जेरूसलेम/वॉशिंग्टन – ‘अमेरीका के राष्ट्राध्यक्ष हॅरी ट्रूमन ने ७० साल पहले सबसे प्रथम इस्रायल को देश का दर्जा दिया था| आज के दिन इस्रायल की राजधानी जेरूसलेम में अमेरीका का दूतावास शुरू हो रहा है’, ऐसा कहते हुए अमेरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने इसके लिए इस्रायल का अभिनंदन किया| सच पुछो तो वर्ष १९४८ में ही इस्रायल ने अपनी स्थापना के साथ जेरूसलेम ही अपनी राजधानी होने की घोषणा की थी| लेकिन इस सीधीसी बात को स्वीकारने के लिए ७० सालों का समय बितना पड़ा, इस तरफ राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने ध्यान आकर्षित किया|
अमेरीका ने जेरूसलेम के बारे में लिए हुए फैसले पर रोमानिया, झेक प्रजासत्ताक, पॅराग्वे, होंडुरास, ग्वाटेमाला इन देशों को छोड़ दुनिया की सभी प्रमुख देशों ने आलोचना की है| वहीं इस फैसले के भीषण परीणाम होंगे ऐसी धमकी कुछ इस्लामधर्मिय देश और पॅलेस्टिनी नेता दे रहे है| इस कारण सोमवार को जेरूसलेम में होनेवाले अमेरीकी दूतावास की उद्घाटन समारोह पर दुनिया के निरीक्षकों का ध्यान लगा था| इस्रायल के समयानुसार शाम चार बजे यह कार्यक्रम शुरू हुआ| इस समय राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने व्हिडिओ से संदेश देते हुए अपने फैसले का समर्थन किया|
ट्रम्प ने कहा कि, अन्य देशों समान इस्रायल यह स्वायत्त देश हे जिसे खुद की एक राजधानी है| ट्रम्प ने ध्यान में लाते हुए कहा कि, प्रत्यक्ष में जेरूसलेम ही इस्रायल की राजधानी है, जहॉं इस्रायली की संसद, सर्वोच्च न्यायालय, प्रधानमंत्री और राष्ट्राध्यक्ष का निवासस्थान है| हमनें सिर्फ इस पर मुँहर लगा कर जेरूसलेम को अधिकृत दर्जा दिया, ऐसे संकेत देते हुए ट्रम्प ने ७० साल पहले यह होना चाहिए था, ऐसा मत प्रदर्शित किया| साथही ज्यू धर्मियों के लिए जेरूसलेम का फार बड़ा ऐतिहासिक और धार्मिक महत्त्व है, इस तरफ भी अमेरीकी राष्ट्राध्यक्ष ने ध्यान खिंचा|
फिर भी अमेरीका ने यह फैसला लिया हो, लेकिन जेरूसलेम के ‘टेंपल माऊंट’ और ‘हराम अल-शरीफ’ इस नाम से पहचाने जानेवाले धर्मस्थलों की स्थिती बदलनेवाली नहीं, ऐसा खुलासा अमेरीकी राष्ट्राध्यक्ष ने किया| साथही अमेरीका, इस्रायल, पॅलेस्टाईन और पड़ोसी देशों के लिए सहयोग का हाथ आगे कर रहे है, जहॉं अमेरीका शांति प्रक्रिया के लिए वचनबद्ध है, ऐसा ट्रम्प ने स्पष्ट किया| इस क्षेत्र में शांती प्रस्थापित हो इसके लिए मैं परमेश्वर के पास प्रार्थना कर रहा हुँ, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने कहा|
इसी दौरान, अमेरीका के राष्ट्राध्यक्ष ने लिए फैसले पर पॅलेस्टिनी जनता समेत दुनियाभर के इस्लामधर्मियों ने को दुखाया, ऐसी टीका हो रही है| इस पर कडवी प्रतिक्रिया उमट रही है, वहीं पॅलेस्टिनी जनता गाझापट्टी और वेस्ट बँक में उग्र प्रदर्शन कर अपना रोष व्यक्त कर रहे है| वहीं कुछ विशेषज्ञों ने दावा किया है कि, यह फैसला आम होने का राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प बता रहे हे, फिर भी इसे बहुत बड़ा प्रतिकात्मक महत्त्व है| इसी दौरान अमेरीकी राष्ट्राध्यक्ष के इस फैसले के लिए इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने आभार व्यक्त किया| ‘राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने आज ऐतिहासिक घोषणा की है| अमेरीका और राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प जैसा दोस्त दुनिया में दुसरा कोई नहीं’ ऐसा नेत्यान्याहू ने कहा| साथही प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने चेतावनी दी कि, जेरूसलेम यह इस्रायल का है, और हम यहा से कहीं नहीं जानेवाले|
अमेरीका के बाद रोमानिया, झेक प्रजासत्ताक, पॅराग्वे, होंडुरास, ग्वाटेमाला यह देश जेरूसलेम में अपना दूतावास परिवर्तित करनेवाले है| आनेवाले कुछ समय में यह प्रक्रिया शुरू होगी|
पॅलेस्टिनियों का ‘जेरुसलेम’ के निर्णय के विरोध में संतप्त निदर्शन – ४३ निदर्शक मृत
पॅलेस्टिनींयों ने इस्त्रायल की सीमारेखा पर शुरु किये गये निदर्शन में सोमवार के दिन अफरा-तफरी मच जाने के कारण इस्त्रायली लश्करों की कारवायी में ४३ निदर्शकों की मृत्यु हो गई।
गाझापट्टी के शासनप्रणाली द्वारा यह जानकारी प्राप्त हुई। वहीं इस्त्रायल के सीमारेखा के करीब बम रखनेवाले हमास के तीन आतंकवादियों की मृत्यु हो जाने की खबर इस्त्रायली लश्कर की ओर से प्राप्त हुई।
लगभग ४० हजार पॅलेस्टिनी निदर्शकों ने इस्त्रायल के सीमारेखा पर धावा बोलकर काँटेरी कुंपन उखाड़ने की कोशिश की। इन निदर्शकों को खदेड़ने के लिए इस्त्रायली लश्कर द्वारा की गई कारवायी में १६०० से अधिक लोग जख्मी हो गए। इनमें से ७७२ पॅलेस्टिनी इस्त्रायली सैनिकों के गोलीबारी में जख्मी हो जाने का आरोप पॅलेस्टिनी शासनप्रणाली कर रही है।
पिछले आठ सप्ताह से चल रहे इस निदर्शन में ७१ से अधिक लोगों मृत्यु हो चुकी है और १० हजार से अधिक लोग जख्मी हो चुके हैं फिर भी यह निदर्शन जेरुसलेम को इस्त्रायल के चंगुल से मुक्त करवाये बगैर रुकनेवाला नहीं है ऐसा इशारा हमास ने दिया है।
इसी दरमियान, गाझापट्टी के साथ-साथ ही इस्त्रायल के पूर्व की ओर बसे हुए ‘वेस्ट बैंक’ के छह से अधिक शहरों में भी इस्त्रायल के विरोध में निदर्शन शुरु रहें। ये निदर्शन राजधानी जेरुसलेम के करीब के कालिदाया चौकी तक जारी रखने की घोषणा पॅलेस्टिनी निदर्शकों ने की है।
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