अमरिका और उत्तर कोरिया का युद्ध सबसे भयंकर साबित होगा- जर्मनी के विदेश मंत्री का इशारा

अमरिका और उत्तर कोरिया का युद्ध सबसे भयंकर साबित होगा- जर्मनी के विदेश मंत्री का इशारा

बर्लिन/वाशिंगटन/मॉस्को: ‘कोरियन इलाके में निर्माण हुए तनाव की वजह से आने वाले समय में अमरिका और उत्तर कोरिया के बीच युद्ध भड़का, तो दूसरे विश्वयुद्ध से भी जीवित हानि होगी। यह युद्ध मानवता के इतिहास का सबसे भीषण युद्ध साबित होगा’, ऐसा इशारा जर्मनी के विदेश मंत्री सिग्मार गैब्रिएल ने दिया है। इस लिए उत्तर कोरिया पर दबाव डालकर यह विवाद सुलझाया जाए, ऐसा आवाहन विदेश मंत्री गैब्रिएल ने किया है।

अमरिका और उत्तर कोरिया

चार दिन पहले उत्तर कोरिया ने जापान के हवाई इलाके से बैलेस्टिक मिसाइल छोड़े थे। यह प्रशांत महासागर के युद्ध का पहला चरण था, ऐसा इशारा उत्तर कोरिया ने दिया था। उसके बाद पूर्व एशिया में तनाव निर्माण हुआ है और जापान ने मिसाइल भेदी यंत्रणा की तैनाती के लिए गतिविधियाँ शुरू की हैं। साथ ही लश्करी सामर्थ्य का उपयोग करके उत्तर कोरिया को निशस्त्र करने की अमरिका ने घोषणा की है।

लेकिन जर्मनी के विदेश मंत्री ने अमरिका और मित्र देशों की उत्तर कोरिया विरोधी गतिविधियों पर चिंता व्यक्त की है। युद्ध यह अंतिम पर्याय न होकर उत्तर कोरिया पर आर्थिक प्रतिबन्ध लगाना यही उचित पर्याय है, ऐसा दावा जर्मनी के विदेश मंत्री ने किया है। राजनितिक दबाव डालकर चर्चा में सहभागी बनाया, तो उत्तर कोरिया पर रोक लगाईं जा सकती है, ऐसा भी विदेश मंत्री गैब्रिएल ने कहा है।

लेकिन रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन की उत्तर कोरिया के मामले में अलग भूमिका है। उत्तर कोरिया पर दबाव डालना ज्यादा फायदेमंद नहीं होगा, ऐसा दावा राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने किया है। उत्तर कोरिया पर दबाव बढाने का प्रयास किया, तो उसके उलटे परिणाम होंगे। कोरियन इलाके में बड़ा संघर्ष भडकेगा, ऐसा इशारा पुतिन ने दिया है। इसलिए दबाव से नहीं बल्कि चर्चा से यह विवाद सुलझाया जा सकता है, ऐसा दावा रशियन राष्ट्राध्यक्ष कर रहे हैं।

लेकिन अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प उत्तर कोरिया का विवाद सुलझाने के लिए लश्करी सामर्थ्य का इस्तेमाल करने पर अड़े हैं। दो दिनों पहले ट्रम्प ने इसके स्पष्ट संकेत भी दिए थे। अमरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटीस ने भी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प की भूमिका का समर्थन किया है और उत्तर कोरिया के मुद्दे पर राष्ट्राध्यक्ष के साथ सहमत होने की बात कही है।

दौरान, अमरिका और दक्षिण कोरिया के बीच युद्धाभ्यास संपन्न हुआ है और आखरी दिन अमरिकी बोम्बर्स विमानों ने कोरियन सीमा के पास बम हमलों का प्रदर्शन किया है। अमरिका के प्रदर्शन का दक्षिण कोरिया ने स्वागत किया है, लेकिन चीन और उत्तर कोरिया ने इस युद्धाभ्यास का विरोध किया है।

 

(Courtesy: www.newscast-pratyaksha.com)

leave a reply