रशिया के पास तीन सौ फूट ‘त्सुनामी’ निर्माण करने की टेकनोलजी – अमेरीका के ‘न्यूक्लिअर फिजिसिस्ट’ का दावा

रशिया के पास तीन सौ फूट ‘त्सुनामी’ निर्माण करने की टेकनोलजी – अमेरीका के ‘न्यूक्लिअर फिजिसिस्ट’ का दावा

मॉस्को – अमेरीका के तटीय शहरों को निगलनेवाली ३०० फूट उंची ‘त्सुनामी’ की लहरे निर्माण करनेवाली ड़रावनी टेकनोलजी रशिया के पास है। कुछ महिनों पहले रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने दुनिया के सामने पेश किए एटमी ड्रोन पनडुब्बी से ये त्सुनामी निर्माण हो सकती है। लेकिन रशिया इस एटमी ड्रोन पनडुब्बी का इस्तेमाल करता है, तो फिर त्सुनामी के संग प्रलय निर्माण करनेवाली रेडिओधर्मी बारिश बरसने की संभावना होने का दावा अमेरीका के अग्रणी ‘न्यूक्लिअर फिजिसिस्ट’ने किया।

रशियन राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने महिने भर पहले अंतरर्राष्ट्रीय मिडिया के सामने अपने सैनिकी ताकद का प्रदर्शन किया था। रशिया ने हायपरसोनिक प्रक्षेपास्त्र, एटमी बम साथही अन्य हथियारों का प्रदर्शन करते हुए अमेरीका और दोस्त राष्ट्रों को चेतावनी दी थी। रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने उस वक्त ‘स्टेटस-६’ इस पनडुब्बी का निर्माण शुरू होने की घोषणा की थी। राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने किए दावे के मुताबिक, लगभग ५० मेगा टन एटमी बम ढोनेवाली यह पनडुब्बी स्वचालित है।

अपने इस ड्रोन पनडुब्बी के सामने दुनिया का कोई भी हथियार नहीं टिक सकता, ऐसा पुतिन ने कहा था। साथही ड्रोन पनडुब्बी मतलब पानी के निचे छिपा एटमी बम है, ऐसा पुतिन ने घोषित किया था। यह ड्रोन पनडुब्बी ५६ सागरी मील गति से करीब ६२०० मील तक का प्रवास कर सकती है, ऐसी जानकारी रशियन सेना ने दी थी। इस पर सैनिकी विशेषज्ञों ने चिंता जताई थी। रशिया से निकलने वाले यह पनडुब्बी अमेरीका साथही दोस्त राष्ट्रों के तटीय शहरों के लिए खतरा होने की चेतावनी विशेषज्ञों ने दी थी।

लेकिन ‘न्यूक्लिअ्र फिजिसिस्ट’ रेक्स रिचर्डसन ने एक समाचारपत्र को दी मुलाकत में रशिया के ‘स्टेटस-६’ एटमी ड्रोन पनडुब्बी ने ठोकर दी तो उससे पानी के निचे निर्माण होने वाली ऊर्जा के इस्तेमाल से ३०० फूट से अधिक लंबाई के महाकाय त्सुनामी की लहरे निर्माण होंगी। रिचर्डसन ने इसके लिए वर्ष २०११ में जापान के ‘फुकुशिमा’ में हुए भूकंप के बाद निर्माण हुए त्सुनामी का दाखिला दिया।

रिचर्डसन ने चिंता जताई की, अमेरीका के लॉस एंजिलिस या सॅन डियागो ये शहरे ‘स्टेटस-६’ में निगल ली जाएंगी। इस एटमी ड्रोन पनडुब्बी से होने वाली तबाही यहीं पर रुकनेवाली नहीं। पानी के निचे एटमी स्फोट से पैदा होने वाली ऊर्जा से निर्माण होनेवाले बादल आजूबाजू के इलाके में रेडिओधर्मी बारिश का कारण बन सकते है, ऐसी चेतावनी रिचर्डसन ने दी है।

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