टोकिओ – चीन के विदेश मंत्री ‘वँग यी’ रविवार को उच्च स्तरीय प्रतिनिधीमंडल के साथ जापान में दाखिल हुए। करीब नौ साल बाद चीन के विदेश मंत्री द्विपक्षीय सहयोग के लिए जापान में दाखिल हो रहे है। इसलिए यह भेट विशेष महत्वपूर्ण मानी जा रही है। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो ऍबे अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के साथ चर्चा के लिए बुधवार को अमरिका में दाखिल हो रहै है। इसी समय चीन द्वारा आगे किया हुआ सहयोग का हाथ ध्यान खीचनेंवाला साबित हो रहा है।
सन २०१० में चीन और जापान में द्विपक्षीय और आर्थिक सहयोग के लिए उच्च स्तरीय बैठक संपन्न हुई थी। उस के बाद ‘इस्ट चायना सी’ स्थित ‘सेंकाकू आयलंड’ और दुसरे विश्वयुद्ध से जुडी कुछ घटनाओं की वजह से दोनो देशों में काफी तनाव पैदा हुआ था।
इसी बीच, उत्तर कोरिया के परमाणु अस्त्रों की परीक्षण के पृष्ठभूमी पर अमरिका के दखल अंदाजी को जापान ने दिया हुआ समर्थन और साऊथ चायना सी में चीन को रोकने के लिए बनाई गयी योजना में जापान का शामिल होना जैसे घटनाओं की वजह से दोनों देशों में हुआ खिंचाव काफी बढ गया था। चीन ने रक्षा लागत में की बढोतरी, साऊथ चायना सी में सैनिकीकरण के लिए चल रही गतिविधियां और ‘इस्ट चायना सी’ के ‘सेंकाकू आयलंड’ क्षेत्र में चल रही घुसखोरी की वजह से तनाव बढता चला गया।
इसके चलते अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा व्यापारयुद्ध की दिशा में लिए गये फैसले और उत्तर कोरिया के बारे में अमरिका द्वारा बदली हुई नीति; इन घटनाओं ने चीन और जापान को नयी शुरुवात के लिए एक साथ लाने में बडी भूमिका निभायी है, ऐसा दिखाई दे रहा है। चीन के विदेश मंत्री ‘वँग यी’ ने रविवार को करीब चार घंटे जापाने के विदेश मंत्री ‘तारो कानो’ के साथ बातचीत की। उस के बाद सोमवार को दोनों देशों के उच्चस्तरीय प्रतिनिधीमंडल में कुछ घंटे द्विपक्षीय संबंधो के मसले पर बातचीत हुई।
इस बातचीत में दोनों देशों ने द्विपक्षीय सहयोग की नयी शुरुआत के लिए एकमत दर्शाया। साथ ही में व्यापारयुद्ध की वजह से जागतिक अर्थव्यवस्था का नुकसान होगा इस मसले पर दोनों देशों ने सहमती जतायी, ऐसी जानकारी संबंधित नेताओं द्वारा दी गयी। यह बातचीत द्विपक्षीय संबंधो के लिए उठाया गया बडा कदम है और हम आर्थिक सहयोग विकसित करने के मामले में भी आशादायी है, ऐसी प्रतिक्रिया जापान के विदेश मंत्री ने दी।
इस के बाद चीन के विदेश मंत्री ने जापान के प्रधानमंत्री शिंजो ऍबे से मुलाकात की। चीन, उत्तर कोरिया के परमाणु अस्त्र बंदी के मसले पर सहयोग दे, ऐसी मॉंग जापान प्रधानमंत्री ऍबे ने सामने रखी। सूत्रों द्वारा यह जानकारी दी गयी है। जापान के प्रधानमंत्री अगले ४८ घंटों में अमरिका के दौरे पर दाखिल हो रहे है। ऐसे में इस तरह की मॉंग आगे आना ध्यान खींचनेवाली घटना साबित हो रही है।