वाशिंगटन: पिछले हफ्ते से अमरिका के दौरे पर रहे सऊदी अरेबिया के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने अमरिका के साथ लगभग ४०० अरब डॉलर्स के ४६ करार किए हैं। इन करारों में सऊदी के रक्षा क्षेत्र से संबंधित १२८ अरब डॉलर्स करारों का समावेश है। इस करार के अंतर्गत अमरिका सऊदी को लड़ाकू विमान, हैलेकॉप्टर, मिसाइल एवं अन्य शस्त्रास्त्र प्रदान करेगी, ऐसा दावा करते हुए सऊदी के अग्रणी के दैनिक ने यह जानकारी उजागर की है।
पिछले हफ्ते में सोमवार को प्रिंस मोहम्मद ने अपने अमरिका के दौरे की शुरुआत करते हुए राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकात की थी। खाड़ी क्षेत्र में बढ़ते तनाव के पृष्ठभूमि पर प्रिंस मोहम्मद के इस ३हफ्तों के विस्तारित अमरिका दौरे को देखा जा रहा है। राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प इनके मुलाकात के बाद प्रिंस मोहम्मद नें पिछले १० दिनों में अमरिका में अलग-अलग कंपनियों के साथ रक्षा, इंधन, औषधि ऐसे १० महत्वपूर्ण क्षेत्रों से संबंधित ४०० अरब डॉलर्स से अधिक मूल्य के करार किए हैं। इन ४६ करारों से दोनों देशों में लगभग साढ़ेसात लाख लोगों के लिए रोजगार तैयार होने वाले हैं, ऐसा दावा किया जा रहा है।
इंधन और गैस क्षेत्र से संबंधित १३ करारों का तथा रक्षा एवं तंत्रज्ञान क्षेत्र में छह करार किए गए हैं। इनमें से अमरिका के बोइंग, लॉकहीड मार्टिन, रेदोन एवं जनरल डायनामिक्स इन अग्रणी शस्त्र निर्माण करने वाली कंपनियों के साथ लगभग २० अरब डॉलर्स के करारों का समावेश है। इस करार की अधिक जानकारी प्रसिद्ध नहीं हुई है। इस व्यतिरिक्त अमरिका के मनोरंजन, आरोग्य, उत्पादन, शिक्षा क्षेत्र से संबंधित करार पर भी हस्ताक्षर किए गए हैं। तथा अमरिका में तंत्रज्ञान क्षेत्र में अग्रणी पर होनेवाले कंपनियों के लिए सऊदी ने अपने देश में निवेश के लिए दरवाजे खुले किए हैं।
पिछले वर्ष घोषित किए हुए सऊदी विजन के पृष्ठभूमि पर क्राउन प्रिंस मोहम्मद अमरिका के विविध क्षेत्रों के कंपनियों के साथ करार किए हैं। मोहम्मद प्रिंस इनके बहुचर्चित नियोम सिटी के लिए २० गीगाबाइट सोलर कार्यक्रम शुरू करने पर भी चर्चा हुई है। उसके लिए अतिरिक्त २०० अरब डॉलर्स का खर्च हो सकता है। अमरिका में सॉफ्टबैंक ग्रुप ने इस संबंध मे सऊदी के आरामको कंपनी के साथ करार किया है। पिछले कई वर्षों से अमरिका एवं सऊदी में संबंध बिगड़ गए थे। अमरिका के भूतपूर्व अध्यक्ष बराक ओबामा ने ईरान के साथ किए परमाणु करार की वजह से सऊदी ने अमरिका के साथ सहकार्य रोका था। लेकिन पिछले वर्ष अमरिका एवं सऊदी में सहयोग फिर से सरल हुआ है और अब अधिक बढ़ता दिखाई दे रहा है।
सऊदी रशिया २० वर्षों के लिए इंधन सहयोग प्रस्थापित करेगा – सऊदी के क्राउन प्रिंस का दावा’
सऊदी अरेबिया रशिया के साथ ऐतिहासिक इंधन सहयोग प्रस्थापित कर रहा है, ऐसी जानकारी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने दी है। रशिया के साथ प्रतिवर्ष किए जाने वाले करार तोड़कर सीधे २० वर्षों के लिए इंधन सहयोग करार करने की बात प्रिंस मोहम्मद ने घोषित की। अमरिका के दौरे पर रहे प्रिंस मोहम्मद ने एक अंतरराष्ट्रीय संस्था को दिए मुलाकात में यह घोषणा की है।
रशिया यह प्रमुख गैस उत्पादक देश है और यूरोपीय देशों को रशिया से इंधन गैस प्रदान होता है। ऐसा होकर भी रशिया को इंधन उत्पादक देशों के ओपेक में स्थान नहीं था। सन २०१६ में अंतरराष्ट्रीय बाजार में ईंधन के दाम १०० डॉलर्स से ३० डॉलर्स प्रति बैरल तक गिरे थे। इसका परिणाम ओपेक सदस्य के इंधन उत्पादन पर हुआ था।
उसके बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में इंधन की गिरावट रोकने के लिए सऊदी ने सबसे पहले रशिया एवं ओपेक छोड़कर अन्य इंधन गैस उत्पादक देशों की सहायता ली थी। उसके बाद सऊदी एवं रशिया में इंधन सहयोग प्रस्थापित हुए थे। सऊदी एवं रशिया में यह सहयोग अल्पकाल के लिए है। १ वर्ष के बाद प्रतिवर्ष इस करार का नूतनीकरण किया जाता है।
पर आगे चलकर रशिया के साथ अल्पकालीन इंधन सहयोग करने से बेहतर दीर्घकालीन करार करने की बात प्रिंस मोहम्मद ने स्पष्ट की है। रशिया के साथ १० से २० वर्षों के लिए यह करार किया जा सकता है, ऐसी जानकारी प्रिंस मोहम्मद ने दी है। इस करार पर अभी तक बहुत काम बाकी है, ऐसा कहकर रशिया के साथ इस विषय में चर्चा शुरु होने की बात प्रिंस मोहम्मद ने कही है।
(Courtesy: www.newscast-pratyaksha.com)