मॉस्को – रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने रशियन रक्षादलों की घातक परमाणु क्षमता बढाने का ऐलान किया है। रशियन सेना अधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने यह नीति घोषित की है। साथ ही में रशियन रक्षादलों के प्रगत हथियारों के भंडार को भी बढावा दिया जायेगा और रशियन सेना दुनिया में शांती तथा समतोल प्रस्थापित करेंगे, ऐसा भरोसा राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने जताया है।
पिछले कई महीनों से रशियन राष्ट्राध्यक्ष अपने देश के सैनिकी बल की समझ दुनिया को करके दे रहे है। रशिया के पास रहे परमाणु अस्त्र सारे दुनिया को राख कर सकते है। रशियन प्रक्षेपास्त्रों के हमले से दुनिया का कोई भी देश सुरक्षित नही रह सकता, ऐसे दावे करते हुए रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने खलबली मचा दी थी। विशेष करके फरवरी महीने में कोई भी अन्य देश रशिया के परमाणु अस्त्रों को निशाना नही बना सकता, ऐसा कहकर पुतिन ने वह सीधा परमाणु जंग पुकारने के लिए पिछे नही हटेंगे, ऐसा संदेश दिया था।
एक तरफ राष्ट्राध्यक्ष पुतिन द्वारा ऐसी चेतावनी दी जा रही है, वहीं दूसरी तरफ उनके भरोसेमंद सहकारी माने जानेवाले भूतपूर्व सैनिकी अधिकारी भी रशियन राष्ट्राध्यक्ष समय आने पर परमाणु अस्त्रों का इस्तेमाल करेंगे ऐसे धमका रहे है। सीरिया में हुए रासायनिक हमलों के बाद अमरिका द्वारा सीरियापर हमले चढाये गये थे। इससे परमाणु जंग शुरु होगी, ऐसा दावा रशिया से किया जा रहा है। इस वजह से अस्थिरता और चिंता का माहोल बना हुआ है। ऐसे में रशियन राष्ट्राध्यक्ष द्वारा सेना के अधिकारियों को संबोधित करते हुए, फिर एक बार परमाणु अस्त्रों के बारे में महत्त्वपूर्ण बयान किया गया है।
रशियन रक्षा दलों के घातक परमाणु क्षमता को बढावा देने का ऐलान राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने इस वक्त किया है। अमरिका के साथ रशिया के रक्षादलों के पास भी परमाणु हमले करने की क्षमता है। जमीन, सागर और आकाश से परमाणु अस्त्रों का हमला चढाने की क्षमता होनेवाले देशों में रशिया शामिल है और रशिया के पास सबसे ज्यादा परमाणु अस्त्रों का भंडार होने के दावे भी किये जाते है। इसके चलते रशिया का सर्वोच्च नेतृत्त्व अपने रक्षादलों के घातक परमाणु क्षमता को बढाने का ऐलान करते हुए दुनिया में तनाव को बढावा दे रहा है, ऐसा दिखाई दे रहा है।
इस बीच, रशिया द्वारा अपने परमाणु नीति में आक्रामक बदलाव किये जाने पर अमरिका भी उसे जवाब देते हुए नजर आ रहा है। कुछ महीने पहले ही अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष द्वारा, परमाणु हमले का फैसला लेने की जटील प्रक्रिया कम करते हुए, जल्द परमाणु हमला करने का फैसला लेना आसान हो जाये, इस स्वरुप में महत्त्वपूर्ण फैसले लिये गये थे। उस पर रशिया द्वारा अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष के फैसले पर करारा जवाब दिया गया था।
उसके बाद रशिया के राष्ट्राध्यक्ष और वरिष्ठ अधिकारी हमेशा से परमाणु जंग की चेतावनी देने की बात सामने आयी थी। अमरिका और ब्रिटन ने इसकी गंभीरता से दखल ली थी।
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