सिरिया की लष्करी कार्रवाई यह रशिया के लिए था युद्ध-अभ्यास
सिरिया में जारी की गयी संघर्षबंदी को तोड़नेवालों पर रशिया हवाई हमलें कर सकता है, ऐसी चेतावनी रशिया ने अमरीका को दी है। दो ही दिन पहले,‘सिरिया में किये हवाई हमलें ये रशिया के लिए युद्ध का उत्तम अभ्यास करानेवाला अनुभव साबित हुए हैं’ ऐसा रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने कहा था। उसके बाद रशिया द्वारा अमरीका को दी गयी यह चेतावनी पश्चिमी माध्यमसृष्टि में खलबली मचानेवाली साबित हुई है। राष्ट्राध्यक्ष पुतिन के द्वारा किये जानेवाले ये वक्तव्य, रशिया तीसरे विश्वयुद्ध के लिए तैयारी कर रहा होने के संकेत हैं, ऐसा पश्चिमी देशों के समाचारपत्रों ने कहा है।
मंगलवार से सिरिया में संघर्षबंदी शुरू हो रही होकर, अब तक सिरिया में उलझे हुए हर देश पर तथा गुट पर, इस संघर्षबंदी पर अमल करने की ज़िम्मेदारी रहनेवाली है। इस पार्श्वभूमि पर, रशिया के वरिष्ठ लष्करी अधिकारी लेफ़्टनंट जनरल सर्जेई रूडोस्की ने संघर्षबंदी का पालन करने के लिए अमरीका से सहयोग की उम्मीद व्यक्त की। संघर्षबंदी का उल्लंघन करनेवालों पर अमरीका कार्रवाई करें, ऐसा आवाहन रशिया ने किया। लेकिन सिरिया में संघर्षबंदी का उल्लंघन करनेवालों पर कार्रवाई करने में अमरीका टालमटोल कर रही होने का आरोप रशियन लष्कर कर रहा है। इस पार्श्वभूमि पर, रशिया की माँग के अनुसार अमरीका यह कार्रवाई करने के लिए यदि तैयार न हों, तो संघर्षबंदी का उल्लंघन करनेवालों पर रशिया कार्रवाई करेगा, ऐसी चेतावनी रशियन लष्कर ने दी।
पिछले ही हफ़्ते, रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने सिरिया से सेनावापसी की घोषणा की थी। लेकिन उसीके साथ, यदि सिरिया की संघर्षबंदी ख़तरे में पड़ गयी, तो रशिया का लष्कर चंद कुछ घंटों में ही सिरिया में पुन: दाख़िल होकर हमलें शुरू करेगा, ऐसी चेतावनी पुतिन ने दी थी। साथ ही, ‘सिरिया में गत साढ़ेपाँच महीनों से चल रहे हवाई हमलें यह रशियन लष्कर के लिए बड़ा अनुभव था। इस संघर्ष के उपलक्ष्य में भविष्यकालीन युद्ध के लिए रशियन लष्कर की अच्छीख़ासी तैयारी हुई है’ ऐसा पुतिन ने कहा था। उसीके साथ, इस संघर्ष के फलस्वरूप, रशिया के सिरिया में रहनेवाले तथा आखात में रहनेवाले हितसंबंध सुरक्षित हुए होने की घोषणा भी पुतिन ने की थी।
पुतिन की इस घोषणा की ओर गंभीरता से देखा जा रहा है। क्योंकि रशिया ने सिरिया में की हुई आतंकवादविरोधी कार्रवाई के लिए ५० से भी अधिक लड़ाक़ू तथा बाँबर विमानों का इस्तेमाल किया था। उस समय, रशियन विमानों ने सिरिया में तक़रीबन ९ हज़ार उड़ानें भरीं और ४०० स्थानों को लक्ष्य बनाया।
इसके अलावा रशियन नौसेना ने ‘कॅस्पियन सी’ और ‘ब्लॅक सी’ इन दो सागरी क्षेत्रों में तैनात की हुईं विनाशिकाओं में से क्षेपणास्त्र हमले किये थे। रशियन नौसेना के इन क्षेपणास्त्रों ने आतंकवादियों के स्थानों पर अचूकतापूर्वक हमला किया होने के कारण पश्चिमी देशों में खलबली मच गयी थी। उसीके साथ, रशिया ने भूमध्य सागर में ‘एस-३००’ क्षेपणास्त्रभेदी यंत्रणा से लैस रहनेवाली विनाशिका तैनात की थी; वहीं, सिरिया स्थित लष्करी अड्डे पर ‘एस-४००’ यह प्रगत यंत्रणा तैनात की थी। साथ ही, पुतिन ने आतंकवादविरोधी संघर्ष के लिए ‘आयएल इल्युशन-९०’ यह परमाणुअस्त्रयुद्ध के लिए उपयोग में लाया जानेवाला ‘डूम्सडे’ विमान सुसज्जित रखने के भी आदेश दिये थे।
इसी कारण, सिरिया में किये हमले, रशियन लष्कर के लिए भविष्यकालीन युद्ध का अभ्यास होने की पुतिन द्वारा की गयी घोषणा पश्चिमी माध्यमों में खलबली मचानेवाली साबित हुई है। सिरिया के संघर्ष की आड़ में रशिया ने तीसरे विश्वयुद्ध की तैयारी की होकर, यह पश्चिमी देशों के लिए चेतावनी होने का दावा ये समाचारपत्र कर रहे हैं।
(Courtesy: www.newscast-pratyaksha.com)