चीन के लड़ाकू विमान लाईन पार ना करें – तैवान का इशारा

चीन के लड़ाकू विमान लाईन पार ना करें – तैवान का इशारा

तैपेई – ‘लाईन’ पार करने की कोशिश भी ना करना। चीन के लड़ाकू विमानों ने फिरसे तैवान की हवाई सीमा पार करने की बात सामने आयी है। लेकिन, इसके आगे ऐसी गलती ना करें। तैवान को शांति की उम्मीद है। लेकिन, इसके साथ ही हम अपनी सुरक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार हैं, ऐसी कड़ी चेतावनी तैवान के उप-राष्ट्राध्यक्ष लाय चिंग टे ने दी। तैवान की सीमा के करीब चीन के रक्षाबल व्यापक युद्धाभ्यास कर रहे हैं। इस दौरान चीन के लड़ाकू विमानों ने लगातर दो दिन तैवान की हवाई सीमा पार करने की घटनाएं सामने आयी है। इसके बाद तैवान ने चीन को इशारा दिया है।

कोरोना की पृष्ठभूमि पर चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत साउथ चायना सी क्षेत्र के इलाकों पर कब्जा करने की कोशिश करेगी, ऐसा इशारा अमरीका के वरिष्ठ लष्करी अधिकारियों ने कुछ महीने पहले दिया था। इससे पहले और बाद के समय में भी चीन ने तैवान के खिलाफ़ अपनी गतिविधियां अधिक बढ़ाई हुई दिख रही हैं। मई मीहने के अन्त में चीन में हुए एक बैठक में कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने एवं लष्करी अधिकारियों ने तैवान पर हमला करने के लिए यही समय उचित होने की भूमिका रखी थी। चीन की तैवान के खिलाफ़ जारी हरकतें अधिक आक्रामक होना शुरू होने की बात बीते कुछ सप्ताहों में सामने आयी है।

कुछ दिन पहले चीन के रक्षाबलों ने तैवान की खाड़ी में लष्करी युद्धाभ्यास शुरू किया। संप्रभुता की सुरक्षा और तैयारी के उद्देश्‍य से इस युद्धाभ्यास का आयोजन किया गया था, ऐसी जानकारी चीन के प्रवक्ता ने साझा की थी। बीते महीने से चीन की ‘पिपल्स लिब्रेशन आर्मी’ ने तैवान की सीमा के करीब आयोजित किया हुआ यह छठा युद्धाभ्यास समझा जा रहा है। इस युद्धाभ्यास में चीन के लड़ाकू विमान लगातार तैवान की हवाई सीमा का उल्लंघन कर रहे हैं, यह बात सामने आ रही है। कुछ दिन पहले तैवान की हवाई सुरक्षा यंत्रणा ने चीन का लड़ाकू विमान गिराने का दावा कुछ माध्यमों ने किया था। इस पृष्ठभूमि पर तैवान के उप-राष्ट्राध्यक्ष ने दिया इशारा ध्यान आकर्षित करनेवाला साबित होता है।

चीन ने तैवान के खिलाफ़ शुरू की हुई आक्रामक गतिविधियों पर प्रत्युत्तर देने के लिए तैवान के साथ अमरीका ने भी जोरदार तैयारी शुरू करने की बात दिख रही है। बीते कुछ महीनों में अमरीका ने तैवान को बड़ी मात्रा में रक्षा सामान की आपूर्ति करना शुरू किया है। इसमें लड़ाकू विमानों के साथ ‘हार्पून’ मिसाइल्स, पैट्रिऑट मिसाइल सिस्टिम एवं टोर्पेड़ो का समावेश है। साथ ही अमरीका ने अपने विमान वाहक युद्धपोतों के साथ विध्वंसक बॉम्बर्स, ड्रोन्स और गश्‍त विमानों की तैनाती और मौजूदगी बढ़ाई है। तैवान पर होनेवाले संभावित हमले के विरोध में अमरीका को लष्करी कार्रवाई करने की अनुमति प्रदान करने के लिए अमरिकी संसद में ‘तैवान इन्वेशन प्रिवेंशन ऐक्ट’ पेश किया गया है। बीते महीने में अमरिकी स्वास्थ्यमंत्री अलेक्स अज़ार ने तैवान का दौरा किया। इसके बाद अमरीका ने तैवान को ६६ प्रगत ‘एफ-१६ वी’ लड़ाकू विमानों की आपूर्ति करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

अमरीका और तैवान के बीच बढ़ रहे सहयोग से चीन बौखला गया है और इस क्षेत्र में उकसाने की हरकतें करने में जुटा होने की बात दिख रही है।

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