‘साऊथ चायना सी’ के मसले पर अमेरिका अगर दखलअंदाजी करता है, तो फिर ‘तृतीय विश्वयुद्ध’ छिड़ सकता है, ऐसी चेतावनी चीन की सेना ने अपने ‘सफेद कागज’ के जरिए दी है। साथ ही चिनी सेना को रक्षात्मक तरीका छोड़ आक्रमक रवैय्या अपनाने की सूचना की है। चीनी सेना के ‘सफेद कागज’ में लिखे इस जानकारी के संबंध में ब्रिटन के अखबार ‘डेलि एक्स्प्रेस’ने खबर प्रकाशित की है।
दो हफ्ते पहले ‘ग्लोबल टाईम्स’ चीन के इस सरकारी अखबार द्वारा अमेरिका को कड़े शब्दों में युद्ध की चेतावनी दी गई थी। ‘साऊथ चायना सी’ में चीन द्वारा शुरू अप्राकृतिक द्वीपों का निर्माण तुरन्त बंद कर दे, ऐसी माँग अमेरिका कर रहीं है। वहीं अमेरिका अपनी इस माँग से पिछे नहीं हटा तो फिर अमेरिका और चीन में संघर्ष होना अटल है, ऐसे चीन के अखबार ने धमकाया था। लेकिन इस पूरे मामले पर चीन सरकार द्वारा अमेरिका को किसी भी प्रकार से संघर्ष या सैनिकी आक्रमकता की चेतावनी नहीं दी गई थी। लेकिन पिछले ही हफ्ते चीन के ‘पिपल्स लिबरेशन आर्मी’ द्वारा जारी किए गए ‘सफेद कागज’ में अमेरिका को ललकारा गया है।
‘साऊथ चायना सी’ में बढ़ता तनाव, सायबर हमले और सेना में बढ़ते भ्रष्टाचार से घिरे हुए चीन के ‘सफेद कागज’ पर अन्तरराष्ट्रीय विश्लेषकों की नजर टिकी हुई थी। चीन ने भी अपना सैनिकी धोरण आनेवाले दिनों में और भी आक्रामक होगा, ऐसे संकेत इस ‘सफेद कागज’ के जरिए दिए। साथ ही ‘साऊथ चायना सी’ में चल रहे अप्राकृतिक द्वीपों के निर्माण पर चीन अपनी भूमिका पर कायम है, इन द्वीपों का निर्माण आगे भी शुरू रहेगा, ऐसा भी कहा। वहीं इस सागरी क्षेत्र में अन्य देशों ने यदी दखलअंदाजी की, तो फिर उस देश के खिलाफ तृतीय विश्वयुद्ध छिड़ सकता है, ऐसी चेतावनी चीन ने दी।
इस तृतीय विश्वयुद्ध के लिए चीनी सेना को तैयार रहने का फर्मान दिया गया है। समुद्री हितसंबंधों की सुरक्षा के लिए सेना अधिक आक्रामक रहे। वहीं अपने सामर्थ्य में बढ़ोतरी करने के लिए मध्यम तथा लंबी दूरी तक हमला करने की क्षमता रखनेवाले प्रक्षेपास्त्रों का उत्पादन बढ़ा दे, ऐसी सूचना की है। पिछले सालभर में चीन ने ‘साऊथ चायना सी’ के प्रति बचावात्मक तरीका अपनाया, ऐसा दावा चीन कर रहा है। लेकिन आनेवाले समय में सेना इस समुद्री क्षेत्र की रक्षा के लिए अधिक आक्रामक तरीका अपनाए, ऐसा सुझाव भी दिया है।
पिछले कुछ सालों में चीन द्वारा ‘साऊथ चायना सी’ के स्प्रार्टली द्वीपों के क्षेत्र में आठ अप्राकृतिक द्वीपों का निर्माण शुरू है। इस निर्माण के विरोध में फिलिपाईन्स द्वारा आक्रामक भूमिका लेने के बाद चीन ने युद्धपोत भेजकर फिलिपाईन्स को धमकाया था। वहीं इस समुद्री क्षेत्र पर चीन का पूर्ण अधिकार है, ऐसा बताकर सभी देशों को इस क्षेत्र से दूर रहने की चेतावनी भी दी थी। चीन के इस सैनिकी आक्रामकता से पड़ोसी दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों में तनाव बना हुआ था।
फिलिपाईन्स, व्हिएतनाम और मलेशिया ने चीन के विरोध में भूमिका स्वीकारी है। चीन के निर्माण पर आपति जताते हुए अमेरिका इस क्षेत्र में दखल दे, ऐसी माँग फिलिपाईन्स ने की थी। अमेरिका ने भी इस निर्माण पर आलोचना करते हुए चीन को पिछे हटने की सूचना की थी।
इसी समय अमेरिका ने दक्षिण कोरिया के साथ पनडुब्बी विरोध युद्धाभ्यास शुरू कर चीन को चेतावनी दी थी। वहीं ‘साऊथ चायना सी’ के क्षेत्र में अमेरिका ने सागरी तथा हवाई गश्ती शुरू की थी। चीन के युद्धपोत ने अमेरिका के गश्ती विमान को धमकाया भी था। इस कारण ‘साऊथ चायना सी’ क्षेत्र में तनाव बढ़ गया था। ऐसे में चीन द्वारा अमेरिका को तृतीय विश्वयुद्ध की दी गई चेतावनी को गंभीरता से देखा जा रहा है।
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