स्वीडन और फिनलैंड में अगर नाटो के अड्डे बने, तो रशिया अपनी सीमा पर परमाणु अस्त्र तैनात करेगा

- रशियन न्यूज़ चैनल की चेतावनी

स्वीडन और फिनलैंड में अगर नाटो के अड्डे बने, तो रशिया अपनी सीमा पर परमाणु अस्त्र तैनात करेगा

मॉस्को/ब्रुसेल्स – नाटो की सदस्यता के लिए एप्लीकेशन करने वाले स्वीडन और फिनलैंड इन देशों में अगर लस्टरी अड्डे बने, तो रशिया परमाणु अस्त्र तैनाती से उसका प्रत्युत्तर देगा, ऐसी चेतावनी रशियन न्यूज़ चैनल पर दी गई है। ‘रोसिया वन’ न्यूज़ चैनल पर प्रसारित हुए कार्यक्रम में, रशिया ‘टॅक्टिकल न्यूक्लिअर वेपन्स’ तैनात करेगा, ऐसा जताया गया है। रविवार को फिनलैंड और स्वीडन इन देशों ने नाटो की सदस्यता के लिए एप्लीकेशन करने का ऐलान करने के बाद यह चेतावनी दी गई। कुछ ही दिन पहले रसिया के वरिष्ठ नेता दिमित्रि मेदवेदेव्ह ने, नाटो और रशिया के बीच की संभाव्य संघर्ष का रूपांतरण परमाणु युद्ध में हो सकता है, यह चेतावनी दी थी।

रविवार सुबह फिनलैंड के राष्ट्राध्यक्ष और प्रधानमंत्री ने संयुक्त पत्रकार परिषद में नाटो में सहभागी होने का फैसला घोषित किया था। उसके चंद कुछ ही घंटों में स्वीडन की प्रधानमंत्री मॅग्डालेना अँडरसन ने, स्वीडेन की सत्ताधारी पार्टी भी नाटो में शामिल होने के लिए तैयार होने की जानकारी दी। लेकिन नाटो का सदस्य बनने के बाद परमाणु अस्त्र तैनाती और कायमस्वरूपी लष्करी अड्डे का स्वीडन विरोध करेगा, ऐसा भी बताया गया। दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान गुटनिरपेक्ष भूमिका अपनानेवाले स्वीडेन ने पिछले 200 सालों में किसी भी प्रकार के लष्करी मोरचे में सहभागी होने से इन्कार किया था। इसलिए नाटो में सहभागी होने की तैयारी दर्शाना, यह स्वीडेन की नीति में ऐतिहासिक और क्रांतिकारी परिवर्तन साबित हुआ है।

फिनलैंड और स्वीडेन के नाटो में शामिल होने के फ़ैसले से रशिया से तीव्र प्रतिक्रियाएँ आना शुरू हुआ है। रशियन न्यूज़चैनल ने दोनों देशों को ‘टॅक्टिकल न्यूक्लिअर वेपन्स’ की तैनाती की धमकी दी है। बाल्टिक सागरी क्षेत्र में रशिया का कैलिनिनग्रॅड यह रक्षा अड्डा सक्रिय है। इस अड्डे पर परमाणु अस्त्रों की तैनाती के लिए मयीं सुविधाओं और यंत्रणाओं का निर्माण किया गया होने की खबरें कुछ महीने पहले प्रकाशित हुई थीं। इस अड्डे पर हुए अभ्यासों के दौरान रशियन रक्षाबलों द्वारा परमाणु अस्त्रों का इस्तेमाल भी किया गया था। फिलहाल इस अड्डे पर ‘इस्कंदर’ ये परमाणु अस्त्र वाहक क्षेपणास्त्र तैनात होने की जानकारी भी बताई जाती है। लेकिन रशिया ने इस मामले में अधिकृत जानकारी सार्वजनिक नहीं की है। ‘रोसिया वन’ पर हुए कार्यक्रम में दी गई धमकी इस्कंदर की तैनाती के संदर्भ में ही होगी, ऐसा दावा किया जाता है।

‘फिनलैंड तथा स्वीडेन ने नाटो के संदर्भ में किया फ़ैसला, यह बड़ी ग़लती है। रशिया यह आसानी से बर्दाश्त करेगा, इस भ्रम में ये देश ना रहें। नाटो, अमरीका तथा अन्य सदस्य देश भी यह ग़लती ना करें’, ऐसी चेतावनी रशिया के विदेश उपमंत्री सर्जेई रिब्कोव्ह ने दी। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने इससे पहले ही, दोनों देशों को नाटो में सहभागी होने के उनके फ़ैसले पर प्रत्युत्तर दिया जायेगा, ऐसा डटकर कहा है।

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