अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महाशक्ति की भूमिका निभाने के लिए रशिया और चीन सक्षम

- पुतिन और जिनपिंग का दावा

समरकंद – वैश्विक व्यवस्था को एकध्रूवीय बनाने की कोशिश अस्वीकृत है और रशिया एवं चीन दोनों अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महाशक्ति की भूमिका निभाने के लिए सक्षम होने का दावा राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतनि और शी जिनपिंग ने किया। उज्बेकिस्तान के समरकंद में आयोजित ‘शांघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन’ (एससीओ) की बैठक की पृष्ठभूमि पर रशिया और चीन के राष्ट्राध्यक्षों की स्वतंत्र बैठक हुई। यूक्रेन के संघर्ष और ताइवान के मुद्दे पर पश्चिमी देश रशिया और चीन पर दबाव बना रहे हैं और इस दौरान इनकी यह मुलाकात अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित करती है।

महाशक्ति की भूमिका

पिछले कुछ सालों में रशिया और चीन वैश्विक अर्थव्यवस्था में पश्चिमी देशों के प्रभाव को चुनौती देने की कोशिश कर रहे हैं। चीन ने व्यापार एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में अपना वर्चस्व बढ़ाने में कामयाबी हासिल की है और अफ्रीकी और लैटीन अमरिकी देशों में पैर जमाना शुरू किया है। हाँगकाँग पर निरंकुश नियंत्रण पाकर चीन ने पश्चिमी देशों का दबाव ठुकराने का चित्र खड़ा किया है। दूसरी ओर क्रिमिया पर कब्ज़ा करके और ‘डिडॉलराइजेशन’ के लिए पहल एवं नाटो के वर्चस्व को चुनौती देकर रशिया ने अपना दबाव अभी पूरी तरह से खत्म ना होने की बात दर्शायी है।

महाशक्ति की भूमिका

पश्चिमी देशों के विरोधी गुट के मुद्दे पर रशिया और चीन दोनों करीब आने लगे हैं। पिछले कुछ सालों की गतिविधियों से यह दिख रहा था। यूक्रेन संघर्ष और ताइवान के मुद्दे से इस प्रक्रिया को अधिक गति मिली। आर्थिक, व्यापारी एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में दोनों देशों का सहयोग नई उंचाई प्राप्त करने के संकेत मिल रहे हैं। कुछ महीने पहले रशिया ने यूक्रेन में शुरू किए अभियान के बाद चीन ने रशिया के खिलाफ भूमिका अपनाने से इन्कार किया था। पश्चिमी देशों ने रशिया पर लगाए प्रतिबंधों का भी चीन ने विरोध किया। साथ ही पश्चिमी देशों ने ताइवान पर अपनाई नीति की रशिया ने आलोचना की है और चीन का समर्थन किया है।

इस पृष्ठभूमि पर रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन और चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग की मुलाकात एवं चर्चा बड़ी अहमियत रखती है। आनेवाले समय में अमरीका के साथ पश्चिमी देशों के गुट को चुनौती देने के लिए दोनों देशों के एकजुट होने का स्पष्ट संकेत भी इन नेताओं ने इस दौरान दिया। ‘अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एकध्रुवीय विश्व का निर्माण करने की कोशिश जारी है। पिछले कुछ सालों से ऐसी कोशिशों ने काफी बुरा मोड़ लिया है। यह बात अस्वीकारार्ह है’ ऐसा इशारा पुतिन ने दिया। ‘विश्व में भारी मात्रा में सामाजिक अस्थिरता फैली है और इस पृष्ठभूमि पर सकारात्मक ऊर्जा और स्थिरता देने के लिए मार्गदर्शक के तौर पर चीन कार्यरत रहेगा। वैश्विक स्तर पर रशिया के साथ महाशक्ति की भूमिका निभाने की कोशिश चीन करेगा’, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने कहा।

महाशक्ति की भूमिका

इस दौरान दोनों नेताओं में यूक्रेन संघर्ष और ताइवान के मुद्दे पर बातचीत हुई। यूक्रेन मुद्दे पर चीन की भूमिका की सराहना करके इस पर चीन की चिंताओं का रशिया को अहसास होने की बात पुतिन ने स्पष्ट की। साथ ही वन चायना पॉलिसी को रशिया का पूरा समर्थन है और इसमें बदलाव नहीं होगा, यह गवाही भी रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने इस दौरान दी। इसी बीच गुरूवार को आयोजित पुतिन-जिनपिंग चर्चा को लेकर अमरीका का बयान सामने आया है।

‘रशिया के साथ पहले की तरह सभी कारोबार जारी रखने का यह समय नहीं है। यूक्रेन संघर्ष के मुद्दे पर रशिया की आलोचना ना करनेवाला चीन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग हुआ है। यूक्रेन के मुद्दे पर चीन ने पक्ष का चयन करना ज़रूरी है’, ऐसा अमरिकी प्रवक्ता जॉन किरबान ने कहा।

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