तुर्की की धमकी के बाद ‘यूएई’ के लड़ाकू विमान ग्रीस में दाखिल

तुर्की की धमकी के बाद ‘यूएई’ के लड़ाकू विमान ग्रीस में दाखिल

अथेन्स – भूमध्य समुद्र और ब्लैक सी के क्षेत्र में मौजूद इंधन के भंड़ारों को लेकर तुर्की और ग्रीस इन नाटो के दो सदस्य देशों के बीच बना तनाव लष्करी गतिविधियों तक जा पहुँचा है। ‘भूमध्य एवं एजियन समुद्र और ब्लैक सी’ के क्षेत्र में अपने सार्वभूम अधिकारों की सुरक्षा के लिए तुर्की किसी की भी परवाह नहीं करेगा, यह धमकी तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन ने दी। इसके साथ ही भूमध्य समुद्र में नौसेना के ‘लाईव फायर’ युद्धाभ्यास करने का ऐलान तुर्की ने किया। सीधा नाम का ज़िक्र किया ना हो फिर भी एर्दोगन ने ग्रीस को निशाना बनाके ही यह धमकी देने की बात स्पष्ट है। यह धमकी सामने आने के कुछ ही घंटे बाद भूमध्य समुद्र के क्षेत्र में नाटो के सदस्य देश ग्रीस, फ्रान्स, इटली और सायप्रस इन यूरोपिय देशों का युद्धाभ्यास हुआ। तभी, ‘संयुक्त अरब अमीरात’ (यूएई) के लड़ाकू विमान नए युद्धाभ्यास के लिए ग्रीस के क्रेटे द्विप पर दाखिल हुए है।

भूमध्य समुद्र के क्रेटे द्विप और सायप्रस के तटीय क्षेत्र में १२८ अरब घनमीटर इंधन वायु का भंड़ार प्राप्त करने का दावा किया गया था। इन इंधन भंड़ारों पर अपना अधिकार जताकर तुर्की ने दो सप्ताह पहले ही अपना ‘रिसर्च शिप’ इस क्षेत्र में भेजा था। भूमध्य समुद्र में देखी जा रही तुर्की की इस आक्रामकता पर ग्रीस और फ्रान्स ने आपत्ति जताई थी। फ्रान्स ने ‘ला फाएत’ विध्वंसक और रफायल विमानों की तैनाती करके तुर्की को चेतावनी दी थी। लेकिन, ग्रीस और फ्रान्स के साथ अन्य यूरोपिय देशों का इशारा अनदेखा करके तुर्की ने भूमध्य एवं अन्य समुद्री क्षेत्र में अपनी गतिविधियां जारी रखने का ऐलान किया है। ‘दूसरे देश की ज़मीन पर संप्रभुता या हितसंबंधों पर तुर्की बिल्कुल अधिकार नहीं जताएगा, लेकिन तुर्की अपनी संप्रभुता के अधिकारों से जरा भी पीछे नहीं हटेगा। भूमध्य एवं एजियन समुद्र एवं ब्लैक सी के समुद्री क्षेत्र में अपने अधिकारों की रक्षा के लिए तुर्की किसी भी बात की परवाह नहीं करेगा, यह इशारा एर्दोगन ने दिया।

इसके लिए एर्दोगन ने ११ वीं सदी में ‘सेल्जूक तुर्क’ ने ‘बायज़ेंटाईन साम्राज्य’ पर प्राप्त की हुई जीत का दाखिला दिया। साथ ही तुर्की के विरोधक ऐसी कोई भी गलती ना करें, जिससे उनका विनाश हो, यह धमकी भी एर्दोगन ने दी। एर्दोगन की यह धमकी ग्रीस और ग्रीस का समर्थन कर रहे फ्रान्स, सायप्रस के लिए थी, यह बात कही जा रही है। इस धमकी के साथ ही तुर्की के विदेशमंत्री एवं रक्षामंत्री ने भी अपने विरोधकों को धमकाया। साथ ही अपने समुद्री हितसंबंधों की सुरक्षा के लिए तुर्की तैयार होने की बात कहकर भूमध्य समुद्र में ‘लाईव फायर’ युद्धाभ्यास का ऐलान किया। १-२ सितंबर को इस युद्धाभ्यास का आयोजन होगा, यह जानकारी तुर्की ने साझा की है। बीते महीने से तुर्की ने इसी समुद्री क्षेत्र में आयोजित किया हुआ यह तीसरा युद्धाभ्यास साबित हो रहा है।

इसके अलावा अगले कुछ ही घंटों में तुर्की ने भूमध्य समुद्र में युद्धपोत भेजकर युद्धाभ्यास का आयोजन किया। तुर्की का यह युद्धाभ्यास यानी ग्रीस और मित्रदेशों के लिए इशारा होने की बात कही जा रही है। तुर्की की इस घोषणा के कुछ घंटे बाद ही ग्रीस, फ्रान्स, इटली और सायप्रस इन देशों के युद्धपोतों ने भूमध्य समुद्र में तीन दिनों का युद्धाभ्यास शुरू किया है। इन दोनों युद्धाभ्यासों के दौरान अमरिकी विध्वंसक तुर्की और ग्रीस के युद्धाभ्यास में भी शामिल हुई थी। नाटो के सदस्य देशों के एक-दूसरे के खिलाफ़ किया गया युद्धाभ्यास इस संगठन में दरार के संकेत देनेवाले होने का दावा यूरोपिय विश्‍लेषक कर रहे हैं। नाटो के सदस्य देशों की भूमध्य समुद्र में जारी ऐसी लष्करी गतिविधियां इस क्षेत्र को नई मुश्‍किलों में धकेल सकती हैं, यह इशारा अमरिकी माध्यम दे रहे हैं।

तुर्की ने ग्रीस को दी हुई धमकी के बाद ‘संयुक्त अरब अमीरात’ (यूएई) के ‘एफ-१६’ लड़ाकू विमानों का बेड़ा ग्रीस के क्रेटे द्विप पर उतरा है। ग्रीस के साथ युद्धाभ्यास के लिए अपने विमान क्रेटे पहुंचे होने का ऐलान यूएई ने किया है। यह विमान सौदा हवाई अड्डे पर तैनात रहेंगे और दोनों देशों के सेनाप्रमुखों ने इस मुद्दे पर चर्चा की। ‘एफ-१६’ विमानों की तैनाती के साथ ही यूएई के विध्वंसक भी क्रेटे द्विप की दिशा में आगे बढ़ने का दावा किया जा रहा है। बीते कुछ महीनों में तुर्की और यूएई का तनाव अधिक स्पष्ट तौर पर सामने आ रहा है। लीबिया, सीरिया के संघर्ष में यह दोनों देश एक-दूसरे के विरोध में खड़े हुए हैं। ऐसे में कुछ दिन पहले ही यूएई ने इस्रायल के साथ किए सहयोग पर तुर्की ने आलोचना की थी। इस पृष्ठभूमि पर यूएई के लड़ाकू विमानों की क्रेटे द्विप पर हुई तैनाती की ओर देखा जा रहा है।

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