ब्रुसेल्स: परमाणु का इस्तेमाल करने के बारे में आक्रामक भूमिका लेने वाला रशिया अधिक खतरनाक बन गया है और उसे रोकने के लिए नाटो को अपनी रक्षा क्षमता बड़े पैमाने पर बढ़ानी पड़ेगी| उसी समय रशिया विरोधी संघर्ष के लिए हमेशा सज्ज भी रहना पड़ेगा, ऐसा इशारा नाटो के प्रमुख जेन्स स्टॉलनबर्ग ने दिया है| रशिया में राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन चौथी बार राष्ट्राध्यक्ष बनते समय स्टॉलनबर्ग ने दिया यह इशारा ध्यान आकर्षित करने वाला है|
ब्रिटन में भूतपूर्व रशियन जासूस पर हुए विश प्रयोग के बाद अमरिका और नाटो रशिया के खिलाफ अधिक आक्रामक हुए हैं| कुछ दिनों पहले अमरिका स्थित अभ्यास समूह ‘रँड कॉर्पोरेशन’ ने अपनी रिपोर्ट में आने वाले समय में युद्ध हुआ तो रशिया नाटो को धुंए में उड़ाकर बाल्टिक देशों पर कब्ज़ा करेगा, ऐसा इशारा दिया था| उसे प्रत्युत्तर देते समय नाटो ने आने वाले साल में सीधे राशियन सीमा के पास बड़ा युद्धाभ्यास करने की घोषणा करके उसकी तैयारी भी शुरू की थी|
इस पृष्ठभूमि पर, नाटो के प्रमुख स्टॉलनबर्ग ने फिर एक बार रशिया की आक्रामक नीति और उसके खिलाफ नाटो की तैयारी का वक्तव्य किया है| ‘नाटो हमेशा ही अधिक योगदान दे सकता है और अपनी क्षमता बढ़ा सकता है| इस मुद्दे पर अब नाटो सदस्य देशों ने अधिक ध्यान देना चाहिए| पिछले कुछ वर्षों में रशिया का बर्ताव अधिक आक्रामक बन गया है’, इन शब्दों में स्टॉलनबर्ग ने रशिया के बढ़ते सामर्थ्य की तरफ ध्यान आकर्षित किया है|
उसी समय रशिया को नाटो के बारे में गलतफैमी न करने का, इशारा भी उन्होंने दिया है| सहकारी देशों पर आक्रमण हुआ तो नाटो रशिया को प्रत्युत्तर देने के लिए हमेशा सज्ज रहेगा| नाटो को वर्तमान में रशिया को रोकने के लिए प्रभावी क्षमता की आवश्यकता है| लेकिन हमें युद्ध नहीं चाहिए’, ऐसा नाटो प्रमुख ने कहा है|
रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने राष्ट्राध्यक्ष पद के चुनाव से पहले प्रचार मुहीम में रशिया के बढ़ते सामर्थ्य के बारे में आक्रामक दावे किए थे| उसमें रशिया की तरफ से विकसित किए जाने वाले नए परमाणु, पनडुब्बियां और अन्य यंत्रणाओं का उल्लेख था| उसी समय रशिया पर अगर हमला हुआ तो प्रत्युत्तर के लिए परमाणु हमला करने की धमकी भी दी थी|
(Courtesy: www.newscast-pratyaksha.com)