रशिया विरोधी संघर्ष में यूक्रेन पराजित हुआ तो तीसरा विश्वयुद्ध छिड़ेगा

- पोलैण्ड के प्रधानमंत्री की चेतावनी

बर्लिन/किव – रशिया विरोधी संघर्ष में यूक्रेन पराजित हुआ तो यह तीसरे विश्वयुद्ध का कारण बन सकता है, ऐसी चेतावनी पोलैण्ड के प्रधानमंत्री ने दी। जर्मनी की राजधानी बर्लिन में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने यह बयान किया। साथ ही यूक्रेन को हो रही हथियारों की सप्लाइ रोकने के लिए यूरोपिय देशों के पास कोई वजह नहीं है, ऐसी आलोचना भी प्रधानमंत्री मैत्यूस्झ मोराविकी ने की। इसी बीच क्रोशिया के राष्ट्राध्यक्ष झोरान मिलानोविक ने नाटो रशिया विरोधी ‘प्रॉक्सी वॉर’ कर रही है, यह दावा किया है।

यूक्रेन पराजित हुआ

रशिया-यूक्रेन संघर्ष में अमरीका के साथ यूरोपिय देशों से यूक्रेन को बडी मात्रा में हथियारों की आपूर्ति हो रही है। अमरीका और यूरोपिय देशों ने मिलकर यूक्रेन को लगभग ३० अरब डॉलर्स की शस्त्र सहायता करने की बात कही जा रही है। इसके बावजूद यूक्रेन अधिक हथियारों की मांग कर रहा है। यूक्रेन की इस मांग का पोलैण्ड समेत बाल्कन देशों ने जोरदार समर्थन किया है। पिछले कुछ दिनों में इन देशों द्वारा हथियारों की आपूर्ति के लिए लगातार आक्रामक बयान किए जा रहे हैं।

यूक्रेन पराजित हुआ

पोलैण्ड के प्रधानमंत्री मोराविकी का इशारा भी इसी का हिस्सा है। यूक्रेनी सेना सिर्फ उस देश की आज़ादी के लिए नहीं बल्कि, यूरोप की सुरक्षा के लिए भी लड़ रही है, इसका अहसास यूरोपिय देश रखें, ऐसा पोलैण्ड के प्रधानमंत्री ने कहा है। जर्मनी जैसे प्रमुख देश यूक्रेन को शस्त्र प्रदान करने से ना बचें, ऐसी आग्रही भूमिका मोराविकी ने अपनाई।

जर्मनी ने यूक्रेन को तकरीबन एक अरब डॉलर्स से अधिक की रक्षा सहायता प्रदान की है। लेकिन, कुछ प्रगत हथियारों की आपूर्ति को लेकर जर्मनी और यूक्रेन में मतभेद निर्माण हुए हैं। जर्मनी की बनी यंत्रणा यूक्रेन को प्रदान करने के लिए अन्य यूरोपिय देशों ने तैयारी दर्शायी है। लेकिन, जर्मनी ने इसे मंजूरी नहीं दी है। इसकी वजह से यूक्रेन ने नाराज़गी व्यक्त की है और यूरोपिय देशों ने भी जर्मनी पर दबाव बनाने की कोशिश शुरू की है। लेकिन, इस मुद्दे पर जर्मनी ने अपनी भूमिका कायम रखी है और इसमें बदलाव करने से इन्कार किया है। इस पृष्ठभूमि पर सीधे तीसरे विश्वयुद्ध का ज़िक्र करके पोलैण्ड अब जर्मनी पर दबाव बढ़ाने की कोशिश करता दिख रहा है।

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