बीजिंग – ‘अमरीका ने उइगर वंशियों के लिए पारित किया हुआ कानून, चीन के अंदरूनी मामलों में दखलअंदाज़ी है और यह गलती अमरीका तुरंत सुधारें। नहीं तो इस मुद्दे पर चीन करारा जवाब देने के लिए सक्षम है और अमरीका को इसके गंभीर परिणाम भूगतने होंगे’ ऐसी चेतावनी चीन के विदेश विभाग ने दी है। अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने, हाल ही में अमरिकी संसद ने पारित किए ‘उइगर ह्युमन राईटस् ॲक्ट’ पर हस्ताक्षर किए हैं और इसके विरोध में चीन ने यह प्रतिक्रिया दर्ज़ की है।
पिछले कुछ वर्षों में चीन ने झिंजिआंग प्रांत के इस्लामधर्मी उइगर वंशियों का लगातार उत्पीड़न किया है और आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी दखल ली गयी है। सन २०१८ में संयुक्त राष्ट्रसंघ की एक रिपोर्ट में, चीन ने ११ लाख उइगर वंशियों को उत्पीड़न कैम्प में कैद रखा होने की हरकत की चौकानेवाली पोलखोल की गई थी। इस रिपोर्ट के बाद, पश्चिमी देशों ने उइगर वंशियों के मुद्दे पर चीन को लक्ष्य करना शुरू किया है और इसके लिए अमरीका ने पहल की है। अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प और विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने चीन में स्थित उइगर वंशियों के मुद्दे पर लगातार आक्रामक भूमिका अपनाई है।
पिछले वर्ष के अक्तूबर महीने से ही अमरीका ने उइगर वंशियों के मुद्दे पर, चीन के विरोध में कार्रवाई करना शुरू किया था। अमरिकी विदेश विभाग ने, चीन के सरकारी अधिकारी एवं शासक कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य तथा उनके परिवार जनों पर वीसाबंदी घोषित की थी। झिंजिआंग प्रांत के अंतर्गत रक्षा विभाग समेत १९ सरकारी यंत्रणाओं और ९ निजी कंपनियों को अमरीका ने ‘ब्लैक लिस्ट’ भी किया था। राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने हस्ताक्षर किया हुआ कानून इसी कार्रवाई का अगला पड़ाव है।
पिछले महीने में अमरिकी प्रतिनिधिगृह में ‘उइगर ह्युमन राईटस् ॲक्ट’ को ४१३ बनाम १ मत के फ़र्क़ से मंज़ुरी दी गई थी। संसद के वरिष्ठ सभागृह होनेवाले सिनेट में इस विधेयक को पहले ही मंज़ुरी दी गई थी। उइगर वंशियों से संबंधित इस कानून में, चिनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान है। चीन के जो भी कोई अधिकारी उइगरों के विरोधी कार्रवाई में शामिल हैं, उन सभी को लक्ष्य किया जानेवाला है।
इन अधिकारियों की संपत्ति ज़ब्त की जाएगी और उन्हें अमरीका में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। कानून में, चीन की शासक कम्युनिस्ट पार्टी के झिंजिआंग प्रांत के प्रमुख ‘शेन क्वांगुओ’ का ज़िक्र है। शेन चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के ताकतवर ‘पोलिटब्युरो’ के सदस्य हैं। झिंजिआंग में उइगरों पर की गई कार्रवाई का नियंत्रण शेन के हाथ में था। उन्होंने मानव अधिकारों का उल्लंघन किया होने का आरोप रखा गया है।
गुरुवार के दिन चीन की संसद की सबसे प्रभावी ‘स्टैंडिंग कमिटी’ की बैठक शुरू हुई है। इससे पहले बुधवार के दिन चीन की विदेश नीती के प्रमुख यांग जिएची ने अमरिकी विदेशमंत्री से भेंट की थी। इसी पृष्ठभूमि पर राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने, उइगरों से संबंधित कानून पर हस्ताक्षर करके चीन को संदेशा दिया हुआ दिखाई दे रहा है।
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