तेहरान: ‘सऊदी अरेबिया और इस्रायल की सुरक्षा को एक ही दुश्मन से समान खतरा है’, ऐसा सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा है। पिछले १८ दिनों से अमरिका के दौरे पर गए प्रिंस मोहम्मद ने कुछ दिनों से मीडिया को दिए साक्षात्कार की वजह से खाड़ी के साथ-साथ पूरी दुनिया में खलबली मची है, ऐसा दिखाई दे रहा है। ख्यातनाम ‘टाइम’ साप्ताहिक को दिए हुए साक्षात्कार में भी प्रिंस मोहम्मद ने ईरान की ओर से सऊदी और इस्रायल को खतरा है ऐसा इशारा दिया है।
सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद अमरिका के ३ हफ्तों के दौरे पर हैं, पिछले कुछ दिनों में अमरिका के प्रमुख दैनिकों के साथ-साथ साप्ताहिक, न्यूज़ चैनलों ने प्रिंस मोहम्मद के साक्षात्कार लिए हैं। पिछले हफ्ते अमरिकी साप्ताहिक को दिए एक साक्षात्कार में प्रिंस मोहम्मद को भविष्य में इस्रायल के साथ सहकार्य प्रस्थापित करने वाले हैं क्या, ऐसा सवाल किया गया। उसपर प्रिंस मोहम्मद ने जवाब की शुरुआत करते हुए, सऊदी और इस्रायल का शत्रु एक ही है, कहकर इस एक मुद्दे पर इस्रायल के साथ सहकार्य प्रस्थापित हो सकता है, ऐसे संकेत दिए। दोनों देशों का समान शत्रु मतलब ईरान है, ऐसा प्रिंस मोहम्मद ने कहा था। लेकिन इस साक्षात्कार ने उन्होंने ईरान का नाम नहीं लिया।
सऊदी और इस्रायल के बीच आर्थिक सहकार्य प्रस्थापित हो सकता है, ऐसा भी प्रिंस मोहम्मद ने आगे कहा है। ‘लेकिन उसके पहले इस्रायल और पॅलेस्टाईन के बीच शंतिचर्चा होना आवश्यक है। इस्रायल और पॅलेस्टाईन दोनों के अधिकार और अस्तित्व नकारा नहीं जा सकता। जिस दिन पॅलेस्टाईन के साथ शंतिचर्चा सफल होगी, उसके दूसरे ही दिन सऊदी और इस्रायल के बीच सहकार्य आसान होगा। दोनों देशों के बीच का यह सहकार्य सबके भले का होगा’, ऐसा भी प्रिंस मोहम्मद ने साक्षात्कार में कहा है।
चार दिनों पहले और एक साक्षात्कार देते समय प्रिंस मोहम्मद ने ज्यू धर्मियों का अपनी भूमि पर अधिकार है कहकर सऊदी अरेबिया का ज्यू धर्मियों को विरोध नहीं है, ऐसा कहा था। सऊदी की तरह खाड़ी के अन्य देशों के और इस्रायल के हितसंबंध एकसमान है इस प्रिंस मोहम्मद के विधान की वजह से खलबली मची थी। ईरान के सर्वोच्च धर्मगुरु आयातुल्ला खामेनी ने आपत्ति जताकर प्रिंस मोहम्मद ने इस्रायल के साथ हाथ मिलाकर पॅलेस्टाईन का विश्वासघात करने का आरोप किया था।
दौरान, ईरान का परमाणु कार्यक्रम रोकने के लिए इस्रायल के साथ सहकार्य करने का संकेत इसके पहले भी सऊदी और अन्य खाड़ी देशों ने दिया था। इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने भी सऊदी के साथ इस्रायल का राजनीतिक सहकार्य नहीं है, लेकिन दोनों देशों के प्रतिनिधि एक दूसरे के संपर्क में हैं, इस बात को कुछ हफ़्तों पहले मान्य किया था।
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