स्विडन एवं फिनलैंड हुए नाटो में शामिल तो रशिया बाल्टिक क्षेत्र में नए एटम बम तैनात करेगी

- रशिया का इशारा

बाल्टिक क्षेत्र

मॉस्को/वॉशिंग्टन/किव – स्विडन एवं फिनलैंड नाटो में शामिल हुए तो रशिया बाल्टिक क्षेत्र में अतिरिक्त एटम बम तैनात करेगी, ऐसा इशारा रशिया के सिक्युरिटी कौन्सिल के उपाध्यक्ष दिमित्रि मेदवेदेव ने दिया। बाल्टिक में परमाणु तैनाति के अलावा रशिया फिनलैंड के खाडी में संरक्षण तैनाती भी बढाएगी, ऐसी ताकीद मेदवेदेव ने दी। स्विडन एवं फिनलैंड के नेताओं ने हाल ही में बैठक की। इसमें दोनों देशों ने नाटो की सदस्यता के प्रस्ताव को गति देने के संकेत दिए हैं। इस पर रशिया से तीव्र प्रतिक्रिया उमडी है।

रशिया ने युक्रेन पर चढाए हमलों के बाद अमेरिका समेत नाटो सदस्य देश रशिया के खिलाफ आक्रामक हुए हैं। नाटो के सदस्य देशों ने युक्रेन को बडे पैमाने पर शस्त्र सहायता प्रदान करने की गतिविधियां शुरु होना इसी का एक हिस्सा माना जाता है। फिनलैंड और स्विडन दोनों ने अब तक नाटो में होना टाल दिया था। दोनों देशों की जनता ने भी नाटो के सहभाग से विरोध किया था। मगर युक्रेन के युद्ध के कारण दोनों देशों में जनमत बदलने लगा है, ऐसा दावा माध्यमों द्वारा किया जाता है।

बाल्टिक क्षेत्र

रशिया ने इससे पहले भी नाटो के विस्तार को निरंतररूप से विरोध किया है। युक्रेन से लश्करी वार्यवाही के पीछे भी युक्रेन से नाटो की सदस्यता के लिए की जानेवाली कोशिशें प्रमुख कारण था। नाटो के विस्तार के कारण युरोप अस्थिर बनेगा एवं रशिया को अपनी सुरक्षा के लिए जरुरी कदम उठाने पड़ेंगे, रशिया ने ऐसा पुख्ता इशारा इससे पहले भी दिया था। पर अब फिनलैंड एवं स्विडन के नेता के बीच हुई बैठक और उन्होंने नाटो की सदस्यता के बारे में दिए हुए संकेत के कारण रशिया अधिक आक्रामकता दिखाई दे रही है।

मेदवेदेव का इशार इसी का एक हिस्सा है। ’बाल्टिक क्षेत्र परमाणुमुक्त रखने के बारे में इसके बाद चर्चा नहीं होगी। इस क्षेत्र का संतुलन बरकरार रखने के लिए जरुरी कदम उठाएंगे। हमारे हाथ बंधे हुए नहीं हैं। पोलैंड एवें लिथुआनिया के तल पर रशिया ने इससे पहले भी इस्कंदर समेत अन्य परमाणु तैनात करने की बात सामने आई थी। पर स्विडन एवं फिनलैंड का नाटो के समावेशों के बाद रशिया परमाणु तैनाती अधिक बढाएगी, ऐसे संकेत मेदवेदेव ने इनकी बातों से मिल रही है।

बाल्टिक क्षेत्र

तो, अमेरिका ने युक्रेन को नई संरक्षणसहायता की घोषणा की है। इसके अंतर्गत युक्रेन को ८० करोड़ डॉलर्स के शस्त्रों की आपूर्ति की जाएगी। इसमें रडार, हेलिकॉप्टर्स, ड्रोन्स, टैंक, सशस्त्र वाहन एवं मिसाइलों का समावेश है। युक्रेन युद्ध शुरु होने के बाद अमेरिका ने युक्रेन को १.७ अरब डॉलर्स के शस्त्रभंडार की आपूर्ति की है।

रशिया के ’ब्लैक सी फ्लीट’ का नेतृत्व करनेवाले ’मोस्कवा’ नामक मिसाइल क्रूज़र शिप’ पर हमला किए जाने का दावा युक्रेन के संरक्षण विभाग ने किया। ओडेस के पास तैनात नेपच्यून मिसाइलों की सहायता को यह हमला चढाए जाने की बात युक्रेन ने की है। रशिया की इस युद्धनौका को नुकसान होने की बात माना होगा फिर भी हमल एवं अन्य हानी के बारे में युक्रेन के दावे खारिज किए गए हैं।

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