हॉंगकॉंग, दि. १५ (वृत्तसंस्था) – हॉंगकॉंग की जनता ने किए उग्र और व्यापक प्रदर्शनों के बाद गुनाहगारों को चीन के हाथ सौपने का प्रावधान करने के लिए रखा गया विवादित विधेयक हॉंगकॉंग के प्रशासन ने वापिस लिया है| हॉंगकॉंग के प्रशासकीय प्रमुख कॅरी लॅम इन्होंने इस वापसी का ऐलान करते समय इस विधेयक को लेकर बने विवाद पर तीव्र खेद जताया| लॅम इन्होंने की इस घोषणा के बाद कुछ ही घंटों में चीन ने भी अपना मत रखा है| इस दौरान संबंधित निर्णय को चीन का समर्थन होने की बात चीन ने स्पष्ट की है| साथ ही इस निर्णय के साथ ही हॉंगकॉंग में हस्तेक्षप करने की कोशिश फिलहाल नाकाम की गई है, लेकिन, सी घटना भविष्य में कभी भी दोहरा सकती है, ऐसे संकेत विश्लेषकों ने दिए है|
हॉंगकॉंग यह चीन का हिस्सा है, फिर भी वहां की प्रशासकीय व्यवस्था पुरी तरह स्वतंत्र है| चीन यह व्यवस्था नष्ट करके हॉंगकॉंग को अपनी कम्युनिस्ट हुकूमत के नियंत्रण में लाने की कोशिश कर रहा है, यह डर हॉंगकॉंग की जनता व्यक्त कर रही है| हॉंगकॉंग के प्रशासन ने रखे प्रत्यर्पण संबंधी विधेयक के जरिए स्थानिय जनता को महसूस हो रहे डर में सच्चाई होने की बात स्पष्ट हुई थी| इस वजह से अपने हक की रक्षा करने के उद्देश्य से हॉंगकॉंग की जनता बडी संख्या में रास्तों पर उतरी दिखाई दी|
पिछले सप्ताह में हॉंगकॉंग में निकाले गए ‘मिलियन मार्च’ के साथ ही लगातार प्रदर्शन शुरू हुए थे| व्यापक आंदोलन का हिस्सा होनेवाले यह प्रदर्शन तोडने के लिए पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आक्रामक कार्रवाई भी की थी| इस कार्रवाई की कडी गुंज हॉंगकॉंग के साथ पुरी दुनिया में सुनाई दी| अमरिका ने इन प्रदर्शनकारियों पर हुई हिंसक कार्रवाई पर चिंता व्यक्त की| वही, ब्रिटेन से इस कार्रवाई में हस्तक्षेप करने की मांग हो रही थी| चीन के सरकारी माध्यमों ने इन प्रदर्शनों के पीछे पश्चिमी देशों का षडयंत्र होने का आरोप रखना शुरू किया था|
लेकिन, हॉंगकॉंग के चीन समर्थक प्रशासन और चीन की हुकूमत ने शुरू किए प्रयत्न आखिरकार नाकाम किए गए है और स्थानिय प्रशासन पीछे हटने के लिए विवश होता दिखाई दिया| लेकिन यह निर्णय करते समय भी प्रशासकीय प्रमुख लॅम ने पुलिस ने की कार्रवाई का समर्थन किया है और उनका यह समर्थन करने का निर्णय चिंता का विषय समझा जा रहा है| इस वजह से अगले दिनों में भी हॉंगकॉंग में इस तरह की घटना होती दिखाई देने के संकेत भी प्राप्त हो रहे है|
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