अंकारा: सीरिया में फ़्रांस अपनी सेना तैनात न करे। फ़्रांस की इस देश में तैनाती मतलब ‘घुसपैठ’ साबित होगी और इससे अनर्थ होगा, ऐसा कठोर इशारा तुर्की के रक्षामंत्री ‘नुरेत्तिन कानिक्ली’ ने दिया है। पिछले कुछ दिनों से तुर्की और फ़्रांस के बीच बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि पर इस इशारे की तरफ देखा जा रहा है। कुछ घंटों पहले ही तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने फ़्रांस की सीरिया विषयक भूमिका मतलब तुर्की को उकसाने जैसा है, ऐसा आरोप करके फ़्रांस को लक्ष्य करने की धमकी दी थी।
पिछले हफ्ते में ‘सीरिया डेमोक्रेटिक फोर्सेस’ इस सीरियन बागी संगठन के कुर्द और अरब बागियों ने फ़्रांस का दौरा करके राष्ट्राध्यक्ष ‘इमैन्युअल मैक्रॉन’ से मुलाकात की थी। सीरिया का कुर्द बागी संगठन और तुर्की के बीच सुलह करने के लिए मध्यस्थता करने की तैयारी फ़्रांस के राष्ट्राध्यक्ष ने दर्शाई थी। उसीके साथ ही सीरिया की स्थिरता के लिए इस देश पर फ़्रांस की लष्करी टुकड़ी तैनात करने की जानकारी सीरियन बागियों ने दी थी। सीरिया के उत्तरी इलाके में फ़्रांस के सैनिक तैनात रहेंगे, ऐसा दावा सीरियन बागियों ने किया था। फ़्रांस ने शुरुआत में इस दावे को अस्वीकार किया था। लेकिन दो दिनों पहले फ़्रांस ने सदर तैनाती के संकेत दिए थे।
इसपर लगातार चार दिनों से तुर्की की तरफ से प्रतिक्रिया आ रही है। तुर्की के रक्षामंत्री ‘कानिक्ली’ फ़्रांस के लष्कर तैनाती को लेकर धमकाया है। ‘अगर फ़्रांस ने सीरिया के उत्तरी सीमा इलाके में सेना की तैनाती के लिए कदम उठाए, तो वह अंतर्राष्ट्रीय नियमों के खिलाफ और अवैध साबित होगा। फ़्रांस की यह कार्रवाई सीरिया में घुसपैठ साबित हो सकती है। ऐसे हालात में भी सीरिया के आतंकवादी संगठनों को प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूपसे समर्थन दिया तो उसके विघातक परिणाम होंगे’, ऐसा इशारा रक्षामंत्री ‘कानिक्ली’ ने दिया है।
सीरिया के कुर्द बागियों को फ़्रांस सहकार्य न करे, इसके लिए तुर्की के रक्षामंत्री ने यह इशारा दिया है। तुर्की ने सीरिया के कुर्द समूहों को आतंकवादी संगठन घोषित किया है और इस संगठन के साथ सहकार्य करना मतलब आतंकवादियों को सहाय करना है, ऐसा दावा तुर्की कर रहा है। पिछले तीन महीनों से तुर्की सीरिया के आफ्रिन में कुर्दों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है और जल्द ही तुर्की ‘मनबिज’ के कुर्दों की ओर बढने वाला है।
लेकिन फ़्रांस की सीरिया में सेना की तैनाती यहाँ के कुर्दों को मददगार साबित हो सकती है, ऐसा दावा तुर्की कर रहा है। ऐसा हुआ तो तुर्की को सीरिया में कुर्दों के खिलाफ कार्रवाई में रुकावटें पैदा होंगी और उसके लिए तुर्की को कुर्दों की सहायता करने वाले समूहों पर भी हमले करने पड़ेंगे, ऐसा तुर्की ने इशारा दिया है। पिछले हफ्ते तुर्की के उपप्रधानमंत्री बेकिर बोझदाग ने फ़्रांस को ऐसा ही इशारा दिया था। ‘जो कोई भी तुर्की के खिलाफ खड़े आतंकवदियों के साथ सहकार्य और सहायता की भूमिका स्वीकारेगा, वह सभी लोग तुर्की का लक्ष्य बनेंगे। फ़्रांस जैसा देश इतना गैर जिम्मेदाराना कदम नहीं उठाएगा, ऐसी आशा है’, इन शब्दों में उपप्रधानमंत्री बोझदाग ने फ़्रांस को इशारा दिया है। उसके पहले तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने भी फ़्रांस को धमकाया है।
दौरान, फ़्रांस और तुर्की यह दोनों नाटो के सदस्य देश हैं। इस नाटो ने सीरिया के ‘आईएस’ और अस्साद राजवट के खिलाफ संघर्ष पुकारा था। ऐसा है फिर भी पिछले कुछ वर्षों से सीरिया के कुर्दों की समस्या को लेकर और यूरोप में घुसे शरणार्थियों की समस्या को लेकर फ़्रांस और तुर्की के बीच मतभेद और तनाव बढ़ गया है, ऐसा दिखाई दे रहा है।
(Courtesy: www.newscast-pratyaksha.com)