चीन जल्द ही ताइवान पर हमला करेगा – ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री की गंभीर चेतावनी

तैवानवर हल्ला, ताइवान पर हमला

वॉशिंग्टन/ब्रुसेल्स – ‘जल्द ही चीन ताइवान पर हमला करेगा। जिसके बारे में सोचा भी गया नहीं होगा, ऐसी बात के लिए हमें तैयार रहने की ज़रूरत है’, ऐसी चेतावनी ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी अबॉट ने दी। दो दिन पहले अमरीका के पूर्व रक्षा अधिकारियों ने भी यह जताया था कि ताइवान पर चीन के आक्रमण का खतरा बढ़ा है। ताइवान की राष्ट्राध्यक्षा त्साई ईंग-वेन ने हाल ही में यह ऐलान किया था कि अपने देश में अमरीका की सेना तैनात है। इसपर गुस्सा हुए चीन ने, ताइवान पर कब्ज़ा करने के लिए निर्णायक गतिविधियाँ शुरू करने के संकेत मिल रहे हैं।

दो हफ्ते पहले पूर्व प्रधानमंत्री अबॉट ने ताइवान का ऐतिहासिक दौरा करके चीन की ताइवान विरोधी आक्रमक हरकतों की आलोचना की थी। ताइवान के मुद्दे पर ऑस्ट्रेलिया युद्ध के ढोल नहीं बजा रहा, बल्कि चीन की नीतियाँ ही उस स्वरूप की हैं, ऐसा दोषारोपण अबॉट ने किया था। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री के इस ताइवान दौरे के बाद गुस्सा हुए चीन ने, द्विपक्षीय संबंध तोड़ने की धमकी दी थी। साथ ही, इसके लिए ऑस्ट्रेलिया को ज़बरदस्त नुकसान सहना पड़ेगा, ऐसा धमकाया था।

तैवानवर हल्ला, ताइवान पर हमला

लेकिन ताइवान की सुरक्षा के लिए अधिक से अधिक समर्थन की माँग करनेवाले अबॉट ने चीन की धमकियों को कतई महत्व नहीं दिया है। अमरीका के ‘विल्सन सेंटर’ में आयोजित कार्यक्रम में बात करते समय भी, अबॉट ने चीन के इरादों से लोकतंत्रवादी देशों को चौकन्ना किया। ‘ताइवान की घेराबंदी करके उसे घुटनों पर लाने की चीन कोशिश करेगा अथवा बड़े पैमाने पर हमला करके चीन ताइवान पर कब्ज़ा करेगा’, ऐसा अबॉट ने जताया।

चीन ने जब हांगकांग पर कब्ज़ा किया था, तब पश्चिमी देशों ने नर्म भूमिका अपनाई थी। इससे राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग की हिम्मत बढ़ी है। हांगकांग की तरह ताइवान पर कब्ज़ा करना चीन के लिए आसान साबित नहीं होगा। इसके लिए चीन को लष्करी बल का इस्तेमाल करना पड़ेगा। लेकिन इस बार लोकतंत्रवादी देशों को ताइवान के साथ डटकर खड़ा रहना ही होगा’, यह बताकर अबॉट ने, हांगकांग को लेकर हुई गलती की पुनरावृत्ति टालने का आवाहन किया।

तैवानवर हल्ला, ताइवान पर हमला

ताइवान पर कब्ज़ा करने के लिए चीन ने निर्णायक गतिविधियाँ शुरू कीं होने की जानकारी सामने आ रही है। कुछ ही दिन पहले चीन ने, तटवर्ती इलाके में होनेवाला शहर ध्वस्त करने का परीक्षण किया था। यह परीक्षण यानी ताइवान तथा अमरीका के लिए चेतावनी बताई जा रही है। उसके बाद लगातार दो दिन चीन द्वारा ताइवान को धमकियाँ दीं जा रहीं हैं। चीन में विलीन होने के अलावा ताईवान को दूसरा भविष्य नहीं है, ऐसा चीन के विदेश मंत्री वँग ई ने जताया है। साथ ही, संयुक्त राष्ट्र संगठन में ताईवान को सहभागी करा लेने की अमरीका की मांग की भी वँग ई ने आलोचना की।

इसी बीच, ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू इन दिनों युरोपीय देशों के दौरे पर हैं। युरोपीय महासंघ ताइवान के साथ संबंध अधिक मज़बूत करें, ऐसी माँग ताइवान के विदेश मंत्री ने की। साथ ही, चीन पर पूरी तरह निर्भर रहनेवाले देशों ने अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की ज़रूरत है, ऐसी चेतावनी वू ने दी है।

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