परमाणु समझौते के लिए ईरान के पास अब कुछ ही हफ्तों का समय शेष है

- अमरिकी विशेषदूत का ईरान को इशारा

वॉशिंग्टन/जेरूसलम – ‘जिस गति से ईरान अपना परमाणु कार्यक्रम चला रहा है, उसे देखें तो परमाणु समझौते के लिए अब ईरान के लिए कुछ ही हफ्ते बचा है। इसमें नाकामयाबी मिली तो संकट का दौर शुरू होगा’, यह इशारा अमरीका ने ईरान के साथ परमाणु समझौता करने के लिए नियुक्त किए हुए विशेषदूत रॉबर्ट मैली ने दिया। तो, अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने इस्रायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट को ईरान को परमाणु बम से सज्जित ना होने देने का वादा किया है।

अणुकरार, परमाणु समझौते के लिए

पिछले कुछ दिनों से वियना में ईरान के साथ जारी परमाणु समझौते की चर्चा स्थगित की गई है। आनेवाले सोमवार से हम इस चर्चा में शामिल होंगे, यह ईरान ने स्पष्ट किया है। लेकिन, परमाणु समझौते के लिए ईरान समय जाया करने की भूमिका अपना रहा है, यह आलोचना तीव्र होने लगी है। ईरान के साथ परमाणु समझौता करने के लिए बायडेन प्रशासन ने नियुक्त किए हुए विशेषदूत रॉबर्ट मैली ने अमरिकी समाचार चैनल से बातचीत करते समय ईरान की इस भूमिका की आलोचना की।

‘ईरान ने अपना परमाणु कार्यक्रम स्थगित किया तो परमाणु समझौते पर बातचीत करने के लिए अमरीका के पास पर्याप्त समय उपलब्ध होगा। लेकिन, ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम की गति कायम रखी तो परमाणु समझौता पुनर्जीवित करने के लिए ईरान के पास कुछ ही हफ्ते बचेंगे’, ऐसा मैली ने कहा। ऐसी स्थिति में आनेवाले दिनों में वर्ष २०१५ का परमाणु समझौता खत्म करके पूरी तरह से अलग समझौता करना पड़ेगा। वरना भीषण संकट के दौर का सफर तय करना पड़ेगा, यह इशारा मैली ने दिया।

अणुकरार, परमाणु समझौते के लिए

अमरीका के विशेषदूत ईरान को परमाणु समझौते पर इशारा दे रहे थे, तब अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने दो दिन इस्रायल का दौरा किया। इस्रायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट, विदेशमंत्री येर लैपिड और रक्षामंत्री बेनी गांत्ज़ से मुलाकात करके सुलिवन ने ईरान के खतरे पर अमरीका की भूमिका स्पष्ट की। परमाणु कार्यक्रम से लेकर आतंकी गुटों को ईरान से प्राप्त हो रहे समर्थन पर अमरीका और इस्रायल के नेताओं की चर्चा हुई।

इस मुलाकात के दौरान अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर तीन विकल्प पेश किए। इसमें पहला विकल्प यह है कि, अगले कुछ हफ्तों में वर्ष २०१५ का परमाणु समझौता ईरान स्वीकार करे। परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए ईरान को प्रतिबंधों से मुक्त करने का दूसरा विकल्प है और इस विकल्प पर इस्रायल के नेताओं ने आपत्ति जताई।

पिछले कुछ महीनों के दौरान ही ईरान ने यूरेनियम का संवर्धन बढ़ाकर कम से कम परमाणु बम का निर्माण करना मुमकिन होगा, इस हद तक भंड़ारण करने पर इस्रायली नेताओं ने ध्यान आकर्षित किया। ऐसी स्थिति में परमाणु कार्यक्रम बंद करने के लिए ईरान को निधि देना या प्रतिबंध हटाना उचित नहीं होगा, यह इशारा इस्रायली नेताओं ने दिया। इसके अलावा तीसरे विकल्प में परमाणु समझौता नहीं होता है तो ईरान पर नए प्रतिबंध लगाने का ज़िक्र था। इससे ईरान पर सैन्य कार्रवाई करने की इस्रायल की भूमिका को हमारा समर्थन ना होने के संकेत बायडेन प्रशासन ने दिए हैं।

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