ह्युस्टन स्थित वाणिज्य दूतावास ७२ घंटों में बंद करें – अमरीका ने दिए चीन को आदेश

ह्युस्टन स्थित वाणिज्य दूतावास ७२ घंटों में बंद करें – अमरीका ने दिए चीन को आदेश

वॉशिंग्टन – अमरीका की बौद्धिक सम्पदा और निजी जानकारी की सुरक्षा की दृष्टि से, चीन को ह्युस्टन स्थित वाणिज्य दूतावास तीन दिनों में बंद करने के आदेश दिए गए हैं, यह जानकारी अमरीका के विदेश विभाग की प्रवक्ता मॉर्गन ऑर्तागस ने दी है। दूतावास बंद करने से संबंधित दिया हुआ यह आदेश यानी अमरिकी प्रशासन ने चीन को दिया हुआ नया झटका साबित हो रहा है। अमरीका ने दिए इस झटके पर चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और दूतावास बंद करने से संबंधित किया हुआ निर्णय, यह राजनीतिक स्तर पर उकसाने की कोशिश है और इसपर कड़ा प्रत्युत्तर मिलेगा, यह चेतावनी चीन ने दी है। अमरीका ने दिए हुए इस आदेश के बाद, ह्युस्टन में चीन के दूतावास में आग लगने की घटना का वीडियो सामने आया है और इससे संबंधित रहस्यमयता अधिक ही बढ़ी है।

ह्युस्टन स्थित वाणिज्य दूतावास

कोरोना वायरस की महामारी के साथ साउथ चायना सी, हाँगकाँग, व्यापार युद्ध, सायबर हमलों जैसें मुद्दों पर, अमरीका और चीन के संबंध फिलहाल काफ़ी बिगड़े हैं। ऐसें में चीन के वरिष्ठ नेताओं ने यह आरोप किया है कि अमरीका ने शीतयुद्ध शुरू किया है। वहीं,  अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने पिछले कुछ महीनों में चीन के विरोध में निर्णय करने का ज़ोरदार सिलसिला शुरू किया है। आवश्‍यकता पड़ने पर, चीन के साथ बने संबंध पूरी तरह से तोड़ने का विकल्प कायम होने की धमकी भी ट्रम्प ने दी है। इस पृष्ठभूमि पर, यकायक दूतावास बंद करने के आदेश जारी करना ध्यान आकर्षित करनेवाला साबित हो रहा है।

ह्युस्टन स्थित दूतावास बंद करने से संबंधित पहला समाचार चीन ने जारी किया। चीन के विदेश विभाग के सोशल मीडिया अकाउंट पर, अमरीका ने किए इस निर्णय की जानकारी साझा की गई और साथ ही इस निर्णय का निषेध करनेवाला निवेदन भी किया गया है। ‘अमरीका ने ह्युस्टन में स्थित वाणिज्य दूतावास बंद करने के आदेश दिए हैं। अमरीका ने किया यह निर्णय एकतरफा और राजनीतिक स्तर पर उकसानेवाला है। इस निर्णय से आंतर्राष्ट्रीय कानून, द्विपक्षीय संबंध एवं चीन और अमरीका के बीच हुए राजनीतिक समझौतों का उल्लंघन किया गया है’, यह बयान भी चीन के विदेश विभाग ने किया है। अमरीका अपने ये आदेश पीछे लें, यह आवाहन भी इस निवेदन में चीन ने किया है।

ह्युस्टन स्थित वाणिज्य दूतावास

चीन ने किए इस निवेदन के बाद अमरिकी विदेश विभाग ने, दूतावास को बंद करने के दिए आदेशों की पुष्टि की है। चीन की हुकूमत से अमरीका की संप्रभुता का हो रहा उल्लंघन और अमरिकी जनता को दी जा रहीं धमकियाँ बर्दाश्‍त नहीं की जाएँगी, यह बात अमरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कही है। विदेश विभाग ने जारी किए एक स्वतंत्र निवेदन में, चीन से अमरीका में बड़ी मात्रा में जासूसी की गतिविधियाँ शुरू होने का आरोप भी रखा गया है। लेकिन, ह्युस्टन में स्थित चिनी दूतावास को बंद करने के दिए हुए आदेशों के पीछे निश्चित रूप में क्या कारण है, यह बात अभी स्पष्ट नहीं की गई है।

दूतावास पर पाबंदी लगाने का समाचार सामने आ ही रहा था कि तभी मंगलवार की शाम इसी दूतावास की इमारत में आग लगने की घटना सामने आयी है। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया एवं स्थानिय समाचार चैनलों पर जारी हुआ है। ह्युस्टन के दमकल विभाग ने भी इस समाचार की पुष्टि की है। दूतावास के कर्मचारी एवं सुरक्षा रक्षकों ने, इमारत में जाने से रोकने का आरोप भी दमकल विभाग ने किया है। चीन के दूतावास के अधिकारी अहम और गोपनीय कागज जला रहे हैं, ऐसी अफ़वाह भी इस दौरान फैली थी। दूतावास में लगी आग और दमकल विभाग के कर्मियों को प्रवेश करने से की गई मनाही, इनकी वज़ह से इस पाबंदी की रहस्यता और भी बढ़ी है।

ह्युस्टन स्थित वाणिज्य दूतावास

इसी बीच, अमरीका का चीन के विरोध में शुरू यह राजनीतिक संघर्ष और तीव्र होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। अमरिकी विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ फिलहाल युरोप की यात्रा कर रहे हैं। चीन को सबक सिखाने के लिए अमरीका ने अपने मित्रदेशों के साथ सक्रिय मोरचा खोलने की तेज़ गतिविधियाँ शुरू की हैं। इनमें युरोपिय देशों की भूमिका बड़ी अहम समझी जा रही है। विदेशमंत्री पोम्पिओ ने ब्रिटेन, डेन्मार्क के नेताओं से की हुई भेंट और चीन की गतिविधियों के विरोध में अपनाई आक्रामक भूमिका, इसका समर्थन करती हैं। इस दौरान अमरिकी विदेशमंत्री ने, कोरोना की महामारी के साथ ‘५-जी’ तकनीक, हाँगकाँग, उइगरवंशियों पर हो रहे अत्याचारों जैसें मुद्दों पर चीन को घेर रखा है। ब्रिटेन की यात्रा में पोम्पिओ ने हाँगकाँग के जनतांत्रिक प्रदर्शनों के नेता नॅथन लॉ से मिलना ध्यान आकर्षित कर रहा है। यह भेंट यानी अमरीका ने हाँगकाँग कानून के मुद्दे पर चीन को दिया हुआ संदेश होने की बात समझी जा रही है।

English     मराठी

इस समाचार के प्रति अपने विचार एवं अभिप्राय व्यक्त करने के लिए नीचे क्लिक करें:

https://twitter.com/WW3Info
https://www.facebook.com/WW3Info