कर्ज की परिसीमा ना हटाने पर अमरिकी अर्थव्यवस्था को मंदी की मार पड़ेगी

वित्तसंस्था का इशारा

वॉशिंग्टन – अमरीका की संसद कर्ज की परिसीमा हटाने में असफल होती है तो अमरीका की अर्थव्यवस्था को फिर से मंदी की मार पड़ेगी, ऐसी गंभीर चेतावनी ‘मुडीज्‌ एनालिटिक्स’ नामक वित्तसंस्था ने दी है। इस दौर में अमरीका के लगभग ६० लाख नागरिक नौकरियाँ खो सकते है और १५ ट्रिलियन डॉलर्स का नुकसान हो सकता है, ऐसा इशारा ‘मुडीज्‌ एनालिटिक्स’ के प्रमुख वित्त विषयक विशेषज्ञ मार्क ज़ैन्डि ने दिया है। अगले महीने के तीसरे या चौथे सप्ताह में अमरिकी प्रशासन के पास वर्तमान नगद राशि खत्म हो सकती है, यह दावा ‘बायपार्टिसन पॉलिसी सेंटर’ नामक अध्ययन मंड़ल ने दिया है।

मंदीचा फटका, मंदी की मार

दो वर्ष पहले अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने कर्ज की परिसीमा (डेट सीलिंग) स्थगित करने का निर्णय किया था। इस स्थगिती की अवधि ३१ जुलाई तक थी। अगस्त से अमरीका का वित्त विभाग अपने आपात्कालिन उपाय योजना एवं विशेष प्रावधानों के आधार पर काम कर रहा है। लेकिन, इन प्रावधानों के कारण पाई हुई नगद भी अगले महीने में खत्म होने के संकेत प्राप्त हुए हैं।

तब तक नया निर्णय नहीं किया गया तो बायडेन प्रशासन को अगले खर्च एवं कर्ज़ का भुगतान के लिए निधी उपलब्ध नहीं होगी। इसी बीच कोरोना की महामारी की पृष्ठभूमि पर अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने के लिए प्रशासन ने अलग अलग योजनाओं के माध्यम से छह ट्रिलियन डॉलर्स का अतिरिक्त निधी उपलब्ध कराया है। लेकिन, इस महामारी से अर्थव्यवस्था अभी भी संभल नहीं पाई है। इस पृष्ठभूमि पर कर्ज की मर्यादा को लेकर निर्णय नहीं हुआ तो अर्थव्यवस्था में बड़ी उथल-पुथल होने की संभावना है। वित्तमंत्री जैनेट येलेन ने सांसद को बार बार खत के जरिए इस बात का अहसास कराया है।

मंदीचा फटका, मंदी की मार

इस पृष्ठभूमि पर मुडीज्‌ जैसी शीर्ष वित्त संस्था का इशारा और वर्णित अध्ययन मंड़ल का दावा ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। अमरिकी संसद के प्रतिनिधिगृह ने कर्ज की परिसीमा बढ़ाने का निर्णय पारित किया है। लेकिन, सिनेट में रिपब्लिकन पार्टी द्वारा इस निर्णय का कड़ा विरोध हो सकता है। रिपब्लिकन पार्टी ने बायडेन प्रशासन द्वारा पेश की गई नई योजना और करों में वृद्धि करने के विरोध में तीव्र नाराज़गी दर्शायी है। डेमोक्रैटस्‌ पार्टी को उन्हीं की योजना पर अमल करके चीन की सहायता करनी है तो वह अपने बलबूते पर कर्ज की परिसिमा बढ़ाकर दिखाए, ऐसी तीखी प्रतिक्रिया रिपब्लिकन पार्टी के सिनेटर नेता मिच मैक्कोनेल ने दर्ज़ की है।

मंदीचा फटका, मंदी की मार

इसी पृष्ठभूमि पर अमरीका के प्रतिनिधिगृह की सभापति नैन्सी पेलोसी ने यह ऐलान किया है कि, इस हफ्ते में एक ट्रिलियन डॉलर्स के ‘इन्फ्रास्ट्रक्चर बिल’ पर वोटिंग होगी। अमरिकी सिनेट में यह विधेयक पहले ही पारित हुआ है। यह विधेयक बायडेन की महत्वाकांक्षी नीति का हिस्सा बताया जा रहा है।

अमरीका पर सरकारी कर्ज का भार बढ़कर २८.४ ट्रिलियन तक जा पहुँचा है। अन्य सार्वजनिक और निजी कर्ज मिलाए जाएं तो अमरीका के कर्ज का भारीभरकम आँकड़ा ८५ ट्रिलियन डॉलर्स तक बढ़ जाएगा। अमरीका के मौजूदा ‘जीडीपी’ की तुलना में यह राशि चार गुना से अधिक है। सिर्फ सरकारी कर्ज का विचार करें तो अमरीका के हर नागरिक के सिर पर ८५ हज़ार डॉलर्स का कर्ज होने की बात मानी जा रही है। इससे पहले कर्ज के मुद्दे पर हुए राजनीतिक संघर्ष में अमरिकी प्रशासन पर ‘शटडाऊन’ की नौबत आ गई थी।

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