विश्व के पांच परमाणु देशों का प्रत्यक्ष संघर्ष छिड़ सकता है

- रशियन विदेश मंत्रालय की चेतावनी

मास्को/वॉशिंग्टन – विश्व के पांच परमाणु महासत्ता प्रत्यक्ष संघर्ष की दहलिज पर खड़ी हैं और ऐसें संघर्ष का असर बड़ा खतरनाक और विनाशकारी हो सकता हैं, ऐसी गंभीर चेतावनी रशिया के विदेश मंत्रालय ने दी। वैश्विक महासत्ताओं का परमाणु युद्ध टालना ही रशिया की प्राथमिकता है। लेकिन, पश्चिमी देश विनाशकारी हथियारों की तैनाती करके उकसा रहे हैं, ऐसा आरोप रशिया के विदेश मंत्रालय ने लगाया। इसी बीच परमाणु युद्ध की संभावना बढ़ाने के लिए रशिया के बयान और कृति ज़िम्मेदार हैं, ऐसें दावे पश्चिमी देश कर रहे हैं। पिछले महीने में ही रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुति ने यूक्रेन संघर्ष मे परमाणु हथियार का प्रयोग करने की ज़रूरत महसूस नहीं होगी, ऐसा बयान किया था।

प्रत्यक्ष संघर्ष

पाकिस्तान यूक्रेन को परमाणु बम की तीकनी मुहैया कराने की तैयारी में होने का गंभीर आरोप रशिया की ‘डिफेन्स कमिटी’ के सदस्य इगोर मोरोज़ोव ने हाल ही में लगाया था। यूक्रेन के वैज्ञानिकों ने इसके लिए पाकिस्तान का दौरा भी किया था, यह जानकारी मोरोज़ोव ने रशियन माध्यमों से साझा की थी। अमरीका के इशारे पर पाकिस्तान यह काम कर रहा होगा, ऐसी संभावना भी जताई गई थी। इससे पहले रशिया के रक्षा मंत्री ने यूक्रेन ‘डर्टी बम’ तैयार कर रहा हैं, ऐसी चेतावनी भी दी थी। साथ ही अमरीका के साथ अन्य पश्चिमी देशों ने यह आरोप लगाया था कि, रशिया ही परमाणु युद्ध बढ़ाने के बयान और गतिविधियाँ कर रही हैं।

प्रत्यक्ष संघर्ष

पश्चिमी देशों के इन दावों पर रशियन विदेश मंत्रालय ने प्रत्युत्तर दिया। ‘इस साल के शुरू में पांच परमाणु हथियारों से सज्जित देशों ने परमाणु युद्ध टालने से संबंधित संयुक्त निवेदन जारी किया था। इस निवेदन के शब्दों से रशिया प्रतिबद्ध हैं। रशिया ने परमाणु हथियार इस्तेमाल करने संबंधित अपनी भूमिका लगातार स्पष्ट की हैं। विनाशकारी हथियारों का इस्तेमा हुआ तो इसके विरोध में बचाव के तौर पर एवं परंपरागत हथियारों से रशिया के अस्तित्व को खतरा बनता हैं तो ही रशिया परमाणु हथियार का इस्तेमाल करेगी’, ऐसी चेतावनी रशियन विदेश मंत्रालय ने दी।

प्रत्यक्ष संघर्ष

‘रशिया की तरह न्युक्लियर फाईव का हिस्सा होने वाले अन्य देश भी एक-दूसरे के हितसंबंधों में दखलअंदाज़ी करना टाल दे। संयुक्त निवेदन के बयान से प्रतिबद्ध रहने की ज़िम्मेदारी अन्य देशों ने भी दिखानी होगी। पश्चिमी देशों ने विनाशकारी हथियारों की तैनाती के साथ उकसाना बंद करना होगा। ऐसा नहीं हुआ तो परमाणु देश सीधे संघर्ष की दहलिज पर पहुँचेंगे। परमाणु युद्ध छिड़ने के परिणाम काफी खतरनाक और विनाशकारी होंगे’, यह इशारा रशिया ने दिया।

रशिया की राष्ट्रीय सुरक्षा को अनदेखा करके कुछ देश गैरज़िम्मेदाराना ढ़ंग से कदम बढ़ा रहे हैं। इस वजह से स्थिति अधिक ही जटिल हो रही हैं। ऐसें में परमाणु देशों का सैन्य संघर्ष छिड़ने से रोकने को सबसे अधिक प्राथमिकता देनी होगी, इसका अहसास भी रशिया के विदेश मंत्रालय ने कराया।

इसी बीच, रशिया ने पड़ोसी बेलारूस में सुपरसोनिक लड़ाकू विमान ‘मिग-३१ के’ और ‘किन्झ्ााल हायपरसोनिक मिसाइल्स’ तैनात करने की बात सामने आयी है। पश्चिमी माध्यमों ने सैटेलाइटस्‌‍ से प्राप्त फोटो जारी करके यह दावे किए हैं। रशिया की यह नई तैनाती यूक्रेन समेत पश्चिमी देशों के लिए संदेश होने का दावा कुछ विश्लेषकों ने किया है।

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