रशिया और चीन ब्रिटेन के लिए घातक

- ब्रिटेन के मंत्री का गंभीर आरोप

लंदन – ‘रशिया और चीन ब्रिटेन के लिए घातक हैं। इन देशों के पास ब्रिटेन को नुकसान पहुँचाने के लिए आवश्‍यक मनुष्यबल, सायबर क्षमता है। वे इसका इस्तेमाल ब्रिटेन के खिलाफ कर सकते हैं’, ऐसा इशारा ब्रिटेन के ‘सिक्युरिटी ऐण्ड बॉर्डर्स’ विभाग के मंत्री डैमियन हाईन्डस्‌ ने दिया है। इस सूचि में हाईन्डस्‌ ने ईरान का भी समावेश किया है और उत्तर कोरिया से भी ब्रिटेन को खतरा होने का बयान किया है।

ब्रिटेन के लिए घातक

‘रशिया, चीन और ईरान इन तीन देशों के पास ब्रिटेन को नुकसान पहुँचाने की क्षमता है। इसमें जासूसों का इस्तेमाल, सायबर हमले करने की क्षमता, आरक्षित सैन्य बल एवं दुष्प्रचार का अभियान चलाने की ताकत का समावेश है’, यह कहकर हाईन्डस्‌ ने इन तीनों देशों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ब्रिटेन के खिलाफ इन तीनों देशों के पास कई विकल्प हैं, यह दावा भी हाईन्डस्‌ ने किया।

पिछले कुछ महीनों से ब्रिटेन और रशिया के संबंधों में तनाव निर्माण हुआ है और कुछ दिन पहले ब्रिटेन ने यूक्रैन पर संभावित हमले के खिलाफ इशारा दिया था। इसी दौरान नवंबर में ब्रिटेन के रक्षाबलप्रमुख जनरल निक कार्टर ने पश्‍चिमी देशों के साथ रशिया का युद्ध छिड़ सकता है, यह इशारा भी दिया था। साथ ही एकाधिकारी देश अपने उद्देश्‍य पूरे करने के लिए शरणार्थियों से सायबर हमलों तक किसी भी विकल्प का इस्तेमाल कर सकते हैं, इसका अहसास कार्टर ने कराया था। उससे भी पहले ब्रिटेन के विदेशमंत्री ने आरोप लगाया था कि, रशिया ने हमारे देश पर सायबर हमले किए थे।

ब्रिटेन के लिए घातक

अब डैमियन हाईन्डस्‌ ने इसी तरह के गंभीर आरोप लगाए हैं जिसकी वजह से ब्रिटेन और रशिया के संबंधों में अधिक तनाव निर्माण हो रहा है। खास तौर पर यूक्रैन की सीमा पर रशिया ने एक लाख से अधिक सैनिक तैनात करने के बाद इस क्षेत्र में युद्ध छिड़ेगा और नाटो के सदस्य देश इस युद्ध में शामिल होंगे, यह इशारा विश्‍लेषक दे रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर नाटो के प्रमुख सदस्यदेश ब्रिटेन ने रशिया को क्रमांक एक का बैरी करार देकर यूरोप का माहौल अधिक विस्फोटक बनाया है।

यूक्रैन के मसले पर तनाव कम करने के लिए रशिया ने नाटो को प्रस्ताव दिया है और इस प्रस्ताव पर १२ जनवरी को चर्चा होगी। लेकिन, इस चर्चा से पहले ब्रिटेन ने रशिया पर गंभीर आरोप लगाए हैं। दिसंबर के शुरू में ब्रिटेन के गुप्तचर विभाग के प्रमुख रिचर्ड मूर ने भी दावा किया था कि, देश के लिए रशिया का खतरा बढ़ रहा है। रशिया की इन गतिविधियों की वजह से द्विपक्षीय संवाद की संभावना दुर्लभ होने का बयान मूर ने किया था। लेकिन, रशिया ने इन आरोपों से इन्कार किया था। रशिया ने आरोप लगाया था कि, पश्‍चिमी देश रशिया पर लगा रहे आरोप रशिया विरोधी प्रचारतंत्र का हिस्सा हैं।

English    मराठी

इस समाचार के प्रति अपने विचार एवं अभिप्राय व्यक्त करने के लिए नीचे क्लिक करें:

https://twitter.com/WW3Info
https://www.facebook.com/WW3Info