आर्टिफिशल इंटेलिजन्स के ‘थर्ड वेव्ह’ के लिए अमरीकी रक्षा विभाग द्वारा दो अरब डॉलर्स का प्रावधान

आर्टिफिशल इंटेलिजन्स के ‘थर्ड वेव्ह’ के लिए अमरीकी रक्षा विभाग द्वारा दो अरब डॉलर्स का प्रावधान

वॉशिंग्टन – १९६० व १९९० के दशक में अमरिकी रक्षा विभाग द्वारा ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ अर्थात ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता’ क्षेत्र के तंत्रज्ञान की नींव रखने का दावा करते हुए, इस क्षेत्र में ‘थर्ड वेव्ह’ शुरु करने के लिए करीब दो अरब डॉलर्स का निवेश करने का ऐलान किया गया है। रक्षा विभाग के ‘डिफेन्स ऍडव्हान्सड् रिसर्च प्रोजेक्ट एजन्सी’ ने(दार्पा) प्रकाशित किए निवेदन में, इस निवेश के माध्यम से ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ की नयी पीढी की नींव रची जायेगी, ऐसा साफ किया गया है। पिछले एक साल में चीन और रशिया जैसे देशों ने ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ में किए प्रगती की पृष्ठभूमी पर नया निवेश महत्त्वपूर्ण माना जाता है।

‘थर्ड वेव्ह’, विकसित, दार्पा, Third Wave, Artificial Intelligence, AI, अभियान, वॉशिंग्टन, चीनअमरिका के मेरिलॅण्ड प्रांत में हाल ही में ‘दार्पा’ की ‘डी६० सिम्पोसिअम’ नामक परिषद संपन्न हुई। इस बैठक के अंतिम दिन ‘दार्पा’ के संचालक स्टीव्हन वॉकर ने ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ में महत्त्वाकांक्षी निवेश का ऐलान किया। ‘दार्पा’द्वारा पिछले छह दशक में ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ में किए संशोधन में आयी मर्यादा और बाधाओं को ध्यान में रखते हुए नये सिद्धांत और ‘ऍप्लिकेशन्स’ विकसित किये जायेंगे। यह सिद्धांत और ‘ऍप्लिकेशन्स’, मशिन्स को बदलते हुए वातावरण तथा स्थिती से सहज रुप में मेलजोल करने में सहायक हो सकते है, ऐसा ‘दार्पा’ के निवेदन में साफ किया गया है।

‘थर्ड वेव्ह’, विकसित, दार्पा, Third Wave, Artificial Intelligence, AI, अभियान, वॉशिंग्टन, चीन‘दार्पा’ द्वारा ‘एआय नेक्स्ट’ यह नया अभियान शुरु किया जानेवाला है। इसके अंतर्गत अभी ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ तकनीक से जुडी परियोजना और नयी योजनांए एकसाथ लायी जायेगी। उसके लिए दो अरब डॉलर्स से ज्यादा निवेश किया जायेगा। ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स एक्सप्लोरेशन प्रोग्राम’ नये अभियान का महत्त्वपूर्ण हिस्सा रहेगा। इस में ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ क्षेत्र का हिस्सा रहे महत्त्वाकांक्षी तथा संभव परियोजनाओं पर खास ध्यान दिया जायेगा, ऐसा ‘दार्पा’द्वारा कहा गया है।

इस वक्त अमरिका के रक्षा विभाग की ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ क्षेत्र में ८० से ज्यादा परियोजनांए शुरु है। इस में ‘इलेक्ट्रोमॅग्नेटिक स्पेक्ट्रम’ का उपयोग, ‘सायबरक्षेत्र के धोखे पर उपाय’ और ‘ऍडव्हान्सड् मशिन लर्निंग’ जैसे घटक शामिल है। अगले एक साल में ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ क्षेत्र के नये परियोजनाओं का ऐलान होगा और काम को शुरुआत होगी, ऐसा अमरिकी रक्षा विभाग ने साफ किया। अमरिकी रक्षा विभाग ने इस से पहले ‘ड्रोन्स’, ‘रोबोट्स’ तथा युद्धपोत में ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ का इस्तेमाल करने की जानकारी प्रकाशित हुई है।

नये महत्त्वाकांक्षी निवेश के पिछे रशिया और चीन द्वारा ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ में की प्रगती जिम्मेदार है, ऐसा माना जाता है। ‘जो कोई आर्टिफिशल इंटेलिजन्स क्षेत्र में नेतृत्त्व करेगा वह पूरे दुनिया पर राज करेगा।’ ऐसा दावा रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने पिछले साल किया था। भविष्य में रशिया इस क्षेत्र में पिछे ना रह जाए, इसलिए जल्द ही ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ के लिए तेज गती से कदम उठाए जायेंगे, ऐसा भी राष्ट्राध्यक्ष ने कहा था।

चीन द्वारा सन २०३० तक अमरिका को पिछे छोडते हुए ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ में मुख्य स्थान पाने के लिए महत्त्वाकांक्षी योजना का ऐलान हो चुका है। इस में करीब ६० अरब डॉलर्स से ज्यादा निवेश करने की घोषणा की गयी है।

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