रशिया द्वारा लेझर सिस्टम के तैनाती की घोषणा – ‘आयएनएफ’ पर अमरीका ने दिए अल्टिमेटम को रशिया का जवाब

रशिया द्वारा लेझर सिस्टम के तैनाती की घोषणा – ‘आयएनएफ’ पर अमरीका ने दिए अल्टिमेटम को रशिया का जवाब

मॉस्को – अमरीका ने रशिया को ‘इंटरमिजेट-रेंज न्यूक्लिअर फोर्सेस ट्रिटी’ (आयएनएफ) के नियमों का पालन करने के लिए ६० दिनों का अवधि दिया था। ‘आयएनएफ’ के बारे में अमरीका ने दिए अल्टिमेटम को जवाब देते हुए रशिया ने लेझर सिस्टम तैनात करने की घोषणा कर दी। दुश्मनों के प्रक्षेपास्त्र, प्लेन और सैनिकी बेस भेदने के लिए इन लेझर सिस्टम का इस्तमाल होगा, ऐसा दावा रशिया ने किया है।

दो दिन पहले रशियन रक्षा मंत्रालय के मुखपत्र ने ‘पेरेसवेट’ लेझर सिस्टम के तैनाती की जानकारी दी। पिछले शनिवार रशिया में सैनिकी बेस पर ‘पेरेसवेट’ की तैनाती पूरी हो गई। साल भर पहले रशियन सेना इस लेझर सिस्टम से लैस की गई थी। लेकिन अब ये सिस्टम कार्रवाई के लिए तैयार होने की जानकारी रशियन रक्षा मंत्रालय के मुखपत्र ने दी। एक सेकंद में टार्गेट को निशाना बनाने की क्षमता इस लेझर में होने का दावा रशिया ने किया है। इस लेझर सिस्टम के परिक्षण का विडिओ भी जारी किया गया है।

इस वर्ष मार्च महीने में राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने रशियन संसद में बोलते हुए अण्वस्त्र वाहक आंतरखंडीय बॅलेस्टिक प्रक्षेपास्त्र, पानी के निचे ड्रोन्स तथा अण्वस्त्र वाहक ड्रोन्स, क्रूस प्रक्षेपास्त्र ऐसे उन्नत हथियारों का निर्माण करने की घोषणा की थी। इसी भाषण में राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने सीधा वर्णन ना करते हुए ‘पेरेसवेट’ लेझर सिस्टम का दाखिला दिया था। ‘लेझर हथियार अब सिर्फ संकल्पना नही बल्कि रशिया ने इस क्षेत्र में बडी छलांग लगाई है। पिछले वर्ष से रशियन जवान लेझर हथियारों से लैस किए गए है, जिसकी जानकारी उचित समय पर दी जाएगी’, ऐसा पुतिन ने संसद में कहा था।

उसके बाद रशिया ने पेरेसवेट के बारे में जानकारी उजागर नहीं की। लेकिन सोमवार ब्रुसेल्स में हुई नाटो की बैठक में अमरीका के विदेश मंत्री माईक पॉम्पिओ ने अमरीका और रशिया में हुए ‘इंटरमिजेट-रेंज न्यूक्लिअर फोर्सेस ट्रिटी’ (आयएनएफ) समझौते पर रशिया को कडी चेतावनी दी। रशिया जानबुझकर ‘आयएनएफ’ के समझौते का हनन करते हुए एटमी और इंटरकौंटिनेंटल बॅलेस्टिक प्रक्षेपास्त्र का निर्माण और परिक्षण करने का इल्जाम पॉम्पिओ ने रखा था। साथही अगले ६० दिनों तक रशिया को ‘आयएनएफ’ के कलमों का पालन नहीं किया गया तो अमरीका भी इस समझौते से बाहर निकलकर इससे आगे का कदम उठाएगा, ऐसा अमरीका के विदेश मंत्री ने धमकाया था।

अमरीका का ये इल्जाम रशिया ने ठुकराया था। साथही रशिया द्वारा परिक्षण किए गए इन जगहों का अमरीका सर्वेक्षण करे, ऐसा भी रशिया ने सुनाया था। लेकिन लेझर सिस्टम के तैनाती के बारे में घोषणा कर रशिया ने अमरीका को ६० दिनों के अल्टिमेटम पर कडी चेतावनी दी ऐसा दिखाई दे रहा है। इससे पहले भी रशिया ने अमरीका की सभी चेतावनीयॉं ठुकराते हुए एक साथ सीरिया तथा यूक्रेन के मसलों पर अमरीका से भिडने का जिगर हमारे देश के पास है, ऐसी चेतावनी रशिया के राजनीतिक नेता द्वारा दी जा रही है।

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