यूक्रेन में रशियन अभियान के उद्देश्य प्राप्त हुए हैं

- ‘वैग्नर ग्रुप’ के प्रमुख का दावा

मास्को/वॉशिंग्टन – रशिया ने यूक्रेन की सेना को बड़ा नुकसान पहुंचाया है और लाखों नागरिकों को शरणार्थी के रूप में देश से बाहर निकाला है। यूक्रेन का काफी हिस्से पर भी रशियन सेना ने कब्ज़ा किया है। रशिया के यूक्रेन अभियान के उद्देश्य मिले हैं और रशिया की शासक हुकूमत ने इसका ऐलान करके युद्ध खत्म करना पडेगा, ऐसा दावा ‘वैग्नर ग्रुप’ के प्रमुख येव्गेनी प्रिगोज़िन ने किया। ‘वैग्नर ग्रुप’ रशिया की निजी सैन्य कंपनी है और प्रिगोज़िन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन के अपनों में से एक माने जाते हैं।

अभियान के उद्देश्य

पिछले महीने से रशिया ने यूक्रेन में अपने हमलों की तीव्रता बढ़ाई है। उत्तर के खार्किव प्रांत से दक्षिण के ओडेसा बंदरगाह तक के क्षेत्र में लगातार हमले किए जा रहे हैं। लड़ाकू विमान, मिसाइलें, ड्रोन्स, टैंक, रॉकेटस्‌‍ और तोप से यूक्रेन के शहर एवं सैन्य ठिकानों पर जोरदार हमले जारी हैं। बाखमत जैसे शहर में रशियन सेना ८० प्रतिशत से अधिक हिस्से पर कब्ज़ा करके यूक्रेनी सेना को घेरने में सफल हुई है।

अभियान के उद्देश्य

रशिया के आक्रामक हमलों की वजह से यूक्रेन ने रशिया विरोधी जवाबी हमले करने की योजना आगे बढ़ाने में अब देरी होने की बात कही जा रही है। पश्चिमी माध्यम एवं विश्लेषकों ने रशिया-यूक्रेन दोनों पक्षों का बड़ा नुकसान होने के दावे किए हैं। भीषण नुकसान के कारण दोनों पक्ष आनेवाले दिनों में बड़ा हमला करने के लिए तैयार न होने की बात भी कही जा रही है। इस पृष्ठभूमि पर रशिया के ‘वैग्नर ग्रुप’ के प्रमुख का यह दावा ध्यान आकर्षित कर रहा है।

पूर्व और दक्षिण यूक्रेन में जारी जंग में ‘वैग्नर ग्रुप’ के दलों का अहम योगदान रहा। डोन्बास के सोलेदार एवं बाखमत की जंग में इन गुटों के दलों के संघर्ष का पश्चिमी देश एवं यूक्रेनी सेना ने भी ज़िक्र किया था। इन दोनों जंगों में ‘वैग्नर ग्रुप’ का भारी नुकसान होने की बात कही जा रही है। इसकी वजह से रशिया के यूक्रेन अभियान में वैग्नर ग्रुप का योगदान घटेगा, ऐसे संकेत प्राप्त हो रहे हैं। वैग्नर ग्रुप के प्रमुख प्रिगोज़िन और रशियन हुकूमत के वरिष्ठ अधिकारियों में तनाव होने की खबरें भी प्रसिद्ध हुई हैं।

अभियान के उद्देश्य

इसी बीच, अमरीका के विदेश विभाग की अधिकारी विक्टोरिया न्यूलैण्ड ने यूक्रेन के पुननिर्माण के लिए रशिया की निधि इस्तेमाल की जाएगी, यह बयान किया है। रशिया-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद अमरीका के साथ पश्चिमी देशों ने रशिया पर भारी आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे। इसमें रशिया की विदेश मुद्रा भंड़ार की ३०० अरब डॉलर्स से अधिक राशि कुर्क करने के निर्णय का भी समावेश था। यूक्रेन एवं पोलैण्ड ने यह निधि युद्ध के बाद यूक्रेन के पुननिर्माण पर खर्च करने की मांग की थी।

अमरीका और कुछ यूरोपिय देशों से इस मांग का समर्थन हो रहा है और न्यूलैण्ड का बयान इसी का हिस्सा है। पिछले हफ्ते आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने यूक्रेन के निर्माण के लिए ४०० अरब डॉलर्स से अधिक राशि आवश्यक होने की उम्मीद होने का दावा किया। इसमें रशिया भी योगदान देगा, ऐसा कहकर रशिया के कुर्क किए गए विदेशी मुद्रा भंड़ार का इस्तेमाल करने के संकेत न्यूलैण्ड ने दिए थे।

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