उइगरों पर अत्याचार करनेवालीं चीन की ११ कंपनियाँ अमरीका द्वारा ‘ब्लैकलिस्ट’

उइगरों पर अत्याचार करनेवालीं चीन की ११ कंपनियाँ अमरीका द्वारा ‘ब्लैकलिस्ट’

वॉशिंग्टन – उइगर कामगारों से गुलामों जैसा बरताव करनेवाली चीन की ११ कंपनियों को अमरीका ने ‘ब्लैकलिस्ट’ किया है। इन कंपनियों में अमरीका की ‘एपल’, ‘एमॅझॉन’, ‘मायक्रोसॉफ्ट’, ‘टॉमी हिलफिगर’ जैसीं बड़ी कंपनियों को कच्चा माल एवं उत्पादनों की आपूर्ति करनेवाली चिनी कंपनियों का समावेश है। दो हफ़्ते पहले ही अमरिकी विदेश विभाग ने यह चेतावनी दी थी कि चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत उइगरवंशियों से गुलाम कामगारों की तरह इस्तेमाल कर रही हैं और चीन में अपने उत्पादनों को तैयार कर रहीं अमरिकी कंपनियाँ, चिनी कंपनियाँ एवं हुकूमत से बनाये संबंधों पर पुनर्विचार करें।

‘ब्लैकलिस्ट’, अमरीका, उइगर

‘चीन की हुकूमत उइगरवंशियों का गुलाम कामगारों की तरह इस्तेमाल कर रही है। उइगरवंशियों को ख़त्म करने के लिए उनपर दबाव बनाकर जनुकिय परीक्षण किए जा रहे हैं और प्रतिबंध भी लगाए जा रहे हैं’, इन शब्दों में चीन की आलोचना करके अमरिकी वाणिज्यमंत्री विल्बर रॉस ने चिनी कंपनियों को ‘ब्लैकलिस्ट’ करने का ऐलान किया। उइगरवंशियों पर हो रहे अत्याचार एवं मानव अधिकारों का उल्लंघन करने के मुद्दे पर चिनी कंपनियों को ‘ब्लैकलिस्ट’ करने का यह तीसरां अवसर है। इससे पहले ट्रम्प प्रशासन ने चीन की ३७ कंपनियों एवं यंत्रणाओं को ‘ब्लैकलिस्ट’ किया है।

‘ब्लैकलिस्ट’, अमरीका, उइगर

सोमवार के दिन घोषित की गई सूचि में, ‘नानचँग ओ-फिल्म टेक’, ‘बीजिंग जिनॉमिक्स इन्स्टिट्यूट’ से संबंधित दो उपकंपनियाँ, ‘केटीके ग्रुप कं.’, ‘तानयुआन टेक्नॉलॉजी कं.’, ‘चँगजी एस्केल टेक्सटाईल कं.’, ‘हेतिअन हाओलिन हेअर एक्सेसरिज्‌ कं.’ जैसी कंपनियों का समावेश है। इनमें से ‘नानचँग ओ-फिल्म टेक’ चीन में तकनीकी क्षेत्र की शीर्ष कंपनी हैं और यह कंपनी अमरीका की एपल, एमेझॉन और मायक्रोसॉफ्ट जैसी प्रमुख कंपनियों को उत्पादनों की आपूर्ति करती है। एपल के प्रमुख टीम कुक ने दिसंबर २०१७ में इस चिनी कंपनी की फैक्टरी में विजिट भी की थी। ‘चँगजी एस्केल टेक्सटाईल कंपनी’ से अमरीका की ‘टॉमी हिलफिगर’ यह कंपनी अपने उत्पादन तैयार करवाती हैं।

‘ब्लैकलिस्ट’, अमरीका, उइगर

चीन ने पिछले कई वर्षों में झिंजिआंग प्रांत में स्थित इस्लामधर्मी उइगरवंशियों पर लगातार अत्याचार किए हैं। आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी इन अत्याचारों की दखल ली गयी है। सन २०१८ में संयुक्त राष्ट्रसंघ की एक रपट में चीन ने ११ लाख उइगरवंशियों को उत्पीड़न केंद्रों में बंद करके रखा होने की चौकानेवाली बात की पोलखोल हुई थी। इस रपट के बाद पश्‍चिमी देशों ने उइगरों के मुद्दे पर चीन को लक्ष्य करना शुरू किया है और इसके लिए अमरीका ने पहल की है। उइगरों पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में भी ट्रम्प प्रशासन ने पिछले कुछ महीनों में कई अहम निर्णय किए हैं।

जून महीने में अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने ‘उइगर ह्युमन राईटस्‌ एक्ट’ पर हस्ताक्षर किए थे। उइगरवंशियों से संबंधित इस कानून में, चीन के अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान है। चीन के जो भी कोई अधिकारी उइगरों के विरोध में कार्रवाई करने में शामिल हैं, उन सभी अधिकारियों को इस कानून के ज़रिये लक्ष्य किया गया है। इनमें चीन की शासक कम्युनिस्ट पार्टी के झिंजिआंग प्रांत के प्रमुख ‘शेन क्वांगुओ’ का भी समावेश है। शेन चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के ताकतवर ‘पॉलिटब्युरो’ के भी सदस्य हैं। इससे पहले मई महीने में एवं पिछले वर्ष अक्तूबर महीने में अमरीका ने, उइगरवंशियों पर अत्याचार करने में शामिल चिनी कंपनियों एवं सरकारी यंत्रणाओं के विरोध में प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई की थी।

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