बीजिंग — अमरीका की सामरिक महत्त्वाकांक्षाओं को रोकने के लिए चीन कम से कम हज़ार परमाणु हथियारों के साथ सुसज्जित रहें, ऐसा मशवरा ‘ग्लोबल टाईम्स’ इस चिनी दैनिक ने दिया है। परमाणु हथियार निरुपयोगी होते हैं, ऐसा बावलेपन का विचार न अपनाते हुए, अमरिकी राज्यकर्ताओं का चीन के संदर्भ में रहनेवाला दृष्टिकोण बदलने के लिए उसका इस्तेमाल किया जा सकता है, इसका एहसास रखें, ऐसी आक्रमक भूमिका ‘ग्लोबल टाईम्स’ के संपादक हु शिजिन ने प्रस्तुत की है। फिलहाल चीन के पास तीनसौ से अधिक परमाणु हथियार हैं, ऐसा बताया जाता है।
शुक्रवार को अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प और रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन के बीच फोन पर संभाषण होने की ख़बर सामने आयी थी। उसमें चीन से जुड़े मुद्दों का भी समावेश था। इसी बीच, ‘स्टार्ट’ इस क्षेपणास्त्र तथा परमाणु हथियार क़रार के बारे में बातचीत हुई और उसमें ट्रम्प ने चीन के समावेश का पुनरुच्चार किया, ऐसा भी कहा जाता है। इस पृष्ठभूमि पर, चीन का सरकारी दैनिक होनेवाले ग्लोबल टाईम्स का आर्टिकल ग़ौरतलब साबित होता है।
ग्लोबल टाईम्स के संपादक शिजिन ने लिखे संपादकीय आर्टिकल का शीर्षक ही, ‘चीन को परमाणु हथियारों की संख्या हज़ार तक बढ़ाने की ज़रूरत है’ ऐसा है। चीन सरकार को, हज़ार परमाणु हथियारों से सुसज्जित होने का मशवरा देते समय ही, उनमें कम से कम १०० ‘डाँगफेंग-४१’ ये ‘स्ट्रॅटेजिक मिसाईल्स’ और ‘जुलांग’ क्षेपणास्त्रों का भी समावेश होना चाहिए, ऐसी माँग भी की है। यह माँग करते समय ही, ‘चीन यह शांतिप्रिय देश है और परमाणु हथियारों का प्रथम प्रयोग ना करने के लिए वचनबद्ध है’ ऐसा दावा भी किया।
हम अधिक परमाणु हथियारों की माँग कर रहे होने के कारण कुछ लोग हमें युद्धखोर भी कह सकते हैं; लेकिन वे यह मुहर अमरिकी नेताओं पर लगायें, ऐसा ताना शिजिन ने मारा है। हालाँकि चीन को अमरीका के साथ शांतिपूर्ण सहयोग चाहिए, मग़र चीन उसके लिए भीख़ नहीं माँगेगा और उसे सामरिक बल पर ही हासिल किया जा सकता है, ऐसी आक्रमक भूमिका आर्टिकल में रखी गयी है। अमरीका केवल सामर्थ्य की भाषा ही जानती है, ऐसा कहकर चीन ने परमाणु हथियार सिद्धता की रफ़्तार फ़ौरन बढ़ानी चाहिए, ऐसा आग्रही सुर शिजिन ने लेख के अन्त में अलापा है।
‘ग्लोबल टाईम्स’ यह चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट हुक़ूमत की भूमिका प्रस्तुत करनेवाले दैनिक के रूप में मशहूर है। इससे पहले चीन के नेताओं और अधिकारियों ने इस दैनिक में छपे आर्टिकलों तथा वक्तव्यों का समर्थन भी किया था। इस कारण, इस दैनिक में प्रकाशित होनेवाले आर्टिकल्स चीन की नीति के संकेत माने जाते हैं। इसपर ग़ौर किया, तो १००० परमाणु हथियारों का मशवरा यह, चीन ने अपने पास के परमाणु हथियारों की संख्या बढ़ाने की शुरुआत की है, यह दर्शानेवाली बात साबित होती है।
पिछले महीने ही अमरीका के विदेश विभाग की रिपोर्ट में, चीन ने ख़ुफ़िया रूप से परमाणु टेस्ट किये हैं, ऐसा नमूद किया गया था। इस संदर्भ की जानकारी छिपाने के कारण चीन के हेतुओं पर शक़ भी उपस्थित किया गया था।
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