भूमध्य समुद्री क्षेत्र के अधिकारों को लेकर ग्रीस-तुर्की में तनाव

भूमध्य समुद्री क्षेत्र के अधिकारों को लेकर ग्रीस-तुर्की में तनाव

अथेन्स – ग्रीस की समुद्री सीमा में तुर्की ने भेजा जहाज़ भूमध्य समुद्री क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए खतरा बना रहा है, ऐसी कड़ी चेतावनी ग्रीस ने दी है। तुर्की की हरकतें उकसाती हैं और अपनी संप्रभुता एवं अधिकारों की रक्षा करने के लिए ग्रीस तैयार होने का इशारा ग्रीस की सरकार ने दिया है। ऐसे में बीते सत्पाह के दौरान ग्रीस और इजिप्ट के बीच हुआ समझौता फिज़ूल है और तुर्की की आठ करोड़ जनता अपनी मुहीम का समर्थन करती है, यह बात तुर्की ने जवाब में कही है। ग्रीस और तुर्की दोनों ही नाटो के सदस्य हैं और यूरोपिय देशों ने ग्रीस का समर्थन करने के संकेत दिए हैं। इसकी वजह से भूमध्य समुद्र में तनाव काफी हद तक बढने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

भूमध्य समुद्री क्षेत्र

रविवार के दिन तुर्की ने नॅवटेक्स अलर्ट जारी करके अपना ‘ओरुक रेईस’ नामक ‘रिसर्च शिप’ दो जहाज़ों के साथ भूमध्य समुद्री क्षेत्र में अनुसंधान का कार्य करने के लिए दाखिल होगा, यह ऐलान किया। तुर्की के इस ऐलान पर ग्रीस ने कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज़ की है। भूमध्य समुद्र की शांति और स्थिरता के लिए खतरा पहुँचानेवाली अवैध हरकते करना तुर्की तुरंत बंद करे। तुर्की की मुहीम उकसाने वाली नई गंभीर हरकत है। इससे भूमध्य समुद्र क्षेत्र अस्थिर करने के लिए तुर्की ने अपनाई भूमिका स्पष्ट हो रही है। ग्रीस किसी भी तरह के ब्लैक मेल का शिकार नहीं होगा और अपनी संप्रभुता एवं अधिकारों की रक्षा के लिए हम तैयार हैं, ऐसी कड़ी चेतावनी ग्रीस के विदेशमंत्री निकोस डेंडीअस ने दी।

ग्रीस के प्रधानमंत्री ने अपने ‘नैशनल सिक्युरिटी कौन्सिल’ के साथ रक्षाबल प्रमुख से बैठक की। इस दौरान सभी बलों को हाय अलर्ट पर रहने के आदेश दिए गए हैं। तुर्की के तीन जहाज़ ग्रीस के ‘कैस्टेलोरीज़ो’ द्विप के दक्षिणी ओर के समुद्री क्षेत्र में हैं और ग्रीस के युद्धपोतों ने इस इलाके में अपनी गश्‍त सुरू की है। तुर्की ने भी अपने युद्धपोत इस क्षेत्र के करीब तैनात करने की बात हो रही है। तुर्की की इस उकसानेवाली हरकतों पर ग्रीस सरकार ने यूरोपिय महासंघ एवं नाटो से चर्चा करने की जानकारी सूत्रों ने दी है।

भूमध्य समुद्री क्षेत्र

ग्रीस और तुर्की अंतरराष्ट्रीय कानून एवं नाटो के सदस्य देशों में बनी समझदारी ध्यान में रखकर चर्चा के माध्यम से हल निकाले, यह निवेदन नाटो के प्रमुख जेन्स स्टॉल्टनबर्ग ने किया है। यूरोपिय महासंघ के अध्यक्ष बने जर्मनी ने तुर्की की मुहीम पर आलोचना की है। वर्तमान दौर में खनन करने की मुहीम गलत संदेश देनेवाली साबित होती है, यह इशारा जर्मनी ने दिया है। इस पर तुर्की ने तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ की है और अन्य देशों ने तुर्की जैसे बड़े देश को अनदेखा करने की गलती ना करे, इन शब्दों में तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन ने इशारा दिया है। मौजूदा तनाव के लिए ग्रीस ही ज़िम्मेदार होने का आरोप भी तुर्की के विदेश मंत्रालय ने किया है।

भूमध्य समुद्री क्षेत्र में बड़ी मात्रा में इंधन के भंड़ार होने की बात अंतरराष्ट्रीय सर्वेक्षण और रपटों से सामने आई है। इस्रायल, ग्रीस, सायप्रस एवं तुर्की की समुद्री सीमा में यह भंड़ार देखें गए हैं और इनमें से अधिक से अधिक क्षेत्र पर कब्ज़ा करने के लिए तुर्की ने गतिविधियां शुरू की है। भूमध्य समुद्र में ग्रीस और सायप्रस के अधिकार के क्षेत्र पर भी तुर्की अपना हक जता रहा है। अपना दावा मज़बूत करने के लिए तुर्की ने बीते वर्ष लीबिया के साथ एक समझौता भी किया था। लेकिन, जागतिक स्तर पर इस समझौते को लेकर तीव्र प्रतिक्रिया सामने आई थी।

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तुर्की की इन हरकतों पर जवाब देने के लिए ग्रीस ने इस्रायल और इजिप्ट के साथ यूरोपिय महासंघ की सहायता प्राप्त की है। इसी वर्ष जनवरी महीने में ग्रीस में हुई एक बैठक के दौरान इस्रायल, सायप्रस और ग्रीस ने ‘ईस्टमेड’ र्इंधन पाईपलाईन की परियोजना से संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। 6.86 अरब डॉलर्स की इस परियोजना के तहत इस्रायल के समुद्री क्षेत्र में स्थित ‘लेवियाथन बेसीन’ से 1900 किलोमीटर दूर ग्रीस तक इंधन पाईपलाईन का निर्माण होगा। समुद्र के गहरे तल पर इस पाईपलाईन का निर्माण कार्य होगा। इस परियोजना के लिए सर्वेक्षण का काम पहले ही शुरू हुआ है और इस कार्य में यूरोपिय कंपनियां शामिल हैं। इसके बाद बीते सप्ताह में ग्रीस ने इजिप्ट के साथ भूमध्य समुद्र के क्षेत्र में ‘एक्सक्ल्युज़िव इकॉनॉमिक ज़ोन’ तैयार करने के लिए समझौता किया।

तुर्की ने सोमवार के दिन ग्रीस के द्विप के करीब भेजा हुआ जहाज़ और अगली समुद्री मुहीम इस समझौते पर जवाब देने की कोशिश समझी जा रही है। लेकिन, इससे पहले तुर्की ने यूरोप के साथ अंतराष्ट्रीय समुदाय ने किया निवेदन ठुकराकर भूमध्य समुद्री क्षेत्र में अपने जहाज़ और युद्धपोत भेजकर समुद्री मुहीम चलाई है। इसके पीछे इस क्षेत्र में अपनी वर्चस्ववादी महत्वाकांक्षा पूरी करने के लिए तुर्की के राष्ट्राध्यक्षक्ष एर्दोगन से हो रही कोशिश ज़िम्मेदार होने की बात कही जा रही है। इसी कारण नज़दिकी दिनों में भूमध्य समुद्री क्षेत्र में तनाव की स्थिति और भी खराब होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

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