंबी दूरी तक गश्‍त करनेवाले नौसेना के विमान, ड्रोन्स, पनडुब्बी विरोधी विमान एवं र्इंधन के टैंकर विमान भी शामिल थे।

इसी बीच, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में हुआ अमरीका का यह युद्धाभ्यास चीन के लिए चेतावनी देनेवाला था, यह बात स्पष्ट है। पिछले हफ़्ते में ‘साउथ चायना सी’ क्षेत्र में अमरिकी युद्धपोतों ने लगाई गश्‍त की चीन ने आलोचना की थी। ऐसे में अब अमरीका ने किए इस युद्धाभ्यास पर चीन का बयान अपेक्षित है।

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